कब्ज (Constipation) क्या है और क्यों होता है ?
कब्ज से जितने बुद्धिवादी ग्रस्त हैं, उतने अन्य रोगों से नहीं। कब्ज का अर्थ है- समय पर मल-त्याग न होना, मल-त्याग कम होना, मल में गाँठ निकलना, लगातार पेट साफ न होना, नित्य टट्टी नहीं जाना, भोजन पचने के बाद उत्पन्न मल पूर्ण रुप से साफ न होना, टट्टी जाने के बाद पेट हल्का एवं साफ होने का अनुभव न होना आदि।फल ,हरी सब्जिया सलाद आदि में विद्यमान रेशा मलत्याग हेतु आंत की प्रेरक गति के लिए आवश्यक है। भजन में लगाता इनका सर्वथा अभाव या बिलकुल कम मात्रा में सेवन कब्ज का मुख्या कारण है। इसी प्रकार अन्न के चोकर में उपस्थित विटामिन बी भी इस पाचन क्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और चिलकरहित अनाज जैसे मैदा,बिना चोकर का पतला आता ,मशीन का पोलिश किया चावल यदि लंबे समय तक भोजन में लिए जाए एतो कब्ज उत्पन्न करते है द्य यकृत से निकलने वाला पाचक पित्त भी आंत की इस क्रिया में सहायक होता है ,आलस्य एशारीरिक श्रम का अभाव ,मोटापा,पीलिया,कमजोरी ,मधुमेह,क्षयरोग बुढ़ापा आदि अन्य ऐसे कारण है जिनसे आते निर्बल हो जाती है आंतो की निर्बलता के कारण उनकी क्रिया शीलता और कार्यशीलता प्रभावित होने से कब्ज हो सकता है बराबर अजीर्ण के कारण तथा पेट बम अधिक गैस बनने के कारण भी मल का निष्कासन भली-भांति नहीं हो पाता तम्बाकू व अन्य नशीले पदार्थो के सेवन से प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन एआंत में कैंसर या टी बी होने से भी कब्ज बना रहता है किसी स्थान का पानी भारी होना भी कब्ज का कारण हो सकता है,चिंता,शोक,क्रोध,विक्षुब्धता,उदासी,अवसाद,अप्रसन्नता,तनाव आदि मानसिक कारणों से भी पाचक रसो और आंतो की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है एजो अंततः कब्ज केकारण बनती है पेट में कीड़े होने के कारण भी कब्ज हो सकता है।कब्जियत का अर्थ है- पेट की नियम पूर्वक सफाई न होना, मल कड़ा होना, मल त्याग में देरी होना और आंतों की गति अनियमित हो जाना। इंसानो में मल त्याग की आदत अलग-अलग होती है. जब संभावित समय पर दो-चार बार जाने पर भी मलत्याग न हो तो तब व्यक्ति अपने आपको कब्ज (kabj) से परेशान मान लेता है। अगर मलत्याग के दौरान आपको अधिक जोर लगना पड़े और मल सूखा और कड़क आये तो निश्चित रूप से कब्ज (kabj) है। सामान्यतः कब्ज (kabj) कोई रोग नहीं पर इससे अन्य रोग पैदा हो जाता है।
कब्ज के लक्षण – Symptoms of Constipation 1. मल त्याग कठिनता से होता है।
2. शौंच जाने के बावजूद पेट साफ़ नहीं होता।
3. पेट में भारीपन बना रहता है।
4. मल चिकनाई युक्त रहता है।
5. शरीर में स्वाभाविक स्फूर्ति नहीं रहती है।
6. पेट में गैस बानी रहती है।
7.भूखन में क्रमशः कमी आती जाती है।
8. लंबे समय तक कब्ज रहने की स्थिति में पेट में दर्द एखट्टी डकारे व पेट में जलन शुरू हो जाती है।
9.व्यक्ति को बेचनी।
10.पेट दर्द।
11.सर दर्द ।
12.जी मचलना।
13.पेट फूलना ।
Kabj Dur karne ke Gharelu Nuskhe |
कब्ज के कारण – Causes of Constipation
कब्ज होने के मुख्य कारणों में है असमय भोजन करना अधिक देर तक बैठे रहना अपाच्य भोजन करना कब्ज का देसी इलाज काफी सरल है , कब्ज के कारण शरीर तंत्र प्रभावित होकर अनेक रोग उत्पन्न हो जाते है इस अध्याय में स्वदेशी चिकित्सा द्वारा कब्ज कैसे दूर किया जाए यह उपाय बताया जा रहा है।पर्याप्त कहना या भोजन न करने से कब्ज (kabj) हो सकता है।
तेज़ बुखार या बुखार दूर करने के इंग्लिश दवा के बुरे प्रभाव से कब्ज (kabj) हो जाता है।
