उल्टी क्यों होती है ?
उलटी आंत से सम्बंधित विकार है | जब कभी आंतो में अव्यवस्था होती है तो ये रोग होते है | अपथ्य के सेवन से यदा-कदा ये रोग हो जाते है |ज्यादातर उल्टी का रोग पेट की बीमारी की वजह से होता है | पेट में गैस व् अन्य विकार होने पर रोगी को उबकाई आती है| उस समय वह जो भी खाता पीता है सब बाहर निकल आता है| रोगी को उल्टी होने पर जो कुछ भी बाहर निकलता है ,उससे तेज़ बदबू होती है | इस गंध के कारण रोगी बेचैन हो जाता है | उल्टी रोग अजीर्ण रोग का एक रूप है |
उलटी होने के कारण – Causes of Vomiting
वमन या उलटी वास्तव में कोई स्वतंत्र रोग न होकर किसी अन्य रोग के लक्षण है इन रोगों में प्रमुख है = अजीर्ण ,विषाक्तता ,आमाशय के निचले भाग में अवरोध आमाशय में कैंसर या टी बी का संक्रमण ,पित्त्ताशय शोथ ,तीव्र वक्र शोथ या पित्ताशय में पथरी तथा मूत्र विष संचार | सफर के दौरान भी कुछ व्यक्तियों को उलटी होने लगती है | प्रत्येक व्यक्ति के पेट में गैस व् पित्त बढ़ने ,दिमागी तनाव, घबराहट ,पेट दर्द ,मलेरिया ,विषैले भोजन का सेवन ,चिंता ,भय व ऐसी दवाइयां जो आँते सहन न कर सके, की वजह से अनेक विकारो के कारण उल्टी उत्पन्न हो जाता है | मांसपेशियों के सिकुड़ने व मेदे में छेन्द होने के कारण भी उल्टी होने लगती है| आँते कमजोर होने पर सारा पित्त उल्टी के साथ बाहर आ जाता है | वमन या उलटी वास्तव में कोई स्वतंत्र रोग न होकर किसी अन्य रोग के लक्षण है इन रोगों में प्रमुख है अजीर्ण ,विषाक्तता ,आमाशय के निचले भाग में अवरोध आमाशय में कैंसर या टी बी का संक्रमण ,पित्त्ताशय शोथ ,तीव्र वक्र शोथ या पित्ताशय में पथरी तथा मूत्र विष संचार | सफर के दौरान भी कुछ व्यक्तियों को उलटी होने लगती है |
उल्टी होने के लक्षण – Symptoms of Vomiting
पेट के अंदर का अधपचा ,विषैला ,व विकार युक्त भोजन तथा पानी उल्टी के साथ बाहर आ जाता है | रोगी बेचैन हो जाता है | जीभ में मैल जम जाती है व उल्टी से बदबू आती है | रोगी के मुह का स्वाद फीका व कड़वा हो जाता है | पेट में जलन व आँखों के सामने अँधेरा छाने लगता है | ये तमाम लक्षण उल्टी रोग के है | वमन में पचा हुआ या आधा अधूरा पचा आहार पूर्णतः या आंशिक रूप से सुख़ से बाहर निकल जाता है |
उल्टी ठीक करने के उपचार – Vomiting Cure Treatment
- यदि उलटी आ रही है तो शहद में तुलसी का अर्क मिलाकर एक चम्मच ले |उलटी बंद हो जाएगी । यदि उलटी न हो रही हो केवल जी मिचला रहा हो तो निम्बू में काला नमक बुरक कर चाटे। जी मिचलाना बंद हो जायेगा।
- यदि उलटी के साथ दस्त भी हो तो तुलसी अर्क में एक चम्मच शहद मिलाकर चाटे यदि शहद न मिलसके तो चार पञ्च तुलसी के बीज पीसकर गाय के दूध में मिलकर ले।
- यदि उलटी का जोर हो तो आमरस को मुख में भर के धीरे धीरे सिप करे।
- ताज़ा धनिये की पत्तियो को कुचलकर अर्क या रस कुछ कुछ देर के अंतर से पिने से भी उलटी बंद हो जाती है।
- मिटटी का छोटा दीपक या कोई अन्य बर्तन जो चिकना हो ,आग में डाले और जब वह लाल हो जाये तो पानी में बुझाकर पानी पि जाये |उलटी में आराम मिलेगा।
