कान में दर्द क्यों होना शुरू हो जाता है ?
रोग-कान दर्द का रोग लगभग – लगभग हर किसी को हो सकता है . इस रोग में रोगी को पीड़ा व तकलीफ होती है . यह रोग तब होता है . जब कोई कीटाणु, ठंडी वायु या पानी कान के अंदर परतों तक पहुच जाता है . ऐसी स्थिति में कान में सूजन आ जाती है और असहाय दर्द होता है. कभी कभी कान में असहाय दर्द होने लगता है . यह दर्द खून के रूकावट या परदे में चोट आदि के कारण होता है. इस स्थिति में लोग किसी भी चीज से कान को खोदने लगते है . कान खोदते-खोदते कान के अंदर का भीतरी भाग छिल जाता है . छिलने के कारण और भी दर्द शुरू हो जाता है .
कान दर्द होने का कारण
कान दर्द कान में ठण्ड लगने, कान में पानी जाने, मैल जमने, फुंसी,सूजन,चर्मरोग ,कान को बार बार खोदने,कान में सूजन आ जाने,चोट लगने और इसके अलावा जुखाम, खासी,खसरा,तपेदिक व कान में गंदे कीड़े के जाने आदि से उत्पन्न होता है . कान दर्द का इलाज जल्द शुरू करदेना चहिये वरना काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है
कान दर्द होने का लक्षण –
कान दर्द के अनेक लक्षण दिखाई पड़ते है . जैसे-सिर दर्द,पलकों पर सूजन,कान में भारीपन, कान के बाहर व भीतर सूजन , सर्दी के साथ बुखार , कान में साय-साय की आवाज, कम सुनाई देना, कान से खून बहना, मवाद बहना आदि . ये तमाम लक्षण कान दर्द होने पर साफ़-साफ़ दिखाई देते है .
कान दर्द ठीक करने के घरेलु नुस्खे – Ear Pain Relief Home Remedy
- सरसो के तेल में एक चम्मच अजवाइन डालकर आग पर पकाये. जब तेल अच्छी तरह पक जाये तो उसे नीचे उतार के छान ले . इस तेल को कान में बूँद बूँद करके दिन में ३-४ बार डालने से कान का सारा दर्द दूर हो जाता है .
- लहसुन का तेल कान में डालने से कान दर्द तुरंत ठीक हो जाता है .
- एरंड व सरसो का तेल गरम करके कान में डालने से कान दर्द ठीक हो जाता है.
- कान के दर्द व घाव को ठीक करने के लिए माँ का दूध यदि कान में डाला जाये तो कान दर्द व घाव दोनों ठीक हो जाते है.
- ५० ग्राम सरसो के तेल में १० ग्राम फूली फिटकरी व १० ग्राम पिसी हल्दी मिलाकर आंच पर अच्छी तरह पका ले फिर इसे छान कर कान में बूँद बूँद से ३-४ दिनों में कान के सभी रोग दूर हो जाते है .
- सिरस के पत्तो को पीसकर गरम कर एक पोटली में रखे, फिर इससे कान की सिकाई करने से कान दर्द दूर हो जाता है .
- कान में अदरक का रस गरम करके डालने से कान दर्द दूर हो जाता है.
- गुलाब की पत्तियो का रस निकालकर गरम करके कान में डालने से कान दर्द दूर हहो जाता हैं .
- २-३ कालिया नीम, ५-६ निबोली व २-३ लौंग इन सबको सरसो के तेल में पकाये जब तेल अच्छी तरह पक जाये तो इसे छान के कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है .
- पिसी हुई हल्दी को सरसो के तेल में डालकर पकाये . जब तेल अच्छी तरह पक जाये तो छान कर काम में डालने से कान का सारा दर्द दूर हो जाता है .
- कान में २-३ बूँद गोमूत्र डालने से भी कान दर्द दूर हो जाता है .
- इमली के पत्तो को सरसो के तेल में पक ले और इस तेल को छान कर कान में डालने से कान दर्द दूर हो जाता है .
- दिन में २-३ बार प्याज का रस गर्म करके कान में डालने के बाद थोड़ा सा फिटकरी का पानी डालकर कान को नीचे करके दोनों चीजे बहा दे . इससे कान का दर्द ठीक हो जाता है .
- सुहाग पीसकर उसमे थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाये . इस रस को रोज २-३ बार कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है .