मल उत्सर्जन की अनियमित आदत से कब्ज (kabj) हो जाता है।
कब्ज (Constipation) रोकने के लिए घरेलु उपाय – Home Remedies For Constipation
- तीन माशा आवला चूर्ण की फांकी पानी से ले द्य चूर्ण न ले तो २.४ माशा सूखे आंवले रात में भिगोकर रख दे द्य उसी पानी को सुबह मथकर छानकर पी जाइये द्य तुरंत पाखाना जाना पद जाएगा।
- गाजर व पालक का रस मिलाकर उसमे एक निम्बू निचोड़े और चार चम्मच शहद के साथ पि जाए कब्ज के लिए यह रामबाण औषधि है।
- आधा चम्मच सेंधा नमक को एक निम्बू निचोड़ कर ग्लास भर पानी के साथ पी जाए।
- अगर कब्ज की समस्या रोज बनी रहती है तो अदरक को बारीक काट ले तथा सुबह -शाम गुड़ के साथ खाये।
- अगर कब्ज की समस्या रोज बनी रहती है बानी रहती है तो अदरक को बारीक काट ले तथा सुबह-शाम गुड़ के साथ खाये।
- साग सब्जी में लहसुन का अधिक प्रयोग करे।
- सामान्य कब्ज में बब्बूगोशा खाये।
- यदि कब्ज के कारण पेट पथ्थर सा हो गया हो तो आधा गिलास नाशपातियों का रस पिए।
- काली निशोध का चूर्ण ३ माशा को ६ माशा देने से रोगी को दस्त होता है ज्वर में दस्त लाने की यह सबसे अच्छी औषधि है।
- पुराना बिगड़ा हुआ कब्ज हो तो दो संतरो का रस ८-१० दिन तक लेने से कब्ज ठीक हो जाता है संतरे के रस में नमक ,बर्फ, अथवा मसाला इत्यादि नही होना चाहिए।
- जंगी हरड़ अमलतास का गूदा पीपरामूल नागरमोथा कुटकी इन सबको ६.६ माशा लेकर आधा किलो पानी में औटाये जब चौथाई पानी रह जाय तब उतार कर छान ले इसके क्वार्ट्स दस्त साफ़ होता है।
- यदि रोगी गर्म मिज़ाज़ हो तो २० ग्राम गुलकंद १५ बीज निकले मुनक्के उबालकर खिलाये रोगी को जल्द ही लाभ होगा।
- गुठली निकाली हुई बड़ी हरड़ का मुरब्बा एक अथवा दो चम्मच नग खिलाकर ऊपर से २५० ग्राम दूध पिला देने से ही ३.४ दस्त हो जाते है नाजुक मिजाज को एक हरड़ भी ज्यादा नहीं देनी चाहिए ।
- कब्ज की अधिकता के कारण यदि बुखार में दस्त कराना हो २.२ टोला अरंडी के तेल को २५० ग्राम दूध में मिलकर गर्भवती स्त्री तक को दिया जा सकता है।
- आम खाके दूध पीने से भी कब्ज दूर हो जाता है।
- आवला सुख ३.४ ग्राम रात को पानी में भिगोकर सुबह मसलकर अथवा छानकर पानी पीने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है।
- सेब और चुकुन्दर का रस पीते रहने से भी कब्ज दूर होती है।
- सुबह उठके दो गिलास पानी पीने व एक गिलास में निम्बू डालकर पीने से कब्ज दूर होता है।
- आड़ू का रस १-२ प्याला नित्य पीते रहने से कब्ज दूर हो जाती है।
- चोकर सहित आते की रोटी आ छिलका रहित दाल का प्रयोग करने से पेट साफ़ रहता है।
- ताज़ा आवला खाते रहने से भी पेट साफ़ रहता है।
- हल्दी का चूर्ण एक चम्मच प्रतिदिन सोने से पूर्व दूध के साथ लेने से कब्ज व बवासीर से छुटकारा मिल जाता है।
- संतरा दो नग लेकर सुबह उसका रस निकल ले , उसमे थोड़ा पानी मिलाकर पी जाए ऐसे में कब्ज में स्वतः आराम मिलता है।
- पपीता ,अमरुद तो स्वयं कब्ज की औषधीय है ,इनका प्रयोग करते रहने से कब्ज में आराम मिलता है।
- कुलफा ,मेथी चौलाई ,पोइ ,शलजम मूली ,पत्तागोभी,फूलगोभी या चुकंदर की ताज़ी पत्तियो का किसी न किसी रूप में सेवन अवश्य करे इनका गाजर तथा टमाटर का सूप पिए।
- सुबह उठते ही बासी मुह ताँबे के बर्तन में साफ़ रक्खा हुआ पानी पिटे रहने से कब्ज दूर रहता है।
- कब्ज के रोगियों को अधिक से अधिक पके हुए पपीते का सेवन करना चाहिए।
- गव्वारपाठ की मांसल पत्तियो के रस अथवा गूदे माँ नमक मिलाकर सेवन करने से कब्ज दूर होती है.
