Gathiya Rog ke 43 gharelu upchar

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Gathiya Rog- Arthritis

क्या आप गठिया रोग से पीडित हैं?आमवात जिसे गठिया भी कहा जाता है बहुत दर्द  दायक बीमारी है।  इसमें जोडों में दर्द होता है, शरीर मे यूरिक एसीड की मात्रा बढ जाती है।  इस रोग की सबसे बडी पहचान ये है कि रात को जोडों का दर्द बढता है और सुबह अकडन महसूस  होती है।इसका शीघ्र ही उपचार कर नियंत्रण करना आवश्यक है। 

Gathiya Rog- Arthritis Ke Karan(Causes) गठिया रोग होने के काऱण 

1.मोटापा 
2. कुपोषण 
3. हार्मोन   इम्बेलेंस 
4.  हड्डियों के जोड़ो में यूरिक एसिड का जमा होना 
5. शरीर में कब्ज और गैस बनाने वाले पदार्थो का अधिक सेवन करना 
6. ज्यादा दवाइयों का सेवन करना 
7. फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड  सेवन करना 
8. व्यायाम काम करना 

Gathiya Rog-Arthritis ke Lakshan(Symptoms)
 गठिया रोग के लक्षण –
1. खाना अच्छा ना लगना। 
2. बहुत ज्यादा आलस आना। 
3. बुखार आना। 
4. शरीर के अलग-अलग अंगो में सूजन आना। 
5. कमर और घुटनो में बहुत तेज दर्द होना। 
6. दर्द के कारन रात भर सो न पाना। 
7. पैरो और हाथो की उँगलियों में सूजन आना। 
8. जोड़ो में सूजन। 
9. बहुत ज्यादा प्यास लगना। 
10. हाथ – पैरो में गांठ बन जाती है। 
11. चलते समय कठिनाई होना। 


 अध्यात्म से गठिया के दर्द में राहत 

बीमारियों को अपने बुरे कर्मों का नतीजा मानने के बजाय यदि सकारात्मक सोच से धार्मिक अथवा और अध्यात्म का सहारा लिया जाए तो मरीजों को काफी राहत मिल सकती है। 

सकारात्मक धार्मिक एवं आध्यात्मिक प्रवृत्तियों वाले मरीजों को अधिक प्रभावी ढंग से दर्द से मुक्ति एवं नियंत्रण पाते देखा गया। अपनी बीमारियों को पापों या ईश्वरी प्रकोप मानने की सकारात्मक सोच दर्द बढ़ाती है। इसके विपरीत ईश्वर के निकट अथवा जीवन के प्रति जुड़ाव रखने वाले मरीजों को अधिक सामाजिक समर्थन भी मिलता है। 

 कुछ ध्यान रखने योग्य बातें जिससे बच सके गठिया के रोग से 
कभी -कभी व्यक्ति को कब्ज की शिकायत रहती है। रोगी को चाहिए कि वह शरीर में कब्ज न होने दे। इसके लिए एरण्ड-तेल का उपयोग लाभप्रद होता है।

रोगी को तेल, मक्खन, घी आदि में तले गए पदार्थों से परहेज करना चाहिए। इसी प्रकार, भिण्डी, कटहल, चावल का निषेध करना चाहिए, गेहूँ, ज्वार, जौ का प्रयोग करना उपयुक्त होता है। 

अपने आहार में अत्यन्त गरम मसालों तथा मिर्च का प्रयोग उचित नहीं है।

 सौंठ, काली मिर्च, जीरा, लौंग तथा दालचीनी जैसे मध्यम मसालों का प्रयोग लाभदायक होता है। 

अचार, इमली, सिरका आदि पदार्थों से रोगी को दूर रहना चाहिए। रोगी की इच्छा हो, तो वह थोड़ी मात्रा में छाछ ले सकता है, परन्तु वह खट्टी न हो।

 

 

1.Arthritis in hindi Treatment- मौसम के अनुसार ठंडे या गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर नित्य नींबू-पानी लाभदायक है। स्वाद के लिए इसमें शहद मिला सकते हैं, अर्थात् नींबू, शहद, पानी मिलाकर पीयें। 

2.Arthritis Treatment hindi- हरे पत्ते वाली सब्जियाँ, यथा-पालक, बथुआ, चैलाई का रस हानिकारक है।

