रतौंधी रोग में रात के समय देखने में बड़ी कठिनाई होती है इसके निवारण हेतु निम्नलिखित उपचार करें।
- तुलसी के पत्तों का रस दिन में तीन-चार बार आँखों में डालने से रतौंधी शीघ्र ही नष्ट हो जाती है।
- रतौंधी दूर करने हेतु गाय के गोबर के रस में लाल चन्दन घिसकर रोज़ आँखों में लगाने से शीघ्र लाभ होता है।
- प्याज़ का रस नित्य आँखों में एक-दो बूँद डालने से रतौंधी में लाभ होता है।
- रतौंधी में काली मिर्च पीस कर चूर्ण बना लें तथा दही के साथ मिला ले कर ले और उसे काजल की तरह लगाएंए शीघ्र ही लाभ होगा।
- चमेली के फूल, नीम की कोंपल (मुलायम पत्ते), दोनों हल्दी और रसौत को गाय के गोबर के रस में बारीक पीस कपड़े से छानकर आँखों में लगाने से रतौंधी रोग दूर हो जाता है।
- रीठे की गुठली को यदि स्त्री के दूध में घिसकर आँखों में लगाएँ तो यह भी रतौंधी में काफी फायदेमंद होता है।
- डोंडी के पत्तों की घी में सब्जी बनाकर सेवन करें यह भी रतौंधी में काफी फायदेमंद होता है।
- गोमूत्र में छोटी पीपल घिसकर आँखों में प्रतिदिन अंजन करें यह भी रतौंधी में काफी फायदेमंद होता है।
- बबूल के पत्ते व नीम की जड़ का काढ़ा पीना भी रतौंधी में काफी आराम आता है,यह काढ़ा बना बनाया बाजार में भी मिलता है।
- केले के पत्तों का रस आंखों पर लगाने से रतौंधी दूर हो जाती है।
- रतौंधी के रोगियों के लिए गाजर एक लाभदायक औषधि है,रोज एक गिलास गाजर का जूस पीना लाभदायक होता है ।
- रतौंधी के रोगियों के लिए आंवला एक लाभदायक औषधि है,रोज एक आंवला खाना लाभदायक होता है ।
- रीठे की गुठली को यदि स्त्री के दूध में घिसकर आँखों में लगाएँ तो यह भी रतौंधी में काफी फायदेमंद होता है।
- बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूँद आँखों में आँजने से रतौंधी रोग में आराम होता है।
- 1 से 2 ग्राम मिश्री तथा जीरे को 2 से 5 ग्राम गाय के घी के साथ खाने से एवं लेंडीपीपर को छाछ में घिसकर आँजने से रतौंधी में फायदा होता है।
- जीरा, आँवला एवं कपास के पत्तों को समान मात्रा में लेकर पीसकर सिर पर 21 दिन तक पट्टी बाँधने से रतौंधी में लाभ होता है। श्याम तुलसी के पत्तों का दो-दो बूँद रस 14 दिन तक आँखों में डालने से रतौंधी रोग में लाभ होता है, इस प्रयोग से आँखों का पीलापन भी मिटता है।
- आँखों की काली पुतली में जब सफेदी आ जाती हैए तो उसे फूला कहते है इसके उपचार के लिए हरे धनिये को पीस कर उसका रस निकल लें और उसे छान लेंद्य इस रस की दो-दो बूँदें सुबह शाम आँखों में डालने से आँखों का फूला नष्ट हो जाता है।
- रुई के फाहो पर दूध की मलाई रख कर आँखों पर बाँधने से आँखों को बहुत आराम मिलता है।
- आँखे दुखने पर हल्दी के पानी में कपडा डुबो कर आँखों पर रख।
- आँख में फूला होने पर बरगद के दूध में देसी कपूर को पीस कर बत्ती बना लें इस बत्ती को पानी में भिगो कर सुरमे की तरह लगाने से फूला कट जाता है।
- मूली के नियमित सेवन से नेत्र संबंधी बहुत से रोग स्वतः नष्ट हो जाते है और इससे नेत्रो की ज्योति भी बढ़ती है।
- रात को सोते समय सलाई से रोज शुद्ध शहद आँखों में लगाए आँखों की सारी बीमारियां दूर हो जाएँगी।
- रोहे नेत्रो का सबसे हानिकारक रोग है प्रारम्भ में इसका कुछ पता नहीं चलता और छोटे बड़े लोगों को नेत्रहीन बना देता है इस रोग का प्रारम्भ आँखे दुखने के साथ होता है आँखे लाल हो जाती है इनसे पीब निकलने लगती है आँखें साफ़ न करने से पीब आँखों के पास लगी रहती है और संक्रमण के कारण से रोग अधिक बढ़ जाता है इसके फलस्वरूप आँखों में अधिक सोथ हो जाता है साथ पलकों में भीतर की और दाने निकल आते है।
- रोहे संक्रामक रोग है घर में किसे एक को हो जाने पर दूसरा लो भी शीघ्र इसकी चपेट में आजाते है।
- परिवार में सब इसे आँख दुखना ही समझते हैलेकिन कुछ दिनों के बाद पलकों में सोथ हो जाता है फिर नन्हे-नन्हे दाने उभर आते है फिर आँखे खोलने में बहुत कष्ट होता है रोहे होने पर निम्नलिखित उपचार करने चाहिए।
- रात्रि को त्रिफला हरण ,बहेड़ा आंवलाद्ध पानी में भिगो कर रख देद्य प्रातःकाल उठने पर कपडे से छान कर उस जल से नेत्रों को साफ़ करे इससे नेत्रो की गन्दगी नष्ट हो जाती है ,रोहे समाप्त होकर नेत्रो की ज्योति बढ़ती है।
- फिटकरी भुनी हुई शुद्ध पीसकर गुलाब जल में घोलकर रख दे जब दोनों अच्छी तरह मिलजाएं तो प्रतिदिन सुबह-शाम नेत्रो को शीतल जल से धोकर एक-एक बूँद उक्त मिश्रण डालें इससे नेत्रो की लालिमा एवं सोथ नष्ट होकर रोहे ठीक हो जाते है।
- आंवले के स्वरस को जल में मिलाकर नेत्र साफ़ करने से गंदगी दूर हो जाती है और रोहे साफ़ हो जाते है।
- सहिजन के पत्तो के स्वरस में शहद और सेंधा नमक मिलाकर नेत्रों में लगाने से सोथ लालिमा नष्ट हो जाती है और रोहे नष्ट हो जाते है।