- आम के पत्तो पर तेल लगाकर गर्म करके कान पर बंदन से दर्द ठीक होता है .
- आम के हरे बौर को पीसकर रस निकाल ले इस रस को थोड़े से सरसो के तेल के साथ कान में टपकाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है .
- चन्दन का तेल कान में डालने से कान का दर्द अच्छा हो जाता है .
- ग्वारपाठे का रस हल्का गर्म करके काम में उसकी कुछ बूंदे डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है .
- समुद्र सोख को बारीक पीसकर एक चुटकी कान में डालकर ऊपर से नीम्बू का रस २-३ बूँद डाले कान का दर्द तत्काल दूर हो जाता है .
- समुद्रफल तथा केसरी को बकरी के घी में घिसकर कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है.
- सहजने की छाल के रस को कान में डालने से कानदर्द दूर होता है.
- कोयली के पत्तो का रस नमक मिलाकर कान के चारो ओर लेप करने से भी कान दर्द दूर होता है.
- जिस कान में दर्द हो , उससे दुसरे कान में घी- ग्वार के पत्ते का रस टपकने से कानदर्द ठीक हो जाता है.
- कान दर्द में जामुन का रस भी लाभ पहुचता है.
- अलसी का तेल गर्म करके कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है.
- सरसो के तेल को हल्का गर्म करके कान में डालने से दर्द में तुरन्त आराम मिलता है.
- प्याज का रस गुनगुना करके डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है.
- अदरक का रस कान में डालना भी काफी कारगर होता है.
- एक चम्मच तिल में लहसुन की आधी कली गुनगुना करके४-४ बूंदे दर्द वाले कान में डालके दूसरी करवट लेटने से कान दर्द में आराम मिलेगा .
- अरंडी के पत्तो को गर्म टिल के तेल में डुबोकर उसे कानो के आस-पास हल्का सेकें.
- कान के पास मवाद आता हो तो गुग्गल का धुंआ कान पर ले.
- तुलसी के पत्तो को पीसकर रस निकाले इस रस को हलकी आंच पर थोड़ा गर्म करके कान में डाले इससे कान दर्द मिटता है.
- मुलहठी को पीसकर घी में मिलाकर हल्का गर्म करके कान के आस-पास लेप करने से कानदर्द में आराम मिलता है.
- एक भाग अजवाइन का तेल और तीन भाग सरसो का तेल मिलाकर मंद आंच पर गुनगुना करके कान में डाले.
- मूली को बारीक टुकड़ो में काटकर सरसो के तेल में खूब गर्म करे फिर इस तेल को कपडे से छानकर शीशी में रखले. कान में दर्द होने पर इस तेल का इस्तेमाल करे.
- कान में कीड़ा घुसने पर पानी गर्म करके नमक डालके कान में टपकाये कान को उल्टा करदे ,कीड़ा जल्द ही बाहर निकल आएगा.
- ग्लिसरीन ,सरसो,जैतून के तेल की २-४ बूंदे दाल के दो-चार बूंदे पानी की डाले कान में टार्च का प्रकाश दे ऐसा करने से कीड़ा स्वतः ही बाहर निकल आएगा.
- कान में यदि कोई भी वास्तु फास गयी हो तो पतले तार या चिमटी से निकाले,या हायड्रोजन परॉक्साइड डाले.
- कान का बहरापन दूर करने के लिए आक का पीला पत्ता आग पर गर्म करके उसका रस निकालकर सुहाता गर्म कान में टपकाये.
- मूली का रस निकालकर उसके बराबर तिल का तेल मिलाकर मन्दी आंच पर पकाये जब पानी जल जाये तो उतारकर छानले प्रातः व सायं दो -चार बूंदे गर्म सुहासा कान में डाले .इससे बहरापन दूर हो जाता है.
- कान में से यदि मवाद निकलता हो तो नीम के पत्तो का जोश दे उन्हें उबलते पानी में शहद डालकर कान में पचकारी दे .
- इसके अलावा दस ग्राम सरसो का तेल गर्म करके ६ ग्राम बोरिक एसिड कान में नित्य दो बूदे डाले . मवाद के साथ यदि दर्द भी हो तो इससे लाभ होता है.
- तीन ग्राम केसर शराब ,में मिलाकर कान में टपकाने से भी कान का दर्द दूर हो जाता है.
- यदि कनफेड हो गयी हो तो खेत की काली मिटटी कनफेड वाले स्थान पर लेप करे .
