Neutrophils meaning in hindi – न्यूट्रोफिल मानव और अन्य प्राणियों के रक्त में पाए जाने वाले एक प्रकार की श्वेत कोशिकाएं (व्हाइट ब्लड सेल्स) होती हैं। इनका मुख्य कार्य शरीर में इन्फेक्शन और अन्य बीमारियों से लड़ना है। ये कोशिकाएं बैक्टीरिया, वायरस, और अन्य अनचाहे तत्वों को मारने या उनसे लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस प्रकार, न्यूट्रोफिल शरीर के इम्यून सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
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सफलतापूर्वक न्यूट्रोफिल स्तर को होम्योपैथी के साथ नियंत्रित करें: Dr. S.K Awasthi से संवाद”
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके शरीर में न्यूट्रोफिल का स्तर क्यों बढ़ जाता है या कम हो जाता है? और इससे आपके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? आपके इन सवालों के उत्तर आज हम एक प्रमुख होम्योपैथिक डॉक्टर से जानेंगे, जो इस क्षेत्र में कई सालों से कार्यरत हैं.
न्यूट्रोफिल कहाँ बनते हैं? – Where are Neutrophils made in Hindi?
न्यूट्रोफिल शरीर में बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में बनते हैं। बोन मैरो एक स्पंजी संरचना होती है जो हमारी बड़ी हड्डियों के अंदर होती है। यहाँ पर वे मैट्यूर (पूरी तरह से विकसित) होकर शरीर में विभिन्न तरह के संक्रमण और रोगों से लड़ने के लिए तैयार होते हैं। जब शरीर में किसी प्रकार की संक्रमण की संभावना होती है, तो बोन मैरो न्यूट्रोफिल का उत्पादन बढ़ा देता है। “न्यूट्रोफिल कहाँ बनते हैं? – Where are Neutrophils made in Hindi?” इस जानकारी को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि लोग इनके महत्व को और भी अच्छे से जान सकें।
न्यूट्रोफिल कैसा दिखता है?Explain Neutrophils in Hindi look like?
न्यूट्रोफिल एक प्रकार की वाइट ब्लड सेल हैं जिसका मुख्य कार्य शरीर में संक्रमण से लड़ना है। माइक्रोस्कोप के नीचे देखे जाने पर, ये सेल आमतौर पर बिना रंग के होते हैं और उनका केंद्र (न्यूक्लियस) तीन से पांच लोब्स में बाँटा जाता है। इनकी आकृति अमेबा की तरह होती है और वे तबादला कर सकते हैं। “न्यूट्रोफिल कैसा दिखता है? – What do Neutrophils look like in Hindi?” के लिए यह विवरण देना जरूरी है क्योंकि यह लोगों को उनके शरीर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को समझने में मदद करता है
न्यूट्रोफिल कहाँ स्थित होते हैं? Where are neutrophils in Hindi located?
शरीर के कौन-कौन से हिस्से में न्यूट्रोफिल्स मौजूद होते हैं
- रक्त: न्यूट्रोफिल्स मुख्य रूप से रक्त में होते हैं और संक्रमण के समय त्वरित रूप से रक्त के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र में पहुंचते हैं।
- बोन मैरो: यहाँ पर न्यूट्रोफिल्स बनते हैं और यहाँ से वे रक्त में मिलते हैं।
- मुकोसल सतहें: जैसे कि श्वसनीय तंतू, जिगर आदि में भी न्यूट्रोफिल्स पाए जाते हैं, लेकिन उनका प्रमुख कार्यक्षेत्र रक्त और बोन मैरो है।
शरीर में न्यूट्रोफिल Neutrophils in Hindi कितना होना चाहिए?