- सौंठ का चूर्ण २ ग्राम लेकर उसमे थोड़ा सा नमक मिला ले गर्म पानी के साथ इसे ग्रहण करते रहने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है।
- शयन में रात्रि को आम चूसकर दूध पी जाए प्रातः हाजत होगी रात्रि में सेब खाना भी कब्जनाशक है खरबूजा खाने से भी कब्ज नहीं होता।
- यदि कब्ज दीर्घकाल से चल रहा हो तो पेड़ू पर गीली मिटटी लपेटके पोटली की तरह बांधे बंधा मल खुल कर आएगा।
- नागौरी असगंध कूट.पीसकर चूर्ण बनाकर गाय के दूध के साथ रात्रि में तीन माशे रात को सोते समय ले प्रातः मल खुलकर आएगा।
- त्रिफला जल व शहद का रात्रि में सेवन करे इससे कब्ज चला जाता है।
- सामान्य कब्ज हो तो रात्रि में शयन से पूर्व १०-१२ मुनक्के बीज निकालकर दूध में उबालकर खाये और वही दूध पी जाए।
- कब्ज पुराना व बिगड़ा हो तो संतरो को खाली पेट खाये रस में शहद नमक शक्कर आदि कुछ भी न डाले।
- इसबगोल की भूसी को आधा पाँव दही में मिलाये इसे खाने से भी जाती है। कब्ज की शिकायत नहीं रहती।
- एक चम्मच त्रिफला चूर्ण व एक गिलास दूध लेने से भी कब्ज की शिकायत नही रहती ।
- पीली काबली हरण को रात में भिगोकर प्रातः मथकर उसमे थोड़ा नमक मिलाये तथा ली जाए कितना भी पुराना कब्ज हो दूर हो जाता है।
- एरंड का तेल आयु के अनुसार गर्म पानी या दूध में मिलाकर शयन से पूर्व ले शौंच खुल कर आएगा।
- यदि कच्ची शलजम खाई जाए तो दस्त खुलकर व साफ़ आने लगती है।
- रात्रि में हरड़ खाने से सुबह पेट साफ़ हो जाता है और कब्ज दूर हो जाता है।
- भोजन के बाद दूध के साथ आम खाने से कब्ज ठीक हो जाता है।
- अमलतास का फूल व गूदा खाने से कब्ज ठीक हो जाता है।
- सौंठ ,दालचीनी ,जीरा ,इलाइची ४.४ ग्राम लेकर एक रत्ती केसर मिलाकर सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर होती है।
- गर्म पानी में एक गुलाब का फूल भिगो दे और उसे मथकर शहद डालकर वह पानी पी जाए इससे कब्ज दूर हो जाती है।
- तिल कूटपीस कर इसमें थोड़ी खांड मिलाके सेवन करने से भी कब्ज दूर हो जाता है।
- तीन चम्मच मूंगफली के तेल में थोडा- सा शहद मिलाकर सेवन करने से कब्ज रोग ठीक हो जाएगा।
- भोजन और खाने की आदतों में सुधार लाना आवश्यक है भोजन में हरी सब्जियों एसलादए आदि रेशे युक्त पदार्थो की कमी है एतो इनकी पर्याप्त मात्रा लेनी चाहिए।
- मैदे का प्रयोग भोजन में बंदकर चोकर युक्त आते की रोटी खाना शुरू करे एमशीन का साफ़ किया हुआ चावल या पोलिश किये अनाज का प्रयोग बंद कर दे।
- पानी दूषित या भारी होने की स्थिति में उबालके पिए गरिष्ट भोजन का त्याग करके हल्का व सुपाच्य भोजन खाये।
- मरीज को चिंता शोक भय अवसाद आदि मानसिक भावो का त्याग कर प्रसन्नचित्त रहना चाहिए।
- सुबह खाली पेट सेब छिलका सहित खाये।
- सुबह खाली पेट पपीते की फांक पर कला नमक ए काली मिर्च व नीम्बू डालकर ले ]दोपहर व रात के भोजन में भी नीम्बू का प्रयोग करे।
- नाश्ते में एक चम्मच गुलकंद को एक गिलास संतरे के रस के साथ ले।
- सुबह -शाम नारियल का एक -एक गिलास पानी पिए।
- पके हुए आम का रस गर्म दूध के साथ ले।
- गेंहू के चोकर की चाय बनाकर ले चोकर को ६ गुना पानी में उबालकर उसमे नीम्बू व शहद मिलाकर रात को सोते समय ले।
