हिचकी (Hichki) रोकने के 61 उपाय नुस्खे उपचार

स्नायुओ में कुछ उतेजना होने से मध्यपट में अचानक सिकुडन होती है,जिससे हिचकी चलने लगती है| अंदर लिया जाने वाला साँस स्वर यंत्र के बंद होने से उसी अवस्था में बीच में अचानक रुक जाता है|
हिचकी अपच में चलती है परंतु कभी -कभी ये किसी भयानक रोग का लक्षण भी हो सकती है| स्नायविक विकृति में यह मिर्गी, मस्तिष्क-शोथ, तन्द्रा, हिस्टीरिया रोग का लक्षण है| हिचकी प्रायः वृक्कशोथ या मूत्ररक्त दोष में आती है | यह धनुस्तंभ, जल भीति , कुचला सत विषाक्तता से जाती है|
हिचकी यदि अपच से हो पानी में खाने का सोडा डालकर एक गिलास पीने से ठीक हो जाती है | हिचकी के रोगी को गरम दूध या गरम दूध के अतिरिक्त खाने को कुछ भी न दे | इससे पाकस्थली की उत्तेजना शांत होकर हिचकी भी अपने आप शांत हो जाएगी| दूध या जल भी ज्यादा गरम नही होना चहिये| भोजन भी पेट भरकर नही करना चहिये| साँस जितनी देर अधिक से अधिक रोक सके रोकने से हिचकी बंद हो जाती है| हिचकी के रोगी का ध्यान किसी एक और केन्द्रित करने से हिचकी बंद हो जाती है | यदि किसी विषम स्थिति के कारन हिचकी आ रही हो निंद्राकारक औषधि देने से हिचकी बंद हो जाती है| हिचकी के रोगी को कोई मीठी चीज जैसे- दानेदार चीनी, मिश्री मुह में रखकर चूसने से हिचकी बंद हो जाती है| मूली के पत्ते खाने से हिचकी बंद हो जाती है| पोदीने के पत्ते या नीम्बू चूसने से हिचकी बंद हो जाती है | पोदीने के पत्तो पर शक्कर डालकर भी चबा सकते है | हिचकी या प्यास आने के कारण
हिचकी रोग के अनेक कारण है जिसमे खाना देर से पचना, अधिक ठंडा पानी पीना, ठन्डे पानी से नहाना, अधिक वजन उठाना, मलमूत्र के वेग को रोकना | इन सब कारणों से हिचकी रोग हो जाता है| इस रोग में न चाहते हुए भी लगातार हिचकिया आतीं रहती है| ऐसे भी कई रोगी देखे गए है जिन्हें कई वर्षो से न चाहते हुए हिचकिया आ रही है|
सामान्यता इसका उपचार बहुत कम होते हुए देखा गया है लेकिन यहाँ दिए जा रहे स्वदेसी चिकित्सा उपचार से लाभ उठाया जा सकता है| हिचकी रोग वायु विकार व फ्रेनिक स्नायु की उत्तेजना के कारण गले की पेशी में संकुचन आ जाने के कारण होता है | स्नायु में उत्तेजना आमाशय भारी होने के कारण व ज्यादा मिर्च- मसाले, खटाई व कड़वे भोजन आदि का सेवन करने से आती है|
हिचकी रोग के लक्षण- रोगी को बार-बार हिचकी आती है | गला रुंध जाता है | पेट में दर्द व कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती  है| पेट में गैस ज्यादा बन जाती है और वह अपान वायु के रूप में बाहर नही निकलती| इसके अलावा उबकाई, सर दर्द, माथे पर पसीना, पेट फूलना, लंबे समय तक हिचकी आना आदि लक्षण दिखाई देते है| 