न्यूट्रोफिल्स की संख्या एक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, और कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है। आमतौर पर, न्यूट्रोफिल्स की संख्या पूरे व्हाइट ब्लड सेल्स (WBCs) की 50% से 70% तक होती है।
सामान्य मापदंड:
- नवजात शिशुओं में: 5,000 से 21,000/mcL
- बच्चों में: 1,800 से 6,500/mcL
- वयस्कों में: 1,500 से 8,000 cells/mcL (सेल्स प्रति मिक्रोलीटर)
- बच्चों में: संख्या उम्र के आधार पर बदलती है
यदि न्यूट्रोफिल्स की संख्या अनुशंसित सीमा से अधिक या कम है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। उच्च स्तर का मतलब हो सकता है बैक्टीरियल संक्रमण, जबकि निम्न स्तर का मतलब हो सकता है इम्यून सिस्टम कमजोर है।
उम्र (साल) | न्यूट्रोफिल्स की सामान्य संख्या (cells/mcL) |
---|---|
0-10 | 1,500 – 8,500 |
11-20 | 1,800 – 7,500 |
21-30 | 1,800 – 7,000 |
31-40 | 1,800 – 7,000 |
41-50 | 1,800 – 6,800 |
51-60 | 1,700 – 6,800 |
61-70 | 1,600 – 6,800 |
71-80 | 1,500 – 6,700 |
81-90 | 1,400 – 6,500 |
91-100 | 1,300 – 6,200 |
कृपया ध्यान दें कि ये मानकांकन हैं और इनमें व्यक्तिगत भिन्नताएँ हो सकती हैं। अगर आपके पास किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से मिलें और उनकी सलाह लें।
न्यूट्रोफिल’ की अधिक संख्या का मतलब है कि शरीर में कोई संक्रमण या सोजिश हो सकती है। यह आमतौर पर शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का एक सक्रिय रेस्पॉन्स होता है। लेकिन, अगर यह संख्या लगातार उच्च रहती है, तो इसका मतलब है कि कुछ गंभीर समस्या भी हो सकती है—जैसे लीवर रोग, बोन मैरो की विकृति, या फिर कैंसर। ऐसे में, तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। ‘न्यूट्रोफिल अधिक होने पर क्या कदम उठाएं?’ इस सवाल पर विचार करना चाहिए।
न्यूट्रोफिल की अधिक संख्या होने पर सबसे पहला कदम तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। डॉक्टर आपके शरीर का पूरा मूल्यांकन करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर और टेस्ट करवा सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट: डॉक्टर आपसे विभिन्न प्रकार के ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं जैसे कि CBC (Complete Blood Count).
- जीवाणु संक्रमण का पता लगाने के लिए कल्चर टेस्ट भी हो सकते हैं।
- अगर संक्रमण है, तो एंटीबायोटिक्स या अन्य दवाएं लग सकती हैं।
- चिकित्सा से संबंधित इतिहास और लक्षणों को मध्य नजर में रखते हुए, आपको लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव करने की सलाह दी जा सकती है।
- कभी-कभी, अगर स्थिति गंभीर है, तो अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी हो सकती है।
सफेद कोशिकाओं (White Blood Cells) की कमी के विभिन्न कारण हो सकते हैं:
- बोन मैरो की समस्या: बोन मैरो जहां से सफेद कोशिकाएं बनती हैं, उसमें किसी प्रकार की समस्या, जैसे ल्यूकेमिया, हो सकती है।
- वायरल इन्फेक्शन: कुछ वायरल इन्फेक्शन्स जैसे HIV, भी सफेद कोशिकाओं की संख्या को कम कर सकते हैं।
- केमोथेरेपी: कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं भी सफेद कोशिकाओं की संख्या को प्रभावित कर सकती हैं।
- उर्जा की कमी: विटामिन B12, फोलिक एसिड, या आयरन की कमी से भी सफेद कोशिकाओं की संख्या कम हो सकती है।
- अन्य दवाएं: कुछ एंटीबायोटिक्स, एंटीहिस्टामाइंस, दीवार से संबंधित दवाएं और अन्य मेडिकेशन भी सफेद कोशिकाओं की संख्या में गिरावट ला सकते हैं।
न्यूट्रोफिल बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- बैक्टीरियल इन्फेक्शन: यह सबसे आम कारण है। जब शरीर में किसी प्रकार का बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है, तो न्यूट्रोफिल्स की संख्या बढ़ सकती है।
- स्ट्रेस: शारीरिक या मानसिक स्ट्रेस भी न्यूट्रोफिल्स की संख्या में वृद्धि कर सकते हैं।
- उच्च स्तर की व्यायाम: अत्यधिक व्यायाम भी इसे बढ़ा सकता है।
