सूजाक (गोनोरिया) के कारण– Causes Of Gonorrhea
सुजाक (Gonorrhea) वाले पुरुष या स्त्री के साथ सहवास करने से, एक-दूसरे में यह बीमारी पैदा हो जातीहै। पुरुषो में मूत्र नली के एक इंच पीछे एक गढ़ा होता है। इसी गड्ढेसे धीरे-धीरे बढ़कर यह रोग मूत्र नली, मूत्राशय और अंडकोषतक फ़ैल जातीहै. स्त्रियों मेंउनकी योनि के समीप वाले यन्त्र तथा मूत्र नली, मूत्राशय, जरायु आदि पहले से रोग ग्रस्त होते है। इस रोग वाली स्त्री के साथ सम्भोग करके पुरुष रोगी होता है तथा पुरुष के सम्भोग से स्त्री को रोग हो जाता है। इसके बाद रोगी स्त्री या पुरुष यदि किसी अन्य पुरुष यास्त्री से सम्भोगया मैथुन करती है यह बीमारी उसको दे देताहै। सुजोक (Gonorrhea) के रोगी के कपडे, तोलिया, साबुन, जूठन, सम्भोग,संसर्ग से भी यह रोग बड़ी तेज़ी से फैलता है।
सूजाक (गोनोरिया) के लक्षण- Symptoms Of Gonorrhea –
- मूत्रमार्ग में शुरआतमें हलकी जलनबाद में भंयकर जलन का रूपले लेती है।
- लिंग में खुजलीया गुप्तांगो में खुजलीहोती है।
- पेशाब करते समयबेहद तेज दर्द वजलन होती है।
- Sujak (Gonorrhea) रोग जड़ बढ़ जाता है तो पेशाब के साथ पीप भी आती है।
- पहले ये रोग लिंग और योनि तक सीमित रहता है बाद में पूरे शरीर में कही भी हो सकता है या पूरे शरीर में फ़ैल जाता है।इस रोग के शरीर में मस्से भी हो जाते है। Sujak (Gonorrhea) का विष जोड़ो का दर्द का कारण भी बन जाता है। साथ ही आँखों में जलन भी पैदा करता है। Sujak (Gonorrhea) से पेशाब भी साफ़ नही होती है। Sujak (Gonorrhea) में पेशाब बार–बार मगर कई धार में या बून्द–बून्द करके होता है। पैर फैलाकर चलना पड़ता है. Sujak (Gonorrhea) रोगरात को बहुत बढ़ जाता है।
इस लक्षण के अलावा हल्का बुखार भी Sujak (Gonorrhea) रोगी को रहता है, जाड़ा या कंपकपी लगती हैऔर सर मेंदर्द भी महसूस होता है।
सूजाक (गोनोरिया) में भोजन तथा परहेज- What Eat and Do in Gonorrhea ?
