नकसीर (Nakseer-नाक के खून बहना) क्यों होती है ? What is Nosebleed ?
कभी-कभी बिना किसी कारण के ही नाक से खून गहने लगता है। इस खून की धार को हम नकसीर कहते है। यह बच्चों, जवानों व बूढ़ों सब में होता है। बच्चों या जवानों में यह ज्यादा होता है। यह रोग गर्मी के महीनों में शरीर में गर्मी बढ़ जाने के कारण होता है। गर्मी के कारण शरीर का खून पतला हो जाता है। जिन लोगों की प्रकृति पित्त प्रधान होती है उन लोगों के नाक से खून बहना शुरू हो जाता है। इसके अलावा गर्म भोजन करने वाले, धूप में ज्यादा देर काम करने वाले व बीड़ी, सिगरेट, शराब आदि पीने वालों में यह रोग बड़ी जल्दी होता है। नाक से खून बहने के कारण रोगी घबरा जाता है। नकसीर फूटने पर रोगी को किसी ठंडे स्थान पर लिटा देना चाहिए और ठंडे पानी से नाक को धोकर नाक व माथे पर ठंडी पट्टी रखनी चाहिए। इसके अलावा पैर के तलवों में देषी घी या मक्खन मलना चाहिए।
नकसीर (Nakseer-नाक के खून बहना) रोग का कारण – Causes of Nosebleed
नकसीर नाक व दिमाग में अचानक चोट लगने, जुकाम के बिगड़ने व खून की मात्रा बढ़ने आदि के कारण फूटती है। इसके अलावा नकसीर गर्मियों में फूटती है तथा पुराने बुखार के कारण भी नाक से खून बहने लगता है।
नकसीर (Nakseer-नाक के खून बहना) रोग के लक्षण – Symptoms of Nosebleed
नकसीर फूटने से पहले सिर भारी-भारी व बाद में सिरदर्द होने लगता है। दिमाग घूमने के साथ-साथ चक्कर आ जाता है। इसके बाद नकसीर फूटने वाले रोगी के बाएं नाक से खून बहने लगता है। खून मुँह से होता हुआ पेट में चला जाता है। इस कारण खांसी आने लगती है। सांस लेना मुष्किल हो जाता है।
नकसीर (Nakseer-नाक के खून बहना) रोकने के लिए घरेलु उपयोगी नुस्खे-
- अरण्डी के छिलकों की राख नाक में फूंक दें।
- ताजा नींबू का रस निकालकर नाक में पिचकारी दें।
- अपामार्ग की जड़ पीसकर सुंघाएं या हरी दूब के रस को नाक के उस नथुने में डालें जिससे खून गिर रहा हो। यदि नकसीर फूटने से खून दोनों नथुनों में से गिर रहा हो तो दोनों नथुनों में डालें।
- प्याज का रस निकालकर सुंघा दें अथवा गूलर का पका हुआ फल शहद अथवा गुड़ के साथ खिलाएं।
- फिटकरी के पानी में किसी कपड़े को भिगोकर नाक पर रख दें।
- सिर के ऊपर बर्फ के टुकडे़ रखने से नकसीर बंद हो जाती है।
- आम की गुठली की गिरी को पीस नस्य दें।
- आंवले का रस सिर पर टपकाएँ अथवा आंवलों को पीसकर सिर पर लेप करें।
- चैलाई या नीम के पत्ते पीसकर कनपटी पर लगाएँ।
- बेर के पत्तों को बिना पानी डाले पीसकर सिर पर लगाएँ।
- केले के पेड़ का रस निकाल कर सुंघाएं अथवा चित्रक के चूर्ण में शहद मिलाकर चटाएं या कटेरी, उसके पत्ते एवं जड़ पीसकर रस निकालकर सिर के तालू में लगाएं।
- आधा पाव दही एक पाव पानी में घोलकर उसमें एक ग्राम फिटकरी का चूर्ण मिलाकर पिलाएं।
- 2 ग्रेन कपूर को हरे धनिए के रस में घोलकर नाक में डालें।
- नकसीर रोग में अक्सर लोगों को राह चलते भी नाक से खून आने लगता है, बच्चों को तो खासकर इस रोग का षिकार होना पड़ता है। ऐसे रोगियों के लिए, फिटकरी को पानी में घोलकर नाक में डालकर उसे गले से बाहर निकालते हुए नाक के कुल्ले करने से नकसीर रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
- बबूल का गोंद लचूर एवं अफीम एक-एक चुटकी लेकर मिला लें। इसे ड्राप से एक-एक बूंद नाक में डालें तो नकसीर आनी बंद हो जाएगी।
- नीम की पत्तियों का रस एक-एक बूंद नाक में हर रोज डालें तो सांस रोग ठीक हो जाएंगे बंद नाक खुल जाएगी।
- नकसीर आने पर नथुनों में दो-दो बूँद नीबू का रस टपकाने से नाक से रक्त गिरना तुरन्त बन्द हो जाता है।
- 50 ग्राम सफेद कमल के सूखे हुए फूल (पंसारी के मिलते हैं), मिश्री 50 ग्राम दोनों को पीस कर मिला लें। इसकी एक चम्मच सुबह-षाम गर्म दूध से फँकी लें। एक सप्ताह तक लेने से नकसीर ठीक हो जाती है। गर्म प्रकृति की चीजें अचार, तेल की तली हुई चीजें नहीं खायें। यह अनुभूत है।
- मीठे अंगूर का रस नीक से खींचने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाती है।
- जिन्हें प्रायः नकसीर आती रहती है, वे सूखे आँवलों को रात को भिगोकर उस पानी में प्रातः नित्य सिर धोयें। आँवले का मुरब्बा खायें। यदि नकसीर किसी भी प्रकार से बन्द न हो तो
- आँवले का रस नाक में टपकायें और आँवले को पीसकर सिर पर लेप करें, अवष्य लाभ होगा। यदि ताजे आँवले न मिलें तो सूखे आँवलों को पानी में भिगोकर उस पानी को सिर पर लगायें। इससे मानसिक गर्मी व खुष्की दूर होगी।
- दूध में शक्कर मिला कर केले के साथ निरन्तर दस दिन सेवन करें।
- नथुनों में अनार का रस डालने से नाक से रक्त आना बन्द हो जाता है।
- खट्टे-मीठे अनार के आधा कप रस में 2 चम्मच मिश्री मिलाकर रोज दोपहर को पीने से गर्मी में नाक से होने वाला रक्तस्त्राव बंद हो जाता है।
- नकसीर आने पर प्याज का रस नाक में डालें। प्याज का रस नाक और गले के संक्रमण को ठीक करता है। प्याज एवं पुदीने का रस मिलाकर नाक में डाल देने से भी लाभ मिलता है। पुदीने के साथ अनार के फूलों का स्वरस भी मिलाया जा सकता है।
- रोगी की गर्दन पीछे झुकाकर लेटा दो और उसके दोनो नाक के नथुनों में चार-चार बूँद देषी घी की डालकर रोगी को इसे साँस से अन्दर खेंचने को कहो। इस तरह घी सूँघने से नकसीर आना बन्द हो जाता है। यह क्रिया एक सप्ताह करें। दूध में घी डाल कर नित्य पीयें।
- गाय के कच्चे दूध में फिटकरी घोलकर सूँघने से नकसीर ठीक हो जाती है। यदि नकसीर बन्द न हो तो फिटकरी पानी में घोलकर उसमें कपड़ा भिगोकर ललाट पर रख दें। फिर 10 मिनट में रक्त बन्द हो जायेगा।
- हरे धनिये का रस सुँघाने और पत्तियों को पीसकर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण नाक से बहने वाला रक्त रूक जाता है।
- तुलसी का रस नाक में टपकाने से रक्त-स्त्राव बन्द हो जाता है।
- नाक से रक्त-स्त्राव होने पर पहले दोब का रस सूँघें, फिर नाक में कुछ बूँद डालें। इससे लाभ होगा।
- 10 ग्राम मुलतानी मिट्टी रात को मिट्टी के बर्तन में आधा किलो पानी में भिगो दें। प्रातः पानी को निथार कर पीयें। वर्षों पुरानी नकसीर कुछ दिन पीने से ठीक हो जायेगी।
- ठण्डा पानी सिर पर धार बाँधकर डालने से रक्त गिरना बन्द हो जाता है।
- सिर पर बर्फ रगड़ें या बर्फ का ठंडा पानी सिर पर डालें। नकसीर आना बन्द हो जाता है।
- प्रातः भूखे पेट नित्य नारियल खाने से नकसीर आना बन्द हो जाता है।
- रात को आगरे के पेठे के दो टुकडे़ एक गिलास पानी में भिगों दें। पेठा प्रातः खा जायें और उस पानी को भी पी जावें। कुछ दिनों में नकसीर आना बन्द हो जायेगी।
- आंवले के रस में सेंधा नमक डालकर सेवन करें व आंवले का रस नाक में भी बूंद-बूंद टपकाएँ। इससे खून बहना बंद हो जाता है।
- गन्ने के रस में 10-12 बूंद प्याज का रस मिलाकर नाक, कनपटियों व माथे पर धीरे-धीरे मलने से नकसीर में आराम मिलता है।
- गाय के दूध में थोड़ी-सी फिटकरी डालकर रोगी को बार-बार सुंघाने से खून बहना बंद हो जाता है।
- नींबू की षिकंजवी पीने या ताजे नींबू का रस निकालकर नाक में टपकाने से खून बहना बंद हो जाता है।
- उरद की दाल पीसकर माथे पर लेप करने से खून बंद हो जाता है।
- ताजे पानी में धनिया के थोडे़ से दाने भिगों दें। फिर उनको पीसकर मिश्री डालकर रोगी को तीन-चार बार पिलाने से काफी फायदा होता है।
- माथे पर फिटकरी का लेप करने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
- आम की गुठली को पीसकर उसका रस निकाल लें। फिर इस रस को नाक में बूंद-बूंद टपकाने से खून बंद हो जाता है।
- बथुए के रस में थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाकर पिलाने से नकसीर का खून बंद हो जाता है।
- माथे पर तुलसी के पत्तों का लेप करने से खून बहना बंद हो जाता है।
- एक चम्मच आंवले का चूर्ण व एक चम्मच मुलहठी का चूर्ण इन दोनों को मिलाकर रोगी को दूध या ताजे पानी से सेवन करने से खून बहना बंद हो जाता है।
- अगर नकसीर फूटने पर खून न रूके तो दो चम्मच जौ अथवा गेहूँ का आटा कच्चे दूध में अच्छी तरह घोलकर पिलाने से खून बंद हो जाता है।
- दो चम्मच लौकी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर पिलाने से नकसीर में काफी लाभ मिलता है।
- बेल के पत्तों का रस एक चम्मच की मात्रा में लिाने से खून बहना बंद हो जाता है।
- रात में गुलाबजल में किषमिष पीसकर सेवन करेन से नकसीर नहीं फूटती है।
- पेठा नमक मिठाई खाने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
नकसीर (Nakseer-नाक के खून बहना) रोकने के लिए परहेज व सुझाव
- नकसीर फूटने पर गर्म चीजें, चाय, काॅफी, शराब, चाट, गरम मसाले व अन्य नषीली तथा गर्म वस्तुएँ नहीं खाना-पीना चाहिए।
- ज्यादा ठंडा भी नहीं खाना चाहिए।
- गर्मी व धूप में काम करना बंद कर देना चाहिए।
- ठंडे स्थान पर निवास करना चाहिए और कुठ ठंडे पदार्थो को खाना चाहिए।
- पित्त शांत करने वाले पदार्थो का सेवन कर सकते है।
- हलकी सब्जियाँ व फल खा सकते है।