- दवाएं: कुछ दवाएं जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉयड्स भी न्यूट्रोफिल्स की संख्या में वृद्धि कर सकते हैं।
- कैंसर: ल्यूकेमिया और अन्य किस्मों के कैंसर भी न्यूट्रोफिल्स को बढ़ा सकते हैं।
- अन्य मेडिकल स्थितियां: जैसे कि गठिया, कुछ त्वचा विकार, और किडनी रोग भी इसे बढ़ा सकते हैं।
न्यूट्रोफिल कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वायरल इन्फेक्शन: वायरल संक्रमण जैसे कि फ्लू या एचआईवी, न्यूट्रोफिल्स की संख्या को घटा सकते हैं।
- केमोथेरेपी: कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी न्यूट्रोफिल्स को कमजोर कर सकती हैं।
- बोन मैरो डिसऑर्डर: जैसे अनेमिया या ल्यूकेमिया, इनमें न्यूट्रोफिल्स का निर्माण ही कम होता है।
- ऑटोइम्यून रोग: लुपस या रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी स्थितियां भी न्यूट्रोफिल्स की संख्या में कमी का कारण बन सकती हैं।
- स्प्लीन इश्यूज: स्प्लीन की समस्याएं भी इसे घटा सकती हैं।
- जीनेटिक डिसऑर्डर: कुछ जन्मजात विकार भी न्यूट्रोफिल्स की संख्या में कमी कर सकते हैं।
- दवाएं और ट्रीटमेंट: कुछ एंटीबायोटिक्स, दियूरेटिक्स, और अंतिप्साइकोटिक दवाएं भी इसे कम कर सकती हैं।
Neutrophils in Hindi न्यूट्रोफिल टेस्ट आमतौर पर एक पूरे खून का परीक्षण (Complete Blood Count, CBC) के भाग के रूप में किया जाता है। यह परीक्षण आपके खून में विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं की संख्या को मापता है, जिसमें न्यूट्रोफिल्स भी शामिल हैं।
कैसे किया जाता है
- सैंपलिंग: आपके बाजू की नस से एक छोटी सी सीरिंज से खून का सैम्पल लिया जाता है।
- लैब एनालिसिस: यह सैम्पल फिर लैबोरेटरी में भेजा जाता है, जहां इसे माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाता है।
मूल्यांकन
- अभिन्यास: खून के सैम्पल में न्यूट्रोफिल्स की प्रतिशत संख्या का मूल्यांकन किया जाता है।
- रिपोर्ट: पूरे परीक्षण की रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिसमें न्यूट्रोफिल्स की अब्सोल्यूट और प्रतिशत संख्या होती है।
समाधान
- डॉक्टर की सलाह: रिपोर्ट के आधार पर, डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की स्थिति का मूल्यांकन करते हैं और आवश्यक उपचार की सलाह देते हैं।
न्यूट्रोफिल Neutrophils in Hindi टेस्ट की जरूरत तब होती है जब आपको बुखार हो, इन्फेक्शन की संभावना हो, या किसी अन्य तरह की चिकित्सा स्थिति का पता लगाना हो।
न्यूट्रोफिल कैसे घटाएं
न्यूट्रोफिल अगर अधिक हैं, तो यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसे घटाने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- डॉक्टर की सलाह: सबसे पहली बात, यदि आपके न्यूट्रोफिल बढ़े हुए हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- आहार में सुधार: अंतिऑक्सीडेंट और जिंक युक्त भोजन करें।
- धूम्रपान और शराब से दूरी: इनसे बचें, क्योंकि ये इम्यून सिस्टम पर नकरात्मक प्रभाव डालते हैं।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम से भी न्यूट्रोफिल्स को नियंत्रित किया जा सकता है।
- स्ट्रेस नियंत्रण: मेडिटेशन और योग से स्ट्रेस को कंट्रोल करें।
- जल संतर्पण: पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, जिससे टॉक्सिन्स बाहर निकलेंगे।
- दवा और उपचार: कई बार न्यूट्रोफिल बढ़ने का कारण कोई दवा या मेडिकल उपचार हो सकता है। इसका समाधान डॉक्टर ही कर सकते हैं।
- विटामिन और मिनरल्स: विटामिन C और E का संतुलित सेवन करें।
- इन्फेक्शन से बचाव: अगर आपके न्यूट्रोफिल बढ़े हैं, तो आपके शरीर में इन्फेक्शन की संभावना हो सकती है। इसे ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर से मिलें।
- विशेषज्ञ से मिलें: अगर आपके न्यूट्रोफिल बहुत अधिक बढ़े हैं, तो हेमाटोलॉजिस्ट या इम्यूनोलॉजिस्ट से मिलें।
ध्यान दें: यह सुझाव केवल जानकारी के लिए हैं। किसी भी प्रकार के मेडिकल उपचार से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
न्यूट्रोफिल कैसे बढ़ाएं ?- How to Increase Neutrophils in Hindi?