हिचकी ठीक करने के घरेलु उपाय

  1. नीम्बू-नीम्बू का रस , शहद-ये दानो एक एक चम्मच , स्वादानुसार नमक मिलाकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है| जब तक हिचकी बंद न हो हर २० मिनट में लेते रहे |
  2. प्याज-प्याज काटकर नमक डालकर हर घंटे कहने से हिचकी बंद हो जाती है |
  3. उरद-साबुत उरद जलते हुए कोयले की आग पर डाले और धुएं को सूंघे हिचकी मिटेगी |
  4. नमक- (१) सेंधा नमक, कला नमक और नित्य काम आने वाला नमक – ये तीनो सामान मात्रा में मिलाकर पीस ले | इसकी आधी चम्मच गर्म पानी में मिलाकर पिए | हिचकी बंद हो जाएगी | जिन बीमारियों में नमक बंद किया गया हो उसमे यह नही ले |
  5. ६० ग्राम पिसी हुई राई आधा किलो पानी में उबाले | चौथाई पानी रह जाने पर स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर हर घंटे पिलाते रहने से हिचकी बंद हो जाती है |
  6. सेंधा नमक पानी में घोलकर नाक में टपकाने से हिचकी बंद हो जाती है |
  7. मूली-मूली के ४ पत्ते खाने से हिचकी बंद हो जाती है , ये हर ३ घंटे में ले |
  8. पुदीना-हिचकी बंद नही होती हो तो पोदीने के पत्ते या नीम्बू चूसे| पुदीने के पत्तो पर शक्कर भी डालकर चबा सकते है| यह हर २ घंटे में करे|
  9. गुड़-पुराना गुड़ पीसकर इसमें पिसी हुई सौंठ मिलाकर सूंघने से हिचकी आना बंद हो जाती है| मटर के बराबर गोली बनाकर चूसे भी |
  10. सोडा वाटर- कोल्डड्रिंक की दुकान पर सोडा की बोतल ले केर पिलाने से हिचकी बंद हो जाती है|
  11. दूध- गरम दूध पीने दे हिचकी बंद हो जाती है, यह नित्य ३ बार करे |
  12. अदरक- सौंठ पानी में घिसकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है |
  13. सौंठ, पीपल, आवला और मिश्री इन सबको पीसकर शहद के साथ ३ ग्राम हर २ घंटे में चाटने से हिचकी में लाभ होता है |
  14. अदरक के बारीक टुकड़े चूसने से हिचकी बंद हो जाती है,बार बार चूसे|
  15. घी- थोड़ा सा गरम गरम देसी घी पी लेने से हिचकी बंद हो जाती है | घी या पानी में सेंधा नमक पीसकर मिलाकर सूंघने से भी हिचकी बंद हो जाती है|
  16. गन्ना- गन्ने का रस पीने से हिचकी बंद हो जाती है |
  17. काली मिर्च- एक कालीमिर्च सुई में चुभोकर जलाये और इसका धुंआ सुघायें , इससे हिचकी बंद हो जाती है | नित्य ३ बार करे|
  18. दालचीनी- दालचीनी चबाकर चूसे | हिचकी बंद हो जाएगी |
  19. इलाइची- हर २ घंटे में इलाइची खाने से हिचकी बंद हो जाती है |
  20. शहद- प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है | केवल शहद चाटने से भी हिचकी बंद हो जाती है |
  21. राई- १० ग्राम राई, २५० ग्राम पानी में उबाल ले और छानकर गुनगुना पिलाने से हिचकी बंद हो जाती है, हिचकी चाहे किसी भी कारण से हो |
  22. हींग- हिचकी अधिक आती हो तो बाजरे के बराबर हींग को गुड़ या केले में रखकर खाये|
  23. तुलसी-१२ ग्राम तुलसी का रस, ६ ग्राम शहद-दोनों को मिलाकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है| यह ३ बार नित्य पीये|
  24. श्वास रोकने, अकस्मात् डराने, गुस्सा दिलाने या ख़ुशी की बात कहने से भी हिचकी बंद हो जाती है |
  25. आम के सूखे पत्ते या काली उरद का चूर्ण चिलम में रखकर पीने से हिचकी रोग में लाभ होता है |
  26. पुदीने में शक्कर मिलाकर पुदीना चबाने व गरम चावलो में घी मिलाकर खाने से हिचकी रोग में लाभ होता है |
  27. बकरी का दूध उबालकर उसमे सौंठ मिलाकर पीने से हिचकी रोग में आराम मिलता है|
  28. सेंधा नमक पानी या घी में मिलाकर सूंघने से हिचकी रोग में लाभ होता हैं |
  29. मोरपंख जलाकर उसकी राख शहद के साथ चाटने से भी हिचकी रोग में आराम मिलता है|
  30. नारियल- जटा की राख को पानी में मिलाये और जब राख पानी में बैठ जाये तो पानी निथार केर पी जाये अथवा ३ ग्राम कलौंजी को बारीक पीसकर एक तौला माखन में मिलाकर चाटने से भी हिचकी रोग बंद होता है |
  31. ज्वर में यदि हिचकी आये तो सकजवीन २० तौला में ४० ग्राम तक गाजवान के अर्क में १२० ग्राम मिलाकर लेने से भी हिचकी रोग दूर होता है |
  32. गेरू को आग में भूनकर चूर्ण बनाये और १० ग्राम शहद के साथ चाटे| हिचकी में लाभ होता है|
  33. यदि तेज मसालो के कारण हिचकी आये तो कोई भी मीठी चीज खाने से तुरंत बंद हो जाती है |
  34. सेंधा नमक व काला नमक पीसकर नीम्बू का रस डालकर एक कप पानी ,में डालकर पी जाये| हिचकी रोग में लाभ होगा |