3.Arthritis Remedy in Hindi- अखरोट, पेठा, लौकी, खीरा, खरबूजा खाना लाभदायक है। 

4. Arthritis Nuskhe- गेहूँ के घास का रस पीना इस रोग में बहुत लाभदायक है। 

5.Arthritis in hindi Treatment- खट्टे फलों के रस, सब्जियाँ जैसे लौकी, टमाटर का रस पीकर ही रहने से यह रोग ठीक होे जाता है। 

6. Arthritis Nuskhe-रोगी के लिए दही का सेवन हानिकारक है। ताजा मीठा दही अल्पमात्रा में केवल दोपहर के भोजन में लिया जा सकता है। 

7.Arthritis Remedy in Hindi- माँस, मसूर की दाल भी इसमें हानिकारक है। 

8.Arthritis Upay- यदि रोग का प्रभाव हड्डियों पर हो जाये तो कैल्षियम, फास्फोरस वाले पदार्थ अधिक लें। 

9. Arthritis Upchar-अंकुरित अन्न का सेवन भी आमवात में लाभकारी है। 

10.Arthritis in hindi Treatment- गठिया के रोगी के लिए टमाटर लाभदायक है। 

11.Arthritis Upchar-50 पत्ती हरा पोदीना या आधा चम्मच पिसा हुआ सूखा पोदीना एक गिलास पानी में उबालें। उबालते हुए आधा पानी रहने पर छानकर नित्य दो बार पीयें। गठिया के दर्द में लाभदायक है।

12.Arthritis Treatment hindi- गाजर के  रस का  रोजाना  सेवन  , गठिया को ठीक करता है। 

13.Arthritis Remedy in Hindi- गाजर, ककड़ी, चुकन्दर तीनों का रस समान मात्रा में मिलाकर पीने से शीघ्र लाभ होता है। यदि तीनों सब्जियाँ, उपलब्ध न हों तो जो मिलें उन्हीं का मिश्रित रस पीना चाहिए। 

14.Arthritis Upay-पजामें या पतलून के दोनों जेबों में लगातार एक छोटा-सा आलू रखें तो यह आमवात(Rheumatic) से रक्षा करता है।

15.Arthritis in hindi Treatment-  प्याज का रस तथा सरसों का तेल समान मात्रा में मिला कर दर्द वाले स्थान पर मालिश  करने से लाभ होता है। 

16. Arthritis Nuskhe- एक गाँठ लहसुन छील कर रात को एक कप पानी में डाल दें। प्रातः पीस कर उसी पानी में घोल कर पीजिये। इसके बाद एक चम्मच मक्खन खायें। इस प्रकार एक सप्ताह लें। एक सप्ताह बाद दो गाँठ इसी प्रकार दूसरे सप्ताह में, तीसरे सप्ताह में तीन गाँठ नित्य इसी प्रकार लें। वात रोग(Gout) में लाभ होगा। 

17.Arthritis Remedy in Hindi-  लहसुन के तेल की मालिश  प्रतिदिन करनी चाहिए( सरसो के तेल में दो लहसुन की कली ऐस से पका ले लहसुन का तेल तैयार )  ।

18.Arthritis Treatment hindi-  लहसुन की एक बड़ी गाँठ को साफ करके, दो-दो टुकड़े करके दूध में उबाल लेना चाहिए। इस प्रकार तैयार की गई लहसुन की खीर 6 सप्ताह पीने से गठिया दूर हो जाती है। यह दूध रात को पीना चाहिए। दूध की खीर, लहसुन को दूध में पीसकर, उबाल कर भी ले सकते है। मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाते जाना चाहिए।

19. Arthritis Upchar- खटाई, मिठाई का परहेज रखना चाहिए। लहसुन को पीसकर तिल के तेल में मिलाकर खाने से वात (Gout) रोग में शीघ्र लाभ होता है। 

20.Arthritis in hindi Treatment- आधा चम्मच लहसुन का रस एक चम्मच गर्म घी में मिला कर सुबह-शाम दो बार नित्य पीने से आमवात(Rheumatic)  में लाभ होता है। 

21. Arthritis Upayजोड़ों में दर्द हो, पैर में दर्द हो तो चने की दाल में बराबर हींग की फँकी पानी से एक बार नित्य एक महीना लें। 

22.Arthritis Treatment hindi- गठिया के रोगी को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।  

23.Arthritis Remedy in Hindi-वात रोगों(Gout) में मेथी का शाक लाभ करता है। मेथी को घी में भूनकर पीसकर छोटे-छोटे लडडू बनाकर दस दिन सुबह-षाम खाने से वात-पीड़ा में लाभ होता है। गुड़ में मेथी का पाक बनाकर खिलाने से गठिया मिटती है। 