- खट्टे पदार्थ, मिर्च-मसाले, मांस, शराब तथा मैथुन आदि बिलकुल भी न करे।
- जब तक प्रमेह या सुजाक (गोनोरिया) बिलकुल भी ठीक न हो जाये, तब तक शरीर में उतेजना पैदा करने वाली दवा का उपयोग बिलकुल भी न करे।
- सबसे पहले जुलाब लेकर पेट साफ़ करे। जुलाब हल्का कर ले। इसके लिए दो कप पानी में पंचसकार चूर्ण एक चम्मच डालकर काढ़ा बनाकर पिए।
- साइकिल, मोटरसाइकिल आदि न चलाये तथा नरम बिस्तर पर न सोये।
- भोजन हल्का, सुपाच्य तथा शारीरिक छमता केअनुसार खाये।
सूजाक प्रमेह आयुर्वेदिक घरेलु उपचार – 71 Home Remedies For
Gonorrhea
- पिसी हुई फिटकरी भून ले। इसमें से एक चुटकी चूर्ण शहद के साथ सेवन करे सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जायेगा।
- गिल्सरीन, निम्बू का रस, अर्क गुलाब, तुलसी के पत्तो का रस इन सभी को मिला ले। यह लेप रोज़ उपयोग में लेन से सुजाक (Gonorrhea) रोग ठीक हो जाता है।
- सुजाक (Gonorrhea) के रोगी को हल्का जुलाब देकर उसका पेट साफ कर देना चाहिए।
- कच्चे दूध में बराबर जल मिलाकर लस्सी बनाकर भर पेट पिए, यह उपचार पेशाब का जुलाब है।
- दही की लस्सी में ६-७ ग्राम जवाखार मिलाकर पीने से पेशाब बहुत आता है सुजाक (Gonorrhea) रोग ठीक करने के बहुत उत्तम है।
- ककड़ी के बीज ३ ग्राम को २५० और कलमी शोरा डेढ़ ग्राम फांककर ऊपर से लस्सी पिए इससे पेशाब बहुत आता है सुजाक (Gonorrhea) रोग ठीक हो जाता है।
- ताजा गिलोय १२ ग्राम को २५० ग्राम पानी में रात को भिगो दे। सुबह अच्छी प्रकार से मसल, छान कर ६० ग्राम शहद मिलाकर पिए। एक गोली चंद्रप्रभावटी ले ऊपर से यह पानी पिया जाया तो उससे पेशाब की जलन और मवाद निश्चय ठीक हो जाएगा।
- राल के चूर्ण में बराबर मात्रा में देसी शक्कर मिलाकर रोगी को ये चूर्ण सुबह-शाम दे, पीप निकलना बंद हो जाती है।
- बड़ की कोपलो के छाया में सुखाये गए चूर्ण में बराबर वजन में देसी खांड मिलाकर सुबह के समय १०ग्राम लेकर ऊपर से दूध की लस्सी पिलाये. यह उपचार ७ दिन करने से सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जायेगा।
- हल्दी, आंवला (सूखे हुए) व मिश्री बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार कर ले। ये चूर्ण १०-१२ ग्राम ताजा जल से एक सप्ताह तक लेने से ही सुजाक (Gonorrhea) जड़ से ठीक हो जाता है।
- लौकी की खीर खाने से नया हुआ सुजोक (Gonorrhea) रोग ठीक हो जाता है।
- नीम के गोंद में मिश्री मिलाकर खाना से सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जाता है।
- बरगद के दूध को शक्कर के बताशे में भरकर कुछ दिन तक सुबह शाम खाने से सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जाता है।
- पुराने सुजाक (Gonorrhea) में भूनकर पीसी गई फिटकरी ३ रत्ती की मात्रा में शहद के साथ दे।
- हरे आंवलेके स्वरस मेंपिसी हुई हल्दीव शहद मिलाकरपिलाने से सुजोक (Gonorrhea) में बहुत लाभ होता है। केले के तने का ताजा रस सुजाक (Gonorrhea) के रोगी को पिलाने से सुजोक (Gonorrhea) में बहुत आराम मिलेगा। साथ ही पेशाब खुलकर होने लगेगा।
- मक्के के भुट्टे के कोमल ताजा रेशो (ऊपर केबाल) का काढ़ा बनाकर पीने से वेदना या दर्द का नाश होता है। मूत्र खुलकरआता है और सुजोक (Gonorrhea) एक दम ठीक हो जाता है।
- सुजोक (Gonorrhea) रोग की स्थिति के अनुसार १५-१५ ग्राम की मात्रा में काले तिल तथा खांड बारीक पीसकर गाय के कच्चे दूध की लस्सी के साथ सेवन करने से सुजाक (Gonorrhea) में बहुत लाभ मिलेगा।
- चौलाई के पत्तो का रस २० ग्राम को १०० ग्राम ताजा पानी में मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पिलाने से सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जाता है।
- फिटकरी व गुड़को बराबर मात्रा में ले, मिश्रित कर १-१ ग्राम की गोलिया बना ले। सुबह खाली पेट सुजाक (Gonorrhea) रोगी को खिलाकर लगभग ५०० ग्राम मट्ठा पिलाने से ७ दिन में Sujak (Gonorrhea) रोगी ठीक हो जाता है।
- बड़ी इलायची के बीज व मीठा सोडा ६-६ ग्राम, दोनों के मिलकर को लाल-साठी चावल के धोवन के साथ ७ दिन तक देने से ये रोग ठीक हो जाता है।
- गाय के दूध के दही में सहजन का गोंद मिलाकर १४ दिन तक देने से सुजाक (Gonorrhea) रोगी को देने से रोगी को बहुत ज्यादा लाभ मिलता है।
- ५-६ ग्राम कच्ची फिटकरी पीसकर फांक जाये और कच्ची लस्सी में शक्कर घोल के पी ले। सुजोक रोग में जरूर लाभ होगा।
- कच्चे दूध में पानी मिलाये, कच्ची लस्सी तैयार करे। भूखे पेट मूली-गाजर का रस पिए. ७ दिन में Sujak रोग ठीक हो जायेगा.
