Cracked heels-पैरो की फटी एड़ी हो तो करे ये १० उपाय कर

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फटी एड़ी को ठीक करने का तरीका एवं उपाए जानिए तथा  यहे क्यों होता है। 

एड़ियो का फटना बड़ा आम होता है आइये जाने | Cracked Heels Home Remedies in Hindi

  • प्याज का पेस्ट एड़ियो पर लगाने से आराम मिलता है।
  • कपूर तेल के मिश्रण का भी उपयोग काफी लाभप्रद होता है।
  • गर्म पानी से साफ़ करना एवं उसका भाप लगाने से भी काफी आराम मिलता है ।
  • सरसो का तेल ,मोम ,कपूर तीनो को मिक्स करके गर्म कर ले और इससे बिवाइयो पर लगाये चमकतारी लाभ मिलेगा । 
  • सरसो तेल और त्रिफला चूर्ण दोनों को आपस में अच्छी तरह मिलकर इसका गाढ़ा लेप फटी एड़ियो पे लगाना लाभप्रद है।
  • पैरो की उंगलियो , अंगूठे पर गट्टे निकलने पर सुबह शाम एरंड का तेल धीरे धीरे मले |
  • पैरो में बिवाई फटती है तो सोने से पहले हलके गरम पानी में नमक या फिटकरी डालकर धोये और तौलिये से साफ़ करके २५ ग्राम देसी मोम व पचास ग्राम तिल का तेल मिलाकर गर्म करके लगाए | 
  • एडि़याँ फटने पर प्रतिदिन स्नान के समय थोड़ी देर अपनी एडि़यों को पानी में भिगो लेें और जब एडि़यों की त्वचा फूल जाए तब खुरदरे पत्थर, मैल खोरे या नायलोन के बु्रष से उन्हें रगड़कर वैसलीन लगा लें
  • अत्यधिक गर्मी या सर्दी में प्रायः एडि़याँ फटने की षिकायत होती है। एडि़याँ धूल जमने के कारण फटती है। अतः रात में रोजाना सोते समय गुनगुने पानी में नीबू निचोड़ कर उससे पाँवों को भली प्रकार धोयें और फिर वैसलीन या ग्लिसरीन लगा लें।  
  • अत्यधिक फटने व खून निकलने की स्थिति में एडि़यों को रात को गर्म पानी से धोकर गर्म मोम लगा लेने सेे ठीक हो जाती है।  
  • मेहँदी लगाने से एडि़यों की त्वचा बरकरार रहती है और उनमें हल्का गुलाबी रंग उभर आता है। 
  • बिवाइयों को ठीक करने के लिए यहाँ बताई गई मरहम बनाकर लगायें। सफेद वैसलीन सौ ग्राम, मोम पचास ग्राम (यह पंसारी के मिलता है ), ग्लिसरीन बीस ग्राम, दो नीबू का रस छना हुआ, खुषबू जितनी आवष्यक समझें।

पैरो की फटी एड़ी पर घर में बनाये ये घरेलु नुस्खा 100 % कारगर | 

Home Remedies for Cracked-

विधि-   सफेद वैसलीन व मोम को एक छोटी भगोनी में डाल दें। आँच पर एक बड़े भगोने में आधे हिस्से तक पानी भरकर गर्म होने के लिए रख देवेें। जब पानी उबलने लग जाए तो उसमें छोटी भगोनी को रख दें। ध्यान रहे पानी छोटे भगोने के अन्दर नही जावे। जब सफेद वैसलीन व मोम, पिघल कर एक हो जाये तो उन्हें लकड़ी का डंडी से हिलायें तथा इसमें ग्लिसरीन डालकर अच्छी प्रकार से हिला दें। यदि यह जमने लगे तो फिर से गर्म पानी के भगोने में रख दें। अब इसमें नीबू, गुलाब, चमेली व मोगरा जिसकी भी सुगन्ध पसन्द हो उसका अर्क डाल दें तथा गर्म-गर्म को ही किसी चौड़े मुँह वाली शीषियों में भरकर ठण्डी होने के लिए रख दें। लीजिए यह उपयोगी मरहम तैयार है।

इसका त्वचा पर रात्रि को सोने से पूर्व प्रयोग करें। स्नान करने के पश्चात् नहीं लगायें अन्यथा दिन भर वातावरण में उपस्थित मिट्टी त्वचा पर चिपक जाएगी। इसे अँगुलियों व पैरों पर लगाकर धीरे-धीरे हाथ से तवचा पर मलिये। इससे त्वचा चिकनी कोमल बनती है तथा बिवाई ठीक हो जाती है। 

 

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