न्यूट्रोफिल कम होने पर शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसे बढ़ाने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- आहार में बदलाव: प्रोटीन और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
- विटामिन B9 और B12: इन विटामिनों का सेवन बढ़ाएं।
- डॉक्टर की सलाह: कम न्यूट्रोफिल के कारण जांच करने और सही उपचार के लिए डॉक्टर से मिलें।
- इम्यून बूस्टर्स: इम्यून सिस्टम को मजबूती देने वाले जड़ी-बूटियों का उपयोग करें।
- प्रोबायोटिक्स: ये गुट हेल्थ को बेहतर बनाते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम में भी सुधार होता है।
- पर्याप्त जल: अच्छी मात्रा में पानी पीएं।
- स्ट्रेस नियंत्रण: योग और मेडिटेशन से स्ट्रेस को कम करें।
- नियमित व्यायाम: यह इम्यून सिस्टम को बल प्रदान करता है।
- धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें: ये इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं।
- मेडिकेशन और वैक्सीनेशन: अगर डॉक्टर ने इसकी सलाह दी हो, तो उपयोग करें
यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि उच्च न्यूट्रोफिल स्तर को घटाने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। होम्योपैथिक उपचार केवल एक विकल्प हो सकते हैं, और वे डॉक्टर द्वारा निर्धारित उपचार का स्थान नहीं ले सकते।
10 होम्योपैथिक दवाएं जो उच्च न्यूट्रोफिल स्तर में काम कर सकती हैं – 10 Homeopathic Medicines That Can Work in High Neutrophil Levels in Hindi
- Arnica Montana
- उपयोग: सूजन और जलन को घटाने में
- उपयोग केस: अगर उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण सूजन हो रही है
- Nux Vomica
- उपयोग: आंत में सूजन और असहिष्णुता को नियंत्रित करने में
- उपयोग केस: उच्च न्यूट्रोफिल के कारण पेट में समस्याएं हो रही हों
- Pulsatilla
- उपयोग: इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में
- उपयोग केस: उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण जुकाम या अन्य इंफेक्शन
- Lycopodium
- उपयोग: डाइजेस्टिव सिस्टम को सुधारने में
- उपयोग केस: पेट में गैस या ब्लोटिंग के समस्याएं होने पर
- Phosphorus
- उपयोग: श्वासन संबंधित समस्याएं में
- उपयोग केस: उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण अस्थमा या खांसी हो
- Sulphur
- उपयोग: त्वचा संबंधित समस्याएं में
- उपयोग केस: उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण त्वचा में सूजन या जलन
- Calendula
- उपयोग: घाव या चोट में
- उपयोग केस: अगर उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण घाव धीमी गति से भर रहे हों
- Belladonna
- उपयोग: उच्च बुखार में
- उपयोग केस: उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण बुखार आया हो
- Aconite
- उपयोग: अचानक उत्पन्न हुई स्ट्रेस या घबराहट में
- उपयोग केस: उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण मानसिक स्ट्रेस हो
- Silicea
- उपयोग: नखून और बाल संबंधित समस्याओं में
- उपयोग केस: उच्च न्यूट्रोफिल स्तर के कारण बाल या नखून में समस्याएं हो
याद रखें कि यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
यह जानकारी केवल सामान्य संदर्भ में दी गई है, और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सम्पर्क करना महत्वपूर्ण है।
10 होम्योपैथिक दवाएं जो निम्न न्यूट्रोफिल स्तर में काम कर सकती हैं:10 Homeopathic Medicines That Can Work in Low Neutrophil Levels in Hindi
- Echinacea
- उपयोग: इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल कम होने पर जब इंफेक्शन का खतरा बढ़े
- Thuja Occidentalis
- उपयोग: वायरल इंफेक्शन में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल कम होने के कारण वायरल संक्रमण का खतरा
- Ferrum Phosphoricum
- उपयोग: अनेमिया और थकान में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल कम होने पर थकान और कमजोरी महसूस करें
- Calcarea Phosphorica
- उपयोग: बोन हेल्थ के लिए
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल कम होने पर हड्डियों में कमजोरी
- Baryta Carbonica
- उपयोग: गले और टॉन्सिल्स में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल कम होने के कारण गले में समस्याएं
- Arsenicum Album
- उपयोग: डायजेस्टिव इश्यूज में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल Neutrophils in Hindi कम होने पर पेट में असहिष्णुता
- Silicea
- उपयोग: स्किन और नखून के लिए
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल Neutrophils in Hindi कम होने पर त्वचा और नखून संबंधित समस्याएं
- Natrum Muriaticum
- उपयोग: उच्च ब्लड प्रेशर और थकान में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल Neutrophils in Hindi कम होने पर थकान और उच्च ब्लड प्रेशर
- Gelsemium Sempervirens
- उपयोग: नर्वसनेस और डिप्रेशन में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल कम होने के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित
- Carbo Vegetabilis
- उपयोग: डायजेस्टिव इश्यूज में
- उपयोग केस: न्यूट्रोफिल Neutrophils in Hindi कम होने पर पेट में गैस और ब्लोटिंग
कृपया ध्यान दें कि यह सूची जानकारी के लिए मात्र है, और इसका उपयोग करने से पहले एक क्वालिफाइड होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह लें।