जुकाम एक ऐसा रोग है जो कभी भी, किसी को भी हो जाता है। यह रोग स्त्री, पुरूष, बच्चे व बूढ़ों सभी को होता है। यह रोग बरसात के महीने व जाड़े के महीने में ज्यादा होता है। धूल-धुआं, मिट्टी व बर्फीली जगहों पर यह अक्सर ही हो जाया करता है। यह देखा जाए तो संक्रामक भी होता है। जुकाम होने पर रोगी को बहुत ही परेषानी उठानी पड़ती है।
जुखाम होने के कारण
पसलियों में दर्द ठंडा पानी, बर्फ, तरबूज, लौकी, संतरा, केला, अनार, नारंगी, खीरा, सेब, बासी या ठंडा दूध आदि ज्यादा मात्रा में सेवन करने से होता है। पसलियों में ज्यादा हवा भी लग जाती है तो दर्द शुरू हो जाता है। यह रोग बच्चों को ज्यादा होता है। बच्चों के फेफड़ों व शरीर में जल्दी ठंड लग जाती है। धूप में काम करने के बाद ठंडा पानी पीने से भी फेफड़ों में ठंड लग जाती है। यही ठंड पसलियों में दर्द उत्पन्न कर देती है।
जुखाम होने के लक्षण
सांस बहुत तेज चलने लगती है। भूख-प्यास नहीं लगती है और हाथ-पैर ढीले पड़ जाते है। रोगी का हाथ बार-बार पसलियों पर जाता है। गले में खुष्की, माथे पे पसीना, बेचैनी व बुखार आदि का लक्षण भी दिखाई देता है।
जुखाम दूर करने के घरेलु लक्षण
- हींग को पानी में घोलकर विक्स की तरह बार-बार सूंघने से जुकाम जल्दी बहकर ठीक हो जाता है।
- मूली के बीजों का चूर्ण आधा चम्मच शहद के साथ चाटने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- जायफल को पानी में घिसकर चंदन की तरह माथे व नाक पर लगाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- 10-15 ग्राम हल्दी का चूर्ण व 10-15 ग्राम अजवाइन को एक कप पानी में आंच पर पकाएं और जब पानी जलकर आधा रह जाए तो उसमें थोड़ा-सा गुड़ मिला लें। इसे छानकर दिन में 3-4 बार पीने से दो दिन में जुकाम ठीक हो जाएगा।
- अदरक को छोटा-छोटा काटकर देषी घी में भून लें। फिर उसे दिन में 5-6 बार कुचलकर खा जाएं। इससे जुकाम बह जाएगा व रोगी को आराम मिलेगा।
- नाक के बाहर व नाक के भीतर सरसों का तेल थोड़ी-थोड़ी देर बाद लगाने से जुकाम का पानी बह जाएगा।
- चिरायता, सोंठ, अडूसे की जड़ व कटेरी की जड़ इन सब को 5-5 ग्राम लेकर काढ़ा बनाकर पीने से जुकाम पीने से जुकाम अच्छा हो जाता है।
- 4-5 चम्मच सौंफ, 4-5 लौंग व 5-6 कालीमिर्च को एक कप पानी में उबालें। चैथाई कप रह जाने पर बूरा मिलाकर घूंट-घूंट पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- एक कप गाय के दूध में एक चम्मच पिसी हुई हल्दी व थोड़ी-सी चीनी मिलाकर पीने से जुकाम अच्छा हो जाता है।
- लहसुन की 2-3 पूतियों को आग में भूनकर पीस लें। फिर चूर्ण को शहद के साथ चाटने से जुकाम ठीक हो जाएगा।
- एक चम्मच पिसी सोंठ को फांककर ऊपर से गुनगुना पानी पीने से जुकाम भाग जाता है।
- एक चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर चाटने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- पांच मुनक्के एक कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो मुनक्के निकालकर चबा जाएं और फिर घूंट-घूंट पानी पी लें। जुकाम ठीक हो जाएगा।
- दालचीनी व जायफल दोनों एक चम्मच की मात्रा में चूर्ण के रूप में लेने से जुकाम गायब हो जाता है।
- तुलसी के 10-12 पत्ते व 5-6 कालीमिर्च इन दोनों की चटनी बनाकर गुड़ के साथ खाने से जुकाम अच्छा हो जाता है।
- पत्तियाँ पुदीना, 5-6 कालीमिर्च व एक चुटकी नमक इन सबको चाय की तरह उबालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- अगर नाक से पानी बहता हो तो गर्म पानी की भाप को नाक से खींचें। नाक से पानी बहना बंद हो जाएगा।1
- 125 ग्राम धनिया कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें। जब पानी चैथाई भाग रह जाये तो छानकर 125 ग्राम मिश्री मिलाकर फिर गर्म करें। जब गाढ़ा हो जाये तो उतार लें। यह प्रति दिन दस ग्राम चाटें। मस्तिष्क की कमजोरी से होने वाली जुकाम, ठीक हो जायेगी। मस्तिष्क की कमजोरी भी ठीक होगी।
- जुकाम और गले के रोगों में शहतूत हितकर है।
- गाजर का रस 310 ग्राम, पालक का रस 125 ग्राम मिलाकर पीने से सर्दी, जुकाम ठीक हो जाते हैं।