- दो किलो पानी में दो तोला हरी गिलोय को कूटकर उबाले । जब पानी जलकर आधा किलो रह जाये तो गिलोय को मथकर वह पानी छान कर थोड़ी -थोड़ी देर में पीने से भी उलटी का आना रुक जाता है।
- सौ ग्राम पानी में दो लौंग उबाल ले। जब आधा पानी रह जाए तो छानकर स्वादानुसार मिश्री मिलाकर पी जाए । सोए तो सीधा न सोकर करवट के बल सोये | यह काढ़ा दिन में चार बार अलग – अलग बार बनाकर ले ,उलटी में लाभ होगा ।
- यदि किसी स्त्री को गर्भावस्था में उलटी हो तो मिश्री के साथ दो लौंग पीसकर आधा प्याला गर्म पानी मिलाकर दीजिये तो आराम मिलता है।
- अक्सर कई लोगो को बस या ट्रैन में सफर करते समय उलटी आती है ऐसे लोगो को चाहिए की वे एक दो लौंग सफर के दौरान मुह में रख कर चूसे।
- यदि उलटी गर्मी के कारण हो तो तीन चम्मच धनिया चूर्ण एक पाँव पानी में ६० मिनट तक भिगो दे। उसमे एक चम्मच मिश्री पीसकर डाले । ६० मिनट बाद छानकर पिए जी मिचलाना बंद हो जायेगा।
- यदि उलटी न होकर केवल जी मिचला रहा हो तो 5 लौंग व 10 ग्राम मिश्री को पीसकर 30 ग्राम पानी में मिलाकर पिए जी मिचलाना बंद हो जायेगा।
- खुनी उलटी आने पर जीरा ,मिश्री मिलाकर पीसले और एक गिलास पानी के साथ फंकी मार ले।
- उलटी रोग में चूने के पानी भी लाभ करता है |इसे दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
- ५-६ नीम की नयी मुलायम कोपले पीसकर पानी के साथ पीने से उलटी बंद हो जाती है।
- एक चुटकी हींग व् ४-५ लौंग को पीसकर एक कप पानी में घोलकर पीने से उलटी ठीक हो जाती है।
- असली शहद पानी में घोलकर पीने से उलटी बंद हो जाती है।
- पानी में ३-४ बूंदे पुदीने का रस व् थोड़ा कपूर डालके पीने से उलटी रूक जाती है।
- एक बताशे में रत्ती भर कपूर रख कर खाने से उलटी तुरंत बंद हो जाती है यह नुस्खा बहुत लाभदायक है।
- २-३ ग्राम सफ़ेद इलाइची का चूर्ण एक कप अनार के रस में घोलकर पीने से उल्टियां बंद हो जाती है।
- एक पकी हुई इमली का गूदा मथ कर पीने से उल्टियां जल्द ही बंद हो जाती है।
- बेलगिरी के पत्तो का रस एक चम्मच निकाल कर ज़रा सा सेंधा नमक डालकर पीने से उल्टियां बंद हो जाती है।
- आम की पापड़ी खाने से दस्त और उलटी दोनों में आराम मिलता है ।
- निम्बू के रस में काली मिर्च व् काले नमक का चूर्ण मिलाकर घूट -घूट कर पीने से उलटी होना बंद हो जाता है।
- गन्ने के रस में थोड़ा सा बर्फ, निम्बू निचोड़कर पीने से उलटी बंद हो जाती है।
- १-२ ग्राम हरड़ का चूर्ण शहद के साथ चाटने से उलटी बंद हो जाती है।
- चकोतरा ,खट्टी नारंगी , संतरा ,निम्बू का रस चूसने से उलटी जरूर बंद हो जाती है।
- अगर भोजन के बाद उबकाई आती हो और डकार न आती हो , छाती में जलन मालुम पड़ती हो और हरे -पीले रंग की उलटी आती हो तो थोड़े से तरबूज के रस में थोड़ा सा नमक व दो तीन दाने काली मिर्च पीसकर मिळाले | इस पानी को घूट घूट कर पीने से उलटी फ़ौरन बंद हो जाती है।
- कागज़ी निम्बू रस २-३ चम्मच ,नीम का पानी १-२ चम्मच व् २ चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से उलटी में आराम मिलता है।