- यदि कान दर्द खुश्की या घाव के कारण हो तो लहसुन का तेल गर्म करके डाले इससे घाव सूख जाता है .
- कान दर्द बहुत अधिक हो जाने और बेचैनी होने पर लहसुन व् अदरक के रस में सहजन की जड़ का अर्क मिलाकर दो बूँद कान में डाल दे आराम मिलेगा.
- बकरी के दूध में जरा -सा नमक मिलाकर कान में डालने से कान का तीव्र दर्द भी ठीक हो जाता है.
- कान में प्याज का रस दो बूद डालने से भी कान का दर्द ठीक हो जाता है . सर्दी के मौसम में प्याज के अर्क को कुनकुना कर लेना चाहिए .
- गेंदे के फूल का अर्क व् नमक मिलाकर कान में टपकाने से भी कान दर्द ठीक हो जाता है.
- ऊँट का मूत्र कान में नित्य डालने से भी बहरापन रोग ठीक हो जाता है.
- हफ्ते दो हफ्ते में एक बार दो चार बूंदे सरसो का तेल सुहाता गर्म कान में डाले तो बहरेपन का रोग कभी नही होगा.
- कान में नित्य सरसो का कुनकुना तेल डालकर अल्पविश्राम करने से बुढापे के लक्षण नहीं उभरते इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है.
- यदि कान बहता हो तो १२ ग्राम ग्लिसरीन में २ ग्राम सल्फट्रॉइड पीसकर मिलाये और दो बूंदे कान में डालकर नित्य साफ़ करे इससे कान बहना बन्द हो जाएगा .
- कभी -कभी कान में भयानक दर्द होता है . यह ठण्ड लगने, चोट लगने, फुंसी होने से होता है . कारण का पता लगाकर चिकित्सा करनी चहिये .
- सरसो का तेल गर्म करके कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है .
- सरसो के तेल में लौंग जलाकर , तेल कान में डालने से लाभ होता है .
- कान में कीड़ा चला गया हो , कान से आवाज आती हो , बहरापन हो तो कान में सरसो का तेल डाले .
- सरसो के तेल में लहसुन उबालकर छान ले,इसे कान में डालने से कान का दर्द,घाव, मवाद बहना ठीक हो जाता है .
- प्याज को भूनकर इसके रस को कान में डालने से राहत मिलती है .
- नीम-नीम के पानी में डालकर उबाले. इसकी भाफ का बफारा देने से कान का मेल निकल जाता है .
- ब्रांडी की बूँद कान में डालने से कान का असहाय दर्द ठीक हो जाता है .
- अदरक-सर्दी लगने , मेल ज़मने, फुंसिया निकलने , चोट लगने से कान में दर्द हो तो अदरक के रस को कपडे से छान के गुनगुना करके ३-४ बूँद कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है . दर्द रहने पर थोड़ी देर बाद पुनः डाल सकते है .
- तुलसी के पत्तो का रस गरम करके कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है , कान बहता हो तो लगातार कुछ दिन डालने से लाभ होता है .
- नीम्बू- प्रातः पानी में नीम्बू निचोड़कर नित्य पीने से कान बहने से लाभ होता है .
- लहसुन- १ कली लहसुन और एक टोला सिंदूर को एक छटाक तिल्ली के तेल में डालकर अग्नि पर पकाये . जब लहसुन जल जाये तो तेल को छान कर शीशी में भर ले . इसकी दो बूंदे नित्य कान में डालने से मवाद आना , खुजलाहट, कर्णनाद आदि रोग नष्ट हो जाते है . लहसुन को सरसो के तेल में उबालकर कान में टपकाने से कान का दर्द, जख्म , पीप बहना ठीक हो जाता है .
- प्याज-कान में दर्द, कान में पीप और कान में शाय-शाय की आवाज हो और बहरापन होने से प्याज के रस को थोड़ा गर्म ५-७ बूँद कान में डालने से लाभ होता है .
- १५ ग्राम सरसो का तेल किसी बर्तन में गरम करे,फिर इसमें एक ग्राम मोम डाल ले . जब मोम पिघल जाये तो आग से उतार दे. फिर इसमें २ ग्राम पिसी हुई फिटकरी डाल दे . यदि किसी भी दवा कान बहना बंद न हो तो इस दवा का प्रयोग करे . इस रोग की यह रामबांड़ दवा है .
- मेथीदाना को दूध में भिगोकर पीस ले . इसे हल्का गरम करके कान में डालने से कान बहना रूक जाता है .