- कच्ची फिटकरी फाकी जाये तो आप फिटकरी के बराबरमिश्री मिला ले. इससे यह रोग ठीक होने लगता है।
- पेशाब करते समय जलन होती है और सुजाक रोग ज्यादा होने पर पेशाब टपक- टपक कर बहुत दर्द से होता है इतना दर्द होता है की Sujak (Gonorrhea) रोगी मरना पसंद करते ऐसे रोगियों को ६ ग्राम फिटकरी एक गिलास पानी में घोल ले और पी जाये कुछ दिन ये पानी पीने से सुजाक रोग ठीक हो जाता है।
- सुजाक (Gonorrhea) होने पर ८-८ ग्राम पिसी हुई हल्दी की फंकी पानी के साथ रोजदिन में ३-बार लेने से यह रोग ठीक हो जाता है।
- गेरू वभुनी फिटकरी का चूर्ण २-२ ग्राम, ६ ग्राम मिश्री में पीसकर एक मात्रा तैयार करे. इसको लेकर ऊपर से गाय का कच्चा दूध पिए. 21 दिन में ही सुजाक जड़ से ख़त्म और आप एक दम निरोगी हो जाएगी।
- पिचकारी का उपयोग- ३० ग्राम कपूर के पानी में १ रत्ती अफीम घोलकर सुबह शाम पिचकारी लिंग के अंदर डालने से अंदर के घाव ठीक होते है सुजाक में आराम मिलेगा।
- त्रिफला के हल्के गर्म काढ़े में लिंग को डुबोकर रखने से लिंग की सूजन उतर जाती है । यह उपचार तबतक करना चाहिए जब तक सूजन न उतर जाये।
- निम्बू, इमली, नीम व मेहदी- सभी के २५-२५ ग्राम पत्तो को एक किलो जल में मात्र ६०० ग्राम के लगभग जल बचा रह जाने तक उबाले। इस काढ़े की दिन में ३-४ बार लिंग में लगने से सुजाक (Gonorrhea) रोग जड़ से ठीक हो जाता है।
- सफ़ेद चन्दन को पानी में घिसकर पिचकारी देने से पुराना सुजाक (Gonorrhea) भी ठीक हो जाता है।
- सफ़ेद चन्दन को पानी में घिसकर पिचकारी देने से पुराना सुजाक (Gonorrhea) भी ठीक हो जाता है।
- सुजाक के रोगी इन चीज़ों से बचना चाहिए- गुड़, तेल, मीठी, अचार, कसरत, साईकिल या घोड़े के सवारी, घूमना, मुलायम बिस्तर , प्याज, दही, मिर्च, मुरब्बा, खट्टी चीज़े, शराब, धूम्रपान, रात को जागना, उरद की दाल आदि गरिष्ट चीज़ों, उत्तेजक, व नशीले पदार्थ. पति- पत्नी में से किसी को भी सुजाक है तो उसको दवा और परहेज दोनों करना चाहिए साथी अपने साथी को भी जरूर सुजाक (Gonorrhea) की दवा का सेवन कराये.
- बबूल की कोपल को रात में पानी में भिगोकर चाँदनी रात में रखे, फिर सुबह इस पानी को खाली पेट पीने से Sujak (Gonorrhea) व पेशाब की जलन ठीक हो जाती है. या तीन तोला (ग्राम) घी मिलकर पिए. दूसरे दिन भी ऐसा ही करे, तीसरे दिन उसमे घी नहीं डेल तथा ऐसा फिर बिना घी का पानी ७ दिन तक लगातार पीने से सुजोक (Sujak) में बहुत लाभ मिलता है.दस्त होने पर इसका काढ़ा पीने से दस्त बंद हो जाते है।
- बबुल के गोंद के पानी मिलकर इस मिश्रण को सुजाक (Sujok) के रोगी की मूत्रेन्द्रिय में लगने से मूत्राशय की सूजन, सुजाक की जलन और पीप दूर हो जाते है।
- आम के पेड़ की छाल लगभग ३०-४० ग्राम वजन में लेकर मोटा-मोटा कूटले और पावभर पानी डालकर शाम में रख दे। ऊपर से ढक दे। सुबह इसे खूब मसलकर छान ले और पी जाये। सुजाक के रोगी बहुत ज्यादाआराम मिलता है। यह उपचार तब उपयोग करते रहे जब तक आपको आराम रहे। वरना कोई दूसरा उपाय करिये।
- सुजाक (Gonorrhea) या प्रमेह के विकारो में दुब का स्वरस अनावश्यक वीर्य स्राव को रोकता है। मूत्रमार्ग में जलन को शांत करता है। सुजाक (Sujak) रोग त्वचा की भयानक बीमारी में से एक है दिन में ३-4 बार हल्दी चूर्ण की फंकी पानी के साथ ले. मिश्री के साथ मिलाकर पानी के साथ ले अथवा २० ग्राम पिसी हल्दी, २० ग्राम पिसी फिटकरीऔर ३० ग्राम पिसा गुड़ मिलाकर छोटी-छोटी गोलियाँ बना ले. रोज खाली पेट एक गोली पानी के साथ निगल ले। इस दौरान १०-१५ दिनों तक तैलीय, गरिष्टव आमचूर की खटाई वाले भोजन का सेवन बंद कर दे।
- ब्राह्मी स्वरस ६ ग्राम तथा बेल-पत्र स्वरस ६ ग्राम मिलाकर पीने से सुजाक (सुजाक) जड़ से ख़त्म हो जाता है।
कलमी शोरा, बड़ी इलायची के दाने- दोनों ५०-५० ग्राम पीसकर छान ले। सुबह १-१ घंटे में तीन बार आधा दूध आधा पानी की लस्सी के साथ २४ दिन तक ले सुजाक (Sujok) बीमारी ठीक हो जायेगा। - खरबूजे के बीज की एक मुठी गिरी पीसकर शरबत बना ले. उसमे १० बून्द चन्दन के तेल की मिलाये और रोगी को पिलाये. सुजाक (Gonorrhea) रोगी को तब तक पिलाते रहे जब तक जड़ से ठीक न हो जाये।
- खीरे के रस में कलमी शोरा मिलाये औ ररोगी को पिला दे। सुजाक (Gonorrhea) की लिंग की जहरीली जलन शांत हो जाएगी।
- सुजाक के रोगी को पेशाब नही हो रहा है तो तरबूज का रस को पिलाये। पेशाब खुलकर आएगा।
आम की नरम पत्तियो को सुखाकर भी रखा जा सकता है. सुजाक, प्रमेह, पेचिश की दशा में सुबह-शाम पीसकर फकने से रोग ठीक हो जाता है। - रात को सोते समय तुलसी के बीज (मंजरी) पानी में भिगो दे. सुबह के समय उसको पीसकर छानकर मिश्री मिलाकर पीने से प्रमेह, सुजाक और स्वपनदोष से छुटकारा मिल जाता है।
- करेला सुजोक, प्रमेह, रक्त विकार में बहुत गुणकारी है।