- एरंड का ताल ४ चम्मच रात को सोते समय गर्म दूध के साथ ले अथवा ४ चम्मच एरंड का तेल तथा सौंठ का काढ़ा बराबर मात्रा में मिलाकर प्रातः काल ले।
- पके हुए बाले का गूदा गुड़ के साथ रात को सोते समय ले।
- सुबह खली पेट एक गिलास गुगुने पानी में नीम्बू व एक चम्मच शहद मिलाकर ले।
- बेल गिरी का गूदा गुड़ या शक्कर के साथ रात को सोने से पहले ले।
- २.३ सूखे अंजीर रातभर पानी में भिगोकर रखे अगली सुबह एक चम्मच शहद के साथ ले यदि मधुमेह के कारण कब्ज हो तो सिर्फ अंजीर के बीज ही शहद के साथ लेएगूदा नहीं।
- रात में पानी में भिगोकर रखे हुए दो सूखे आवले या दो ताजे आवले का गूदा सुबह एक चम्मच शहद में मिलाकर ले।
- संतरे ,बेल , अनार या नीम्बू का शरबत २०-४० मिली लीटर दिन में तीन बार ले।
- काबुली पीली हरड़ रात को पानी में भिगोलें सुबह हरड़ को भिगोये हुए पानी में रगड़े व थोड़ा सा नमक मिलाकर पिलाये एक हरड़ ५-७ दिन काम देगी द महीने भर में पुरानी से पुरानी कब्ज भी दूर हो जाएगी।
- २० मुनक्के एक गिलास दूध में उबालकर रात में सोने से पहले ले।
- एक भाग सौंठ ए ५ भाग त्रिफला और ५ भाग सौफ को बारीक पीस ले द्य बाद में इसमें ५ ग्राम बादाम की गिरी और ३ भाग मिश्री मिलाकर कूट ले द्य रात को सोने से पहले यह ऐ चमच दवा दूध के साथ लेने से कब्ज ख़त्म हो जाती है।
- हींग , सेंधा नमक और शहद बराबर मात्रा में लेकर मिलाये तथा एक से २ इंच लंबी व डेढ़ इंच मोती बत्ती बनाये इस बत्ती को घी से चिकना कर गुदा मार्ग में डाले।
- एक एक चम्मच बादाम रोगन गर्म दूध में सुबह शाम ले।
- बथुए की सब्जी का प्रयोग अधिक करे ए इसमें तेल न डाले ए केवल थोड़े से सेंधा नमक का प्रयोग करे।
- बथुए का रायता भी कब्ज में लाभदायक है बथुए के उबले हुए पानी में नीम्बू का रस जीरा , कालीमिर्च ,सेंधानमक मिलाकर दिन में ३ बार पिए।
- सौफ को तवे पर भूने , अधभुनी अवस्था में इसे उतारले और सुबह शाम भोजन के बाद इसका सेवन करे।
- रात में भोजन के साथ एक या दो अमरूद खाये ,नाश्ते में यदि अमरूद लिया जाये तो कब्ज के साथ- साथ अफारा , पेट गैस आदि अनेक रोगों में फायदा होता है कला नमक ,कालीमिर्च व नीम्बू स्वाद के अनुसार प्रयोग करे।
- पके हुए दो केले नियमित रूप से रात को खाये।
- रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नीम्बू का रस मिलाकर ले।
- सुबह खली पेट तरबूज खाये या तरबूज का रस पिए।
- अमलतास के फूल छाया में सुखाकर करके मिश्री बराबर भाग मिलाकर चूर्ण कर ले. ६ ग्राम चूर्ण पानी के साथ रोज लिया करे. इस उपचार से कब्ज (kabj) दूर हो जायेगा।
- रात में रट समय दूध में मुनक्के (बीज निकल कर) उबल कर खाने से कब्ज (kabj) दूर हो जाता है।
- कब्ज (kabj) हो गया हो तो काला तिल कूट कर गुड के साथ ५० ग्राम सुबह और ५० ग्राम शाम को लेने से कब्ज (kabj) में लाभ होता है।
- दो अंजीर १२ घंटे पानी में भिगोकर रखे. सुबह चबा-चबाकर खाये और उसका पानी पी जाये पर पानी घुट-घुट करके पी ले. इससे आपका कब्ज दूर हो जायेगा।
- एक भाग हरड़, दो भाग त्रिफला और चार भाग आंवले को मिलकर कूट पीसकर गुणकारी औषधि त्रिफला बनती है. रात को सोने से पाहले हलके गरम पानी से या दूध से ५ ग्राम त्रिफला चूर्ण लेने से कब्ज (kabj) ठीक हो जाता है।