- एक चम्मच प्याज का रस ,एक चम्मच निम्बू का रस व् आधा चम्मच पुदीने का रस इन तीनो को आपस में मिलाकर दो खुराक बना ले इसे सुबह शाम पिने से उलटी रोग ठीक हो जाता है।
- अगर पेट में पित्त बढ़ जाने के कारण उलटी आ रही हो तो गन्ने के रस में २-३ चम्मच शुद्ध शहद सेवन करने से उलटी बंद हो जाती है।
- उलटी होने पर कोई दवा न मिले तो बर्फ चूसने से उलटी बंद हो जाती है।
- हरा धनिया व् पुदीना दोनों की चटनी बनाकर उसमे भुने हुए जीरे का चूर्ण ५ ग्राम , काला नमक ३ ग्राम व् काली मिर्च २ ग्राम मिलाकर सेवन करने से उलटी आना बंद हो जाती है।
- गर्भिणी के वमन में ,दो लौंग पीसकर शहद के साथ गर्भिणी को चटाये ,कै बंद हो जाएगी।
- चार लौंग कूटपीसकर एक कप पानी में डालकर उबाले | आधा पानी रहने पर छानकर स्वादानुसार मीठा मिलाकर पीकर करवट लेकर सो जाए | दिन भर में ऐसी चार मात्रा ले।
- उलटी बंद करने के लिए दो लौंग और ज़रा सी दालचीनी एक कप पानी में उबाले आधा पानी रह जाने पर छान कर पिलाये | इस तरह जब भी उलटी हो तो पिलाते रहे।
- यदि गर्भावस्था में कै ,उलटी हो तो दो-दो मुरब्बे के आंवले नित्य चार बार खिलाने से कै बंद हो जाती है।
- जी मिचलाना आरम्भ होते ही निम्बू का सेवन करना चाहिए | इससे उलटी नहीं होती है। निम्बू का रस की कुछ बूंदे पानी में मिलाकर पिलाये ,शिशु दूध नही उलटेगा।
- निम्बू में इलाइची भर कर कर चूसने से भी लाभ होता है।
- नारंगी के सूखे छिलके पीसकर दोगुनी मात्रा में चीनी मिलाकर पुनः पीस ले इसकी दो चम्मच दो घंटे में ठन्डे पानी में फंकी लेने से उलटी होना बंद हो जाती है।
- जी मिचलाने पर नारंगी के सेवन से लाभ होता है। मोटर आदि से यात्रा करते समय नारंगी का सेवन करते रहना चाहिए।
- पकी इमली को पानी में भिगोकर रस पिने उलटी ठीक हो जाती है।
- पित्त की उलटी होने पर गन्ने के रस में शहद मिलाकर देने से लाभ होता है।
- दालचीनी में शहद मिलाकर चाटने से उलटी रुक जाती है।
- दुस्साध्य उल्टियों को रोकने के लिए राई का लेप आश्चर्यजनक वस्तु है।
- राई पीसकर, पेट पर गीला मलमल का कपडा बिछाकर उस कपडे पर राई का लेप कर दे। इसे १५ मिनट रहने दे फिर हटा दे। उल्टीयां बंद हो जाएगी।
- बार – बार उल्टियां होने पर बर्फ चूसने पर उल्टियां बंद हो जाती है।
- पका हुआ केला खाने से खून की उल्टीबंद हो जाती है।
- ४ पिस्ता खाने उल्टी , जी मिचलाना बंद हो जाता है।
- फूल गोभी में क्षारीय तत्व होते है ये रक्त शोधक है। रक्त की उल्टी होने पर इसकी सब्जी खाने से या कच्ची खाने से लाभ होता है।
- उल्टी में आधा कप पोदीने का रस हर २ घंटे में पिलाये | इसमें नीम्बू भी मिला सकते है| हरा धनिया और पोदीने की चटनी बार – बार खाने से लाभ होता है।
- हरा धनिया कूटकर निचोड़ कर इसका ३३ ग्राम रस पिलाने से उल्टी रुक जाती है| गर्भवती की उल्टी भी बंद हो जाती है , इसे बार बार पिलाये।
- हरड़ को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी बंद हो जाती है।
- ४ नीम्बू का रस , ५० ग्राम सेंधा नमक , १२५ ग्राम जीरा डालकर भीगता रहने दे , भीगते -भेजते जब नीम्बू का रस सूख जाये और सूखा जीरा ही बचे तब उसे निकालकर शीशी में भर ले , नित्य ३ बार इसका आधा चम्मच ले।