- प्रमेह में बाबुल की छाल का क्याथ या चाय बनाकर पीने से बहुत फायदा होता है।
- बार-बार पेशाब होने, प्रमेह रोगी में अनार की कली, कत्था, मिश्री बराबर मिलाकर १-१ चम्मच दिन में दो बार लेने से आराम हो जाता है।
- त्रिफला चूर्ण आधा चम्मच मात्रा में, १-चम्मच पिसी हल्दी और दो चम्मच पिसी मिश्री-तीनो को मिलाकर इतना शहद मिलाये की चटनी सी बन जाये। थोड़ा शहद और आधी मात्रा में घी मिला ले और इसे चाट ले। लगातार सुबह-शाम इसको सेवन करने से सब प्रकार के प्रमेह व मूत्र विकार ठीक हो जाते है।
- प्रमेह के रोग में तीन ग्राम नीम की पत्तियो को एक कप पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है।
सिरस के बीज की गिरी १० ग्राम और २० ग्राम मिश्री दूध में फेट ले। १८ दिन तक रोज लेने से सुजाक ठीक हो जाता है।
निम्बू, नीम तथा मेहंदी के पत्तो को थोड़े से पानी में उबले. पानी जब आधा बचा रह जाये तो इस काढ़े से शिश्न (लिंग) को अच्छी तरह धोये. सुजाक रोग जड़ से ठीक हो जायेगा। - कलमीशोरा तथा बड़ी इलायची के दाने २५-२५ ग्राम की मात्रा में पीसकर सुबह दूध से लेने से सुजाक (Gonorrhea) रोग ठीक हो जायेगा।
- एक चम्मच त्रिफला चूर्ण, एक चम्मच पीसी हुई हल्दी और दो चम्मच पीसी हुई मिश्री मिलकर शहद के साथ धीरे धीरे चाटे। सुजाक में बहुत फायदा होगा।
- थोड़े से पके केले धुप में सूखा ले और सूखने पर पीस ले. फिर इसमें थोड़ी सी शक्कर मिलकर एक चम्मच चूर्ण, दूध के साथ खाये. सुजाक ठीक हो जायेगा।
- बिरोजा का तेल, गंधक, चन्दन कातेल, नीम का पानी तथा पोटैशियमपरमैग्नेट को मिलाकर लिंग के अंदर पिचकारी से धोना चाहिए।
- ८-१० बून्द बरगद का दूध बताशे में रखकर लगभग १५ दिन तक सेवन करने से सुजाक (Gonorrhea) बीमारी ठीक हो जाता है।
- बबुल की कोपले रात को पानी में भेगो दे. सुबह इस पानी को छानकर पी जाये. प्रमेह से सम्बन्धित पेशाब की जलन जाती रहेगी।
- १० ग्राम बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुछ दिन तक लगातार सेवन करने से सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जाता है।
- पालक के बीजो का चूर्ण तीन ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करने से सुजाक ठीक हो जाता है।
एक कप नीम की पत्तियो का काढ़ा कुछ दिन तक लगातार सेवन करने से Sujak (Gonorrhea) ठीक हो जाताहै।
५ ग्राम तुलसी की मंजरी कप पानी में भिगोकर पीस ले. फिर उसमे मिश्री मिलाकर सेवन करे. यह दावा १५ दिन तक चलाये.सुजाक रोग में जरूर फायदा होगा। - रोज चौलाईके पत्तो कारस २० ग्रामहल्दी तथ २५ग्राम मिश्री. तेनोको लेकर तथपीसकर चूर्ण बनाले. इस चूर्णमें से १०ग्राम चूर्ण रोज१५ दिन तकसेवन करने सेSujak (Gonorrhea) ठीक हो जाता है।