24.Arthritis Nuskhe- चाय की चार चम्मच दाना मेथी रात को एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह  पानी छानकर हल्का गर्म करके पीने से लाभ होता है। भीगी मेथी को अंकुरित करके खायें। 

25. Arthritis in hindi Treatment- दो चम्मच दाना मेथी को दो कप पानी में उबालकर जब आधा पानी रहे तो पानी नित्य दो बार एक महीना पीएँ। इससे गठिया, कमर-दर्द और कब्ज में लाभ होता है। 

26.  Arthritis Nuskhe-वात, कमर, जाँघें, गृधसी दर्दों में अदरक के रस में घी या शहद मिलाकर पीने  से  गठिया  में लाभ होता है । 

27. Arthritis Remedy in Hindi-दस ग्राम सौंठ, सौ ग्राम पानी में उबालकर ठण्डा होने  शक्कर या शहद मिलाकर पीने  से  गठिया  में लाभ होता है ।

28.Arthritis Treatment hindi-  सौंठ और हरड़ समान मात्रा में मिलाकर पीस कर दो बार रोजाना गर्म पानी से फँकी लें। जोड़ों के दर्द में लाभ होगा। 

29. Arthritis Ilaj-तुलसी के पत्तों को उबालते हुए इसकी भाप वात ग्रस्त अंगों पर दें तथा इसके गर्म पानी से धोयें।

30.Arthritis in hindi Treatment-  तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, गाय का घी-तीनों मिलाकर सेवन करने  से वातव्याधि में लाभ होता है। 

31. असगंद और देषी बूरा (खांड) समान मात्रा में पीस कर मिलाकर तीन चम्मच सुबह-षाम गर्म दूध से फँकी लें। 

32.Arthritis Treatment hindi- रेत तवे पर सेंक कर कपड़े में पोटली बाँध कर दर्द ग्रस्त अंगों का सेक करें बहुत अधिक आराम मिलेगा । 

33.Arthritis Remedy in Hindi-  चुकन्दर खाने से जोड़ों का दर्द दूर होता है। 

34. Arthritis Nuskhe-यूरिक एसिड की अधिकता से वात रोग हो तो ककड़ी और गाजर का रस आधा-आधा गिलास मिलाकर पीने से लाभ होता है। केवल ककड़ी का रस भी पी सकते हैं। 

35.Arthritis in hindi Treatment- 60 ग्राम कुलथी एक लीटर  पानी में उबालें। जब चैथाई पानी रह जाये तो उसे   छानकर उसमें थोड़ा सेंधा नमक और आधा चम्मच पिसी हुई सौंठ मिलाकर पीने से लाभ होता है। 

36.Arthritis Nuskhe-  तिल के तेल की मालिश करने से वात रोग में लाभ होता है। 

37.Arthritis Remedy in Hindi -गठिया या वायु के कारण शरीर में दर्द हो तों सौंठ 20 ग्राम, अखरोट की गिरी 40 ग्राम तथा काला तिल 160 ग्राम एक साथ कूट-पीसकर 100 ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर रख लें। सुबह-शाम 20.20 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी से पीने से लाभ होता है। 

38.Arthritis Treatment hindi- सूजन वाले स्थान पर नमक या बालू मिट्टी की पोटली से सेक करें। 39.  अजवाइन का तेल(अजवाइन को तिल के तेल में उबाल कर तेल बना लें) जोड़ों पर मलने से दर्द दूर हो जाता है। 

40. Arthritis in hindi Treatment-एक  चम्मच पिसी हुई अजवाइन में स्वादानुसार नमक मिलाकर प्रातः भूखे पेट गर्म पानी से नित्य फँकी लेंने से लाभ होता है । 

41. Arthritis Ilaj-  दो गिलास पानी में दो चम्मच अजवाइन और दो चम्मच नमक डालकर उबालें। फिर इसे सहन होने जैसा गर्म रहने पर कपड़ा भिगो कर दर्द वाले अंग का सेक करें। 

42. Arthritis Treatment hindi-चाय पेशा ब में यूरिक एसिड बढ़ाती है। उससे जोड़ों का दर्द व वजन बढ़ता है। अतः वात के रोगियों को चाय नहीं पीनी चाहिए।   

43. Arthritis Nuskhe- आलू खिलाने से भी बहुत लाभ होता है। कच्चा आलू पीसकर  दर्द वाले स्थान पर लेप लगाने से दर्द कम होता है। 

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