Natural Cure Home Remedies
Acidity
शायद ही कोई एसिडिटी शब्द से अपरिचित होगा।आजकल की भागदौड भरी और अनियमित जीवनशैली के कारण पेट की समस्या आम हो चली है।आयुर्वेद में इसे अम्ल पित्त कहते हैं।एसिडिटी होने पर शरीर की पाचन प्रक्रिया ठीक नहीं रहती। ‘एसिडिटी सिर्फ पेट में ही नहीं बल्कि मुंह में भी हो सकती है।’ टूथपेस्ट के एक विज्ञापन में यह बात सुनकर भले ही आपको हंसी आ जाए लेकिन एसिडिटी सिर्फ पेट या गले की जलन तक ही सीमित नहीं है बल्कि मुंह से लेकर पैरों तक पर इसका असर पड़ता है।एसिडिटी तभी होती है, जब पेट में एसिड का अधिक स्राव होने लगता है. जब यह स्राव तेज हो जाता है, तो हमें अंदर से ऐसा महसूस होता है कि हमारा सीना जल रहा है. ज्यादातर ऐसा तभी होता है जब हम तेज मिर्च मसाले वाला भोजन खाते हैं।
Constipation, Gas Lasha
ACIDITY Constipation Causes
- रोगी के सीने या छाती में जलन।
- अनेक बार एसिडिटी की वजह से सीने में दर्द भी रहता है।
- मुंह में खट्टा पानी आता है।
- कई बार एसिड भोजन नली से सांस की नली में भी पहुंच जाता है, जिससे मरीज को दमा या खांसी की तकलीफ भी हो सकती है।
- एसिडिटी का घरेलू इलाज
ACIDITY TREATMENT :Ayurveda
पानी पिएं- पानी न पीना या पानी की कमी भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है। गैस की समस्या हो या न हो, दिन भर में कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। जब भी गैस की समस्या हो, तो ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। इससे एसिड बाहर निकल जाता है। साथ ही, गैस की समस्या से तुरंत राहत मिलती है।
कच्चे आलू को छीलकर पानी डालकर मिक्सर में पीस लें। इस जूस को छानकर इसमें थोड़ा गर्म पानी मिलाकर पिएं। गैस से राहत मिल जायेगा
अदरक के एक टुकड़े को घी में सेक कर काला नमक लगाकर खाने पर गैस से छुटकारा मिल जाता है। सूखे अदरक का काढ़ा बनाकर पीने से भी यह समस्या खत्म हो जाती है
जीरा खाने से डायजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसीलिए जब भी आपको गैस की समस्या परेशान करे, एक चम्मच जीरा पाउडर ठंडे पानी में घोलकर पिएं, बहुत लाभ होगा।
तुलसी के दो चार पत्ते दिन में कई बार चबाकर खाने से अम्लता में लाभ होता है।इसका रस निकाल कर भी थोड़ी थोड़ी मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
हर दिन तीन टाइम भोजन के बाद गुड जरुर खाएं। इसको मुंह में रखें और चबा चबा कर खा जाएं।
एक कप पानी उबालिये और उसमें एक चम्मच सौंफ मिलाइये। इसको रातभर के लिए ढंक कर रख दीजिये और सुबह उठ कर पानी छान लीजिये। अब इसमें 1 चम्मच शहदमिलाइये और तीन टाइम भोजन के बाद इसको लीजिये।
गैस से फौरन राहत के लिए 2 चम्मच ऑंवला जूस या सूखा हुआ ऑंवला पाउडर और दो चम्मच पिसी हुई मिश्री ले लें और दोनों को पानी में मिलाकर पी जाएं।
त्रिफला चूर्ण को दूध के साथ पीने से एसिडिटी समाप्त होती है। पेट की जलन शांत होती है।
सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से एसिडिटी में फायदा होता है।पानी में पुदीने की कुछ पत्तियां डालकर उबाल लीजिए। हर रोज खाने के बाद इस पानी का सेवन कीजिए।
एसिडिटी में पाइनेपल के जूस का सेवन करने से विशेष फायदा होता है क्योकि यह एंजाइम्स से भरा होता है. खाने के बाद अगर पेट अधिक भरा व भारी महसूस हो रहा है, तो आधा गिलास ताजे पाइनेपल का जूस पीएं. सारी बेचैनी और एसिडिटी खत्म हो जाएगी।
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