  35. तुलसी की पत्तिया व काली मिर्च १०-१० ग्राम तथा छोटी इलाइची २ ग्राम को पीसकर शहद के साथ चाटने से हिचकी रोग शांत होता है|
  36. ताजा अदरक के छोटे- छोटे टुकड़े करके चूसे | इससे कैसी भी हिचकी हो बंद हो जाती है| हिचकी रोग के लिए अदरक अचूक नुश्खा है |
  37. हिचकी आये तो दोनों कान में उंगलिया डाल ले| ऐसा करने से विशेष श्रवण तंत्रिकाओं पर दबाव के कारण हिचकी आणि बंद हो जाती है |
  38. छिलके सहित ४ छोटी इलाइची कूटकर आधा किलो पानी में उबाले| जब पानी २०० ग्राम रह जाये तो आंच से नीचे उतार ले और साफ़ कपडे से छानकर कुनकुना रहते पी जाये | एक बार लेने मात्रा से हिचकी रोग तुरंत समाप्त हो जाता है |
  39. पीपल, सौंठ, मिश्री तथा आवला इनको समभाग लेकर चूर्ण बना ले|  इस चूर्ण को आधे माशे की मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से हिचकी शांत होती है |
  40. छिलके सहित ४ छोटी इलाइची कूटकर आधा किलो पानी में उबाले| जब पानी २०० ग्राम रह जाये तो आंच से नीचे उतार ले और साफ़ कपडे से छानकर कुनकुना रहते पी जाये | एक बार लेने मात्रा से हिचकी रोग तुरंत समाप्त हो जाता है |
  41. पीपल के वृक्ष की सूखी छाल जलाकर तुरंत पानी से बुझा ले| इस बुझे हुए पानी को पिलाने से हिचकी, प्यास व वमन तीनो में लाभ होता है |
  42. दिन में २ बार अदरक का टुकड़ा मुंह में रखकर चबाने से कफ सुगमता से निकल जाता है | अदरक की गाँठ छीलकर एक ग्राम टुकड़े के रूप में ले | शहद चाटना बागी हिचकी में लाभदायक है |
  43. थोड़े से पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक घोटकर नस्य देने या सौंठ को गुड़ में मिलाकर नस्य देने से भी हिचकी बंद हो जाती है.
  44. केवल ताजे अदरक के टुकड़े को भी चूसने से भी हिचकी बंद हो जाती है | –
  45. नाक में हींग की धूनी देना भी हिचकी में लाभदायक है | सफ़ेद इलाइची को पीसकर उसके चूर्ण में थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर फंकी लगाकर ठंडा पानी पीने से हिचकी बंद हो जाती है |
  46. नीबू के रस में थोड़ा सा नमक मिलाकर पीना चहिये |
  47. नारियल का पानी दिन में ५-६ बार पीने से हिचकी बंद हो जाती है |
  48. गन्ने के रस में नीम्बू डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है |
  49. जब हिचकी आये तो लौंग भूनकर खाना चहिये|
  50. बर्फ का ठंडा पानी पीने से हिचकी बंद हो जाती है|
  51. सौंठ का चूर्ण व पुराना गुड़ इन दोनों को मिलाकर सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है |
  52. तुलसी के पत्तो का रस एक चम्मच शहद के साथ चाटने से हिचकी रुक जाती है |
  53. प्याज को काटकर बार-बार सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है |
  54. पुदीने को पानी में उबालकर पानी पीये |
  55. मुलहठी का चूर्ण शहद का साथ चाटने से हिचकी बंद हो जाती है|
  56. मोर के पंख को जलाकर २-३ रत्ती चूर्ण शहद के साथ दिन में ३-४ बार खाये|
  57. गाय का ताजा मक्खन व मिश्री खाने से हिचककी रुक जाती है |
  58. कच्चे आम की गुठली के भीतर की गिरी पीने से भी हिचकी बंद हो जाती है |
  59. धनिया के दाने मुख में रखकर चूसने से हिचकी बंद हो जाती है | 
  60. घर में रखी हुई अमृत धारा की २-३ बूँद पानी में डालकर पीने से लाभ होता है|
  61. हींग की धूनी देने से हिचकी तुरंत बंद हो जाती है| उबाले हुए चावल में घी या मक्खन डालकर खूब चबा-चबाकर खाये |

हिचकी न होने या ना के लिए परहेज और सुझाव

हिचकी से बचने के परहेज व सुझाव

  1. ज्यादा गरम व ठंडी चीजे नही खाना चहिये |
  2. सब्जियों में लौकी, तोरई, कद्दू, मटर, टमाटर, कटहल व भिन्डी आदि खाये |
  3. पेट में अफारा, खुश्की व कब्ज हो तो उसका उपचार पहले करना चहिये|
  4. भोजन करने के बाद तुरंत पानी नही पीना चहिये|
  5. हिचकी रोग में कुलफा का साग बनाकर खाये|
  6. गले व पैरो में देशी घी मलकर सोना चहिये|
  7. सोने से पहले गाय का दूध पीना चहिये|
  8. मूली में सेंधा नमक लगाकर खाये और दूध, मलाई व घी माखन आदि का सेवन ज्यादा से ज्यादा करे |
  9. भोजन करने के बाद पेशाब जरूर करे और बैंगन व करेले की सब्जी न खाये|
  10. आलू, प्याज, मांस, मछली, अंडा, अरहर की दाल, मूंग की दाल व चावल आदि का सेवन न करे |

Tags

Share this post: