शिव शक्ति पॉइंट (Shiv-Shakti Point): चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता
भारत ने 23 अगस्त 2023 को अपने चंद्रयान-3 मिशन के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ़्ट लैंडिंग की सफलता प्राप्त की। इस ऐतिहासिक घटना के तीन दिन बाद, 26 अगस्त 2023 को, इस लैंडिंग साइट का नाम Shiv Shakti (शिव शक्ति पॉइंट” रखा गया। यह नामकरण बेंगलुरु स्थित ISTRAC मुख्यालय में किया गया था। यह सफल लैंडिंग भारत को चंद्रमा के उस सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला और कुल मिलाकर चौथा देश बनाता है। इस लैंडिंग साइट के निर्धारित निर्देशांक 69.367621°S 32.348126°E हैं, और यह Manzinus C और Simpelius N क्रेटर्स के बीच स्थित है।
चंद्रयान-3: Shiv Shakti Point से जवाहर स्थल तक का सफर
प्रस्तावना
२३ अगस्त, २०२३ को चंद्रयान-3 का चंद्र अवतरक ने सफलतापूर्वक अपना अवर्तन किया, जिसका नाम ‘शिव-शक्ति बिंदु’ रखा गया। यह अवर्तन मैंजिनस सी और सिम्पेलियस एन के घातक बीच में किया गया। आज हम बात करेंगे इस मिशन के विभिन्न अवर्तन स्थलों—जवाहर स्थल, तिरंगा पॉइंट, और शिव-शक्ति बिंदु—के नामकरण और उनका महत्व।
Shiv Shakti Point: नामकरण का महत्व
उन्होंने कहा, “‘Shiv’ मानवता के कल्याण का प्रतीक है और ‘Shakti’ हमें इसे प्राप्त करने की क्षमता देती है।” ‘Shakti’ में महिला शक्ति का भी सम्मान किया गया है।
शिव-शक्ति बिंदु Shiv-Shakti: नामकरण का महत्व
शिव-शक्ति बिंदु के नामकरण से भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “शिव-शक्ति का मिलन ही असल में शृष्टि का आधार है।” प्रधानमंत्री का इसरो टेलेमेट्री ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) में आगमन बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन की उपलब्धियों की सराहना की और मून लैंडर के उतरने के स्थल को ‘शिव-शक्ति स्थल’ के नाम से जाना जाएगा।
तिरंगा पॉइंट: राष्ट्रवाद के नए आयाम
तिरंगा पॉइंट, चंद्रयान-२ के क्रैश स्थल का नाम, राष्ट्रवाद के नए आयाम को प्रस्तुत करता है। यह नाम भारत के तिरंगे के तीन रंगों—केसरिया, सफेद, और हरा—का प्रतीक है। प्रधानमंत्री जी ने चंद्रयान-2 के अवतरण स्थल को ‘Tiranga Point’ के नाम से पुकारने की घोषणा भी की। “हर घर में तिरंगा और चंद्रमा पर भी तिरंगा, इस पॉइंट को ‘Tiranga Point’ के नाम से जाना जाएगा।” यह नाम भारत के गर्व को नहीं केवल कैप्चर करता है बल्कि इसे अब एक आत्मविश्वास से स्पर्श करने वाले देश के रूप में देखा जाता है।
जवाहर स्थल और जवाहर पॉइंट: भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के आधार
जवाहर स्थल, चंद्रयान-१ का अवर्तन स्थल, और जवाहर पॉइंट, जिसे भी जवाहर स्थल के रूप में जाना जाता है, के नाम जवाहरलाल नेहरू के समर्पण में रखे गए हैं। इन स्थलों का नामकरण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की प्रगति और देश के पहले प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को प्रतित करता है।
इस्ट्रैक:
इस्ट्रैक, इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग, और कमांड नेटवर्क, बेंगलूरु में स्थित है और यह इसरो के सभी उपग्रह और लॉन्च व्हीकल मिशन्स को मॉनिटर करता है।
पीएम मोदी का भाषण: मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-३, शिव-शक्ति बिंदु, तिरंगा पॉइंट, और जवाहर स्थल के महत्व को बताया और कहा कि यह नामकरण भारत की वैज्ञानिक सोच को नए ऊँचाइयों तक पहुंचाएंगे।
विश्लेषण
- चंद्रयान-३ और नामकरण: चंद्रयान-३ का सफल अवर्तन ने भारत को अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।
- नामकरण का असर: शिव-शक्ति (Shiv-Shakti Point), तिरंगा पॉइंट, जवाहर स्थल, और जवाहर पॉइंट के नामकरण ने भारत की राष्ट्रीय और सामाजिक पहचान को मजबूती दी।
- भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम: इन अवर्तन स्थलों के नामकरण से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के भविष्य के नए आयाम खुले हैं।
चंद्रयान-३ के सफल अवर्तन और शिव-शक्ति बिंदु, तिरंगा पॉइंट, जवाहर स्थल, और जवाहर पॉइंट के नामकरण ने ना केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बल दिया है, बल्कि ये भारत के भविष्य और उसकी अंतर्राष्ट्रीय पहचान का भी महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। यह नामकरण भारत की अनन्य पहचान और उसके अंतरिक्ष कार्यक्रम के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है।