- जुकाम में 15 ग्राम सौंफ, 5 लौंग आधा किलो पानी में उबालें, चैथाई पानी रहने पर देषी बूरा या चीनी मिलाकर घूँट-घूँट पीयें।
- यदि जुकाम, दमा में कफ गिरता हो तो नित्य तीन बार एक चम्मच पिसी हुई हल्दी की गर्म पानी से फँकी लें।
- हल्दी का धुआँ सूँघने से जुकाम का पानी, कफ बह कर बाहर आ जाता है। इसके बाद आधा घंटा पानी नहीं पीयें।
- एक कप गर्म दूध में 10 काली मिर्च पिसी हुई, आधा चम्मच हल्दी पिसी हुई मिलाकर लेने से जुकाम, बुखार में लाभ होता है।
- सेंधा नमक एक भाग, देषी चीनी (बूरा) चार भाग, दोनों मिलाकर पीस लें। यह आधा चम्मच नित्य तीन बार गर्म दूध से लेने से जुकाम ठीक होता है।
- गुनगुने पानी में नीबू निचोड़कर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। तेज जुकाम हो तो एक गिलास उबलते हुए गरम पानी में एक नींबू इच्छानुसार शहद मिलाकर रात को पीयें।
- एक छोटा चम्मच शहद, नीबू का रस और थोड़ा-सा अदरक का रस एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पिएँ। इस दौरान चाय या काॅफी का सेवन न करें।
- जिन व्यक्तियों को बार-बार जुकाम, सर्दी लग जाती है, वे थोड़े समय तक मौसमी का रस पीकर इससे स्थाई रूप् से बच सकते हैं।
- जुकाम में मुनक्का लाभप्रद है। जुकाम बार-बार लगता हो, ठीक ही न होता हो तो 11 मुनक्का, 11 काली मिर्च, 5 बादाम भिगो कर छील लें। फिर इन सबको पीस कर 25 ग्राम मक्खन में मिलाकर रात को सोते समय खायें। प्रातः दूध में पीपल, काली मिर्च, सौंठ डाल कर उबाला हुआ दूध पीयें। यह कई महीने करें। जुकाम स्थाई रूप से ठीक हो जायेगा।
- बादाम, 6 मुनक्का, 6 पिस्ते, एक लौंग, एक इलायची, दो चम्मच खषखष- सबसवेरे पानी में भिगो दें। पानी इतना ही डालें कि ये भीगी रहें। शाम को बादाम छील लें, मुनक्का के बीज निकाल लें तथा सब को पीसकर गीले मोटे कपड़े में पोटली बाँध कर तवे पर सेक लें। रात को सोते समय इसे खायें और पानी नहीं पीयें। जुकाम ठीक होगी।
- गर्म पानी के साथ मुनक्का लेने से जुकाम ठीक हो जाती है।
- सरसों का तेल- पुरानी जुकाम में जब नाक से दुर्गन्ध आये, रक्त रंजित या रक्तहीन पीले श्लेष्मा के छिछड़े गिरते हों तो सोते समय 15 बूँद सरसों के तेल में 7 बूँद पानी मिलाकर मथें, रगड़ें और झाग आने पर सूँघें तथा नाक में भी लगायें, लाभ होगा।
- दस तुलसी के पत्ते, पाँच काली मिर्च पानी में मिलाकर चाय की तरह उबालें। फिर इसमें थोड़ा-सा गुड़ और देषी घी या सेंधा नमक डालकर पीयें। इससे जुकाम में लाभ होता है। छोटे बच्चों को तुलसी के पत्ते दूध में उबाल कर दें।
- दो चम्मच शहद, 200 ग्राम हल्का गर्म दूध, आधा चम्मच मीठा सोडा इन सबको मिलाकर सुबह-षाम को पिलायें, इससे बहुत पसीना आयेगा। पसीने में हवा न लगने दें। इससे जुकाम, फलू ठीक हो जायेगा।
- 30 ग्राम शहद, दो चम्मच अदरक का रस गर्म पानी मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- जायफल को पानी में घिसकर शहद में मिलाकर सुबह-षाम चाटने से बच्चों को जुकाम जो बार-बार लगता है, ठीक हो जाता है।
- जलते हुए कोयलों पर शक्कर डाल कर नाक से धुआँ अन्दर खींचने से रूका हुआ जुकाम ठीक हो जाता है।
- गर्मी में राई को शहद में मिलाकर सूँघने एवं खाने से जुकाम मिटता है।
- काली मिर्च- रात को 10 काली मिर्च चबाकर गर्म दूध पीयें, इससे जुकाम में लाभ मिलता है।
- इमली- तुरंत सर्दी हुई हो तो इमली के पत्तों को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी को एक कप की मात्रा में दो बार पीएँ।
जुखाम होने में क्या खाये और क्या न करे –
- अगर बड़ों की पसली चल रही हो और उसके कारण दर्द हो रहा हो तो ठंडी चीजें, ठंडा पानी, बर्फ, अरहर की दाल, मलका की दाल, चावल, छोले, पलाव आदि का सेवन न करें।
- दही, केला, अनार, मछली, अंडा व अन्य मांसाहारी चीजें न इस्तेमाल करें।
- अगर पसली चलने के कारण बच्चे को दर्द हो रहा हो तो उसे गाय या बकरी का दूध, मूंग की दाल, पालक, चैलाई, शलजम, मेथी, चपाती आदि खिलाएं।
- ठंडा पानी, फ्रिज का पानी, कोका कोला, आइसक्रीम आदि बिल्कुल न दें।
- बच्चे को भोजन करने के बाद कुछ देर धूप में बैठाएं।
- दूध, मलाई, दालमोठ, पकौड़ी, मिठाई आदि कफ बनाने वाले पदार्थ न खाएं।
- धूप इस रोग में बहुत ही फायदेमंद है।