Diabetes ,Madhumeh, Sugar Treatment Hindi

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What is diabetes?

पेशब के साथ जब चीनी जैसा मधु पदार्थ निकलता है, तो उसे मधुमेह Diabetes रोग कहते हैं। यह रोग धीरे-धीरे होता है। डायबिटीज Madhumeh एक ऐसा रोग है जिसके रोगी को बहुत समय तक तो इस रोग का अहसास ही नहीं हो पाता। औरतों की अपेक्षा पुरुषों में यह रोग अधिक देखा गया है। मोटे आदमी अक्सर इस रोग से पीडि़त देखे जाते हैं। पहले यह रोग प्रायः 40.50 वर्ष की अवस्था में या इसके बाद होता था, लेकिन आजकल छोटे बच्चों के भी यह बीमारी देखी गयी है। मधुमेह रोग में पैतृक प्रभाव का भी बहुत अधिक हाथ है।
    शरीर में इंसुलिन नामक तत्त्व पाचन क्रिया से सम्बन्धित पेनक्रियाज ग्रंथि से उत्पन्न होता है, इससे शक्कर रक्त में प्रवेष करता है और वहाँ ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है। उक्त पेनक्रियाज ग्रंथि जितनी शरीर को शुगर की आवष्यकता होती है उतनी रख लेती है शेष शुगर को जला देती है। मगर यह पेनक्रियाज ग्रंथि इंसुलिन पैदा करना बन्द कर दे या कम कर दे या किसी कारण से यह रस बाधक हो तो डायबिटीज diabetes (मधुमेह madhumeh) रोग पैदा हो जाता है। ऐसी अवस्था मेें शक्कर रक्त में चला जाता है और ऊर्जा में परिवर्तित नहीं हो पाता है तथा मू़त्र के द्वारा भी बाहर निकल जाता है। यह रोग दो प्रकार का होता है- 1 डायबिटीज Diabetes    मेलिट्रस (Madhumeh),  2  डायबिटीज Diabetes इन्सिपिड्स (बहुमू़त्र)।
 

मधुमेह के लक्षण व कारण –

Diabetes-Sugar Symptoms-

मधुमेह की उत्पत्ति का कारण अग्न्याषय (पेनक्रियाज) में उत्पन्न होने वाले तत्व इंसुलिन की कमी माना जाता है। मूत्र और रक्त की जाँच से दोनों में शर्करा आना इसका सही निदान है। अधिक प्यास, अधिक भूख लगना, बार-बार पेषाब जाना, बार-बार फोडे़-फुँसी होना, घाव न भरना, पैरों में दर्द, नेत्र दृष्टि में गिरावट, कब्ज रहना, टी0 बी0, शर्करा अधिक बढ़ने पर दुर्बलता, घबराहट, रक्त संचार की वृद्धि, बेहोषी होती है। सिर-दर्द, कब्जी, चमड़ा सूखा, खुरखुरा, खुजली, घावों का न भरना आदि मधुमेह के लक्षण हैं।
अधिक टीवी देखना मधुमेह का कारण- यदा-कदा टीवी देखने की आदत शौक में शुमार होती है और इससे सेहत को कोई खतरा नहीं होता लेकिन यदि सप्ताह में 20 घंटे तक टीवी देखें तो हो सकता है कि आप मधुमेह को आमंत्रण दे रहे हैं। अमरीकी शोधकर्त्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि सप्ताह भर में बीस घंटे तक टीवी देखेने वाले पुरुषों में आगे चलकर मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। कहा है कि टीवी देखने में अधिक समय व्यतीत करने से 40  वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों में मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इस आयु वर्ग के अधिक वजनी वयस्क ही अमूमन रोग की चपेट में आते हैं। शोधकर्त्ताओं ने कहा है कि बैठे-ठाले टीवी देखने की जीवनषैली का मधुमेह से सीधा सम्बन्ध है। नियमित व्यायाम से मधुमेह से बचा जा सकता है।