- उल्टी रोकने में अदरक बहुत लाभकारी है। अदरक का रस १ चम्मच ले कर जरा सा सेंधा नमक बुरक ले और चाट ले। आवश्कता पड़े तो १ घंटे बाद एक खुराक और ले ले।
- अदरक का रस ,प्याज का रस , पानी , प्रत्येक एक एक चम्मच मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
- अदरक और प्याज का रस में शहद मिलाकर चाटने से उल्टी बंद हो जाती है।
- तुलसी की पत्तियों का रस पीने से उल्टी बंद हो जाती है।
- २५ ग्राम नीम के पत्ते , १२५ ग्राम पानी में पीसकर छानकर पीने से सभी प्रकार की उल्टीयां बंद हो जाती है।
- गर्भावस्था की कै | ५० ग्राम चावल ,२५० ग्राम पानी में भिगो ले आधे घंटे भीगने के बाद ५ ग्राम सूखा धनिया भी डाल दे , १० मिनट के बाद मलकर छान ले | इसके ४ हिस्से करके ४ बार में गर्भिणी को पिलाये , कै बंद हो जाएगी।
- दो भाग सौफ ,दो भाग खांड व् एक भाग सफ़ेद जीरा बारीक पीसकर चूर्ण बना ले आधा चम्मच से एक चम्मच की मात्रा दो सप्ताह तक लेने से अजीर्ण व् अम्लपित्त जन्य वामन में फायदा होता है।
- दो लौंग कूटकर आधा कटोरी पानी में उबाले। पानी आधा रह जाए तो छानकर स्वादानुसार मिश्री मिळाले तथा सेवन करे।
- छाया में सूखी तुलसी की पत्तिया दो भाग ,अजवायन दो भाग ,सेंधा नमक एक भाग ,तीनो को कूट-पीसकर चूर्ण बना ले यह चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लेने से वामन में आराम मिलता है।
- पिपिरमिंट जीभ पर रखने से भी वमन रुक जाता है।
- कपूर का अर्क पिने से भी उलटी रुक जाती है।
- सूखे नारियल की जटा को जलाकर राख कर ले। इस भस्म को पीसकर व छान के एक ग्राम की मात्रा में एक घूँट ताजे पानी के साथ देने से उल्टियां आनी तुरंत रुक जाती है।
- अजवायन का सत, कपूर व पिपिरमिंट को एक शीशी में मिलकर रखे तीनो पिघलकर जब एक द्रव रूप बन जाये तो यह मिश्रण अमृत धरा कहलाता है। दो घूँट पानी में दो तीन बूँद डालकर पिलाने से उल्टी रुक जाती है।
- दो चम्मच तुलसी का रस,दो चम्मच शक्कर या मिश्री तथा आधा चम्मच पिसी हुई छोटी इलाइची के बीज एक कप पानी में मिलाकर पिलाने से उल्टी रुक जाती है।
- बच्चो को उल्टी होती हो तो तुलसी के बीज शहद में मिलाकर चटाये | शहद के स्थान पर तुलसी के बीजो को दूध में भी पीसके दिया जा सकता है।
- उबकाई आने पर कागज़ी निम्बू रस २-३ चम्मच ,नीम का पानी १-२ चम्मच व् २ चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से उलटी में आराम मिलता है।
- यदि बुखार के साथ उलटी हो तो मिश्री पीसकर तुलसी के रस मियाउ मिलाकर दे तुतंत आराम म ईलता है।
- मीठी नीम के १० पत्ते एक गिलास गर्म पानी में पीसकर दो घंटे के लिए डाल दे। ठंडा होने पर आधी-आधी कटोरी दिन में तीन बार ले।
परहेज एवं सुझाव
१. रोगी को गर्म पानी ठंडा करके उसमे तुलसी का अर्क मिलाकर देना चाहिए।
२. गर्मी तथा ठण्ड में नहाना जरूरी है।
३. पानी में निम्बू निचोड़कर पीना चाहिए।
४. जब भूख लगे तो मूंग दाल की खिचड़ी दही या मट्ठे के साथ खाये |
५. अधिक भोजन न करे।
६. गर्भवती को उल्टी की शिकायत होने पर आलूबुखारा खिलाये।
७. कमजोर शरीर वाले लोग अपने शरीर को गीले कपडे से पोंछे।