- माजूफल को कूटकर तथा सिरके में उबालकर छान ले . इसे कान में डालने से कान का बहना बंद हो जाता है .
- मलतास का क्वाथ कान में डालने से कान से पीव का जाना रुक जाता है .
- हुलहुल का रस २० ग्राम , तिल का तेल ५ ग्राम मिलाकर आग पर पकाये . जब केवल तेल शेष रह जाये तो उतार ले . बाद में इसे छान कर कान में डालने से कान का बहना बंद हो जाता है .
- हल्दी पिसी हुई १ भाग तथा पिसी फिटकरी २० भाग मिलाकर कान में थोड़ा सा डालने से कान बहना बंद हो जायेगा .
- सूरजमुखी के पत्तो के रस में सरसो का तेल मिलाकर कान में डालने से कान बहने का विकार मिट जाता है .
- बिजोरा नींबूं के रस में सज्जीखार मिलाकर कान में डालने से कान का बहना बंद हो जाता है .
- नीम के तेल में शहद मिलाकर , उसमे रूई भिगोकर कान में रखने से कान बहना बंद हो जाता है .
- सहजने की गोंद पीसकर थोड़ा सा कान में बुरके , इससे कान का बहना तुरंत दूर हो जाता है .
- सरसो का तेल- कान में कीड़ा चला गया हो तो सरसो के तेल को गरम करके डालने से कीड़ा बाहर आ जाता है .
- फिटकरी-कान में चीटी चली जाये , इससे कान में सुरसुरी हो तो फिटकरी को पानी में घोलकर कान में डाले .
- पानी- कान में कीड़ा घुस जाये तो पानी गर्म करके इसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर कान में डाले . फिर कान उल्टा कर दे , कीड़ा मरकर बाहर निकल जाता है .
- स्नान करते समय , तैरने पर , भीगने से कभी-कभी कान में पानी भर जाता है और पूरा बाहर नही निकलता . कान में पानी रह जाये तो- 1- तिल का तेल गरम करके कान में डाले . 2- जिस कान में पानी भरा हो , उसी और के एक पैर पर खड़े होकर , उसी ओर सिर झुकाकर कुछ देर कूदे. पानी बाहर निकल जायेगा .
बहरापन दूर करने के उपाय
- लहसुन की आठ कलियों को एक छटाक तिल के तेल में तल कर उसकी दो बूँद कान में टपकाने से कुछ दिनों में कान का बहरापन ठीक हो जाता है .
- सरसो का तेल- सरसो का तेल गरम करके कान में डालने से बहरेपन में लाभ होता है .
- तुलसी के पत्तो का रस गर्म करके कान में डालने से सुनने की गड़बड़ में लाभ होता है .
कान में आवाज सुनाई देने पर (कर्णनाद) घरेलु उपाय –
- कभी कभी कान में सीटी बजने, भन-भन की आवाज होती रहती है . यह रात को अधिक सुनाई देती है . यह रोग यदि ठीक ना हो तो धीरे धीरे बहरापन उत्पन्न हो जाता है . कान में आवाज आना असाध्य रोग बन जाता है , लेकिन निराश न होकर निम्न उपचार करे – कान में होने वाली आवाज की और ध्यान न दे मस्तिष्क की कमजोरी दूर करने वाली चीजे खाये .
- लहसुन- कान बहने पर बताया गया प्रयोग कर्णनाद में भी लाभदायक है.
- सरसो का तेल-सरसो का तेल गरम करके कान में डालने से सर्दी से होने वाली कान की गुनगुनाहट मिटती है .
- सौंठ- एक चम्मच सौंठ में गुड़ और घी मिलाकर गर्म करे फिर प्रतिदिन दो बार खाये , उससे कान में शाय -शाय की आवाज ठीक हो जाती है .
कान के रोग में परहेज व सुझाव-
- पेट में यदि कब्ज हो तो उसका उपचार तुरं करना चाहिए .
- सीक व सलाई से कान की सफाई न करे .
- कान को पिचकारी द्वारा साफ़ करे .
- हल्का सादा व जल्दी पकने वाला भोजन ही खाये .
- उरद व अरहर की दाल न खाये .
- सब्जियों में लौकी, तरोई , टमाटर ,सेम , मूली व पालक खाये .
- घी , दूध व फलो को खाते रहे .
- पेट साफ़ करने के लिए कोई तेज दवा न ले .