- करेले का दो चममच रस रोज सेवन करने से सुजाक में बहुत फायदा होता है।
- भिन्डी के पौधों की थोड़ीसी जड़ो कोधोकर सूखा ले. फिर पीसकर चूर्णकर ले. इसमेंथोड़ी सी मिश्रीमिला ले। इसचूर्ण में १०ग्राम चूर्ण कुछदिनों तक दूधके साथ रोजसेवन करे Sujak (Gonorrhea) ठीकहो जायेगा।
- भुनी फिटकरी की दो चुटकी में मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ सेवन करने से सुजाक ख़त्म हो जायेगा।
बड़ी इलायची के ५ ग्राम दाने तथा मीठा सोडा ५ ग्राम दोनों को मिलाकर पीस ले। इसे साठी के चावलो के मांड के साथ सेवन करने सुजाक जल्दी ठीक होगा। - बादाम गिरी ७-८ तथा चन्दन का बुरादा एक चुटकी, दोनों को मिलाकर पीस ले. फिर इसमें मिश्री मिलाकर उपयोग करे सुजाक में फायदा करेगा।
- सुजाक (Gonorrhea) की बीमारी दूर करने के लिए कुछ दिनों तक २ चम्मच खीरे के रस में आधा चम्मच कमली शोरा मिलाकर रोज पिए।
- गाय के दूध या दही में नीम की दो निबोली मथकर रोज पिलाये सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जायेगा।
- रोज १० ग्राम पके हुए फाल से खाते रहने से सुजाक (Gonorrhea) का रोग कम होता रहेगा।
- केले के तने का ताजा रस एक चम्मच रोज रोगी को पिलाने से सुजाक ठीक हो जाता है।
- कत्था, अनार के छिलके तथा मिश्री ५-५ ग्राम में लेकर पीस ले. इस दवा को दो खुराक करके सुबह शाम सेवन करने से सुजाक (सुजाक) ठीक हो जायेगा।
- खरबूजे के बीज१० ग्राम पीसकरउसमे चन्दन की१० बुँदे मिलाकरसेवन करने सेSujak (Gonorrhea) ठीक हो जायेगा।
- गाय के घी में तला हुआ बबूल का गौंद और मोचरस १०-१० ग्राम शिलाजीत शुद्ध और सतगिलोय ६-६ ग्राम, रूमी मस्तांगी, छोटी इलायची के दाने, वश लोचन और वंशभस्म ३-३ ग्राम, इमली के चिये, बड़ा गोखरू और संगजहारत २०-२० ग्राम तथा शीतल चीनी १५ ग्राम लेकर सभी चीज़ों कूट छान ले। मात्रा- २-३ ग्राम यह चूर्ण दूध की लस्सी के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए. यह सुजाक में बहुत फायदेमंद है।
- चन्दन का उत्तम तेल ५-बुँदे और बिरोजा का तेल ७ बुँदे ले. दोनों को मिलाकर बताशे में रखे और खाकर ऊपर से कच्चा दूध पिए सुजाक में बहुत फायदा होगा।
- १० ग्राम ग्वारपाठा के गूदे में थोड़ी सी मिश्री मिलकर १५ दिन तक खाये, सुजाक (Gonorrhea) ठीक हो जायेगा।
चीनी मिश्रित कतीरे के ऊपर गाय का दूध पीने से पुराने से पुराना सुजाक रोग जड़ से ख़त्म हो जाता है। - रात को त्रिफले के पानी में चने भिगोकर, सुबह के समय उन चनो को खिलाये. सुजाक (Gonorrhea) में बहुत लाभ होगा।
- सुजाक जैसी पीड़ादाई बीमारी में बादाम की गिरी के ७ दाने, तीन माशा चन्दन का बुरादा मिलाकर पीस ले. मिश्री के साथ मिलाकर पानी के साथ दिन ३-4 बार पानी से इस बीमारी में रहत मिलती है.