(1) मधुमेह एक लंबी अवधि की स्थिति है जो उच्च रक्त शर्करा के स्तर का कारण बनता है|
(2) बार-बार पेशाब आना।
(3) बहुत ज्यादा प्यास लगना।
(4) बहुत पानी पीने के बाद भी गला सूखना।
(5) 2013 में दुनिया भर में 382,000,000 से अधिक लोगों को मधुमेह (एंडोक्रिनोलॉजी का विलियम्स ) था कि अनुमान लगाया गया था।
(6) गर्भावधि मधुमेह – इस प्रकार की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को प्रभावित करता है|
(7) सबसे आम मधुमेह लक्षण अक्सर पेशाब, तीव्र प्यास और भूख, वजन, असामान्य वजन घटाने, थकान, कटौती और घाव  जल्दी ठीक नही होता , पुरुष यौन रोग, स्तब्ध हो जाना और हाथ और पैर में झुनझुनी शामिल हैं।

Type 1 Diabetes –

इस अवस्था में शरीर में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है| सभी मधुमेह के मामलों में  लगभग 10% Type 1 Diabetes के होते है| शरीर समुचित कार्य के लिए पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता। मधुमेह के सभी मामलों में  लगभग 90% दुनिया भर में इस प्रकार के होते हैं-

(1) खाना खाने के बाद भी बहुत भूख लगना।
(2) त्वचा या मूत्रमार्ग में संक्रमण।
आप टाइप 1 Type 1 Diabetes  है और एक स्वस्थ भोजन की योजना का पालन करें, पर्याप्त व्यायाम करते हैं, और इंसुलिन लेते हैं, आप एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

Type 2 Diabetes

टाइप 2 रोगियों को जरुरी होता की वो स्वस्थ खाना खाए   , शारीरिक रूप से सक्रिय हो , और उनके रक्त में ग्लूकोज का परीक्षण नियमित कराये ।
(1) मांसपेशियों में दर्द।
(2) हर समय कमजोरी और थकान की शिकायत होना।
( 2) मितली होना और कभी-कभी उल्टी होना।
(3) हाथ-पैर में अकड़न और शरीर में झंझनाहट होना।

मधुमेह का उपचार मधुमेह का घरेलु  उपचार देसी नुस्खे

Diabetes, Madhumeh Gharelu Ilaj

(1) जामुन- जामुन का फल खाने में जितना स्वादिष्ट और रुचिकारक होता है उतना ही शुगर की तकलीफ में लाभदायक होता है. इसके लिए जामुन के सेशन में जामुन के फल खाए जा सकते है  और सीजन न होने पर जामुन की घुटली का चूर्ण सुबह शाम बूखे पेट पानी से ले सकते है|
(2) मधुमेह के मरीज को प्यास अधिक लगती है। अतः बार-बार प्यास लगने की अवस्था में नीबू निचोड़कर पीने से प्यास की अधिकता शांत होती है।
(3) खीरा खाकर भूख मिटाइए
(4) एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को मिलाकर जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर रोज सुबह-सुबह खाली पेट लीजिए। इससे Sugar-Diabetes में बहुत फायदा होता है।

(5) गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर प्रतिदिन सेवन करने से भी मुधमेह Diabetes नियंत्रण Control में रहता है।
(6) मधुमेह Madumeh के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में खीरा नींबू निचोड़कर खाकर भूख मिटाना चाहिए।
(7) मधुमेह Diabetes उपचार Upchar मे शलजम का भी बहुत महत्व है । शलजम के प्रयोग से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। इसके अतिरिक्त मधुमेह के रोगी को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग भी ज्यादा करना चाहिए।
(7) 6 बेल पत्र , 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 साबुत काली मिर्च ताज़ी पत्तियाँ पीसकर खाली पेट, पानी के साथ लें और सेवन के बाद कम से कम आधा घंटा और कुछ न खाएं , इसके नियमित सेवन से भी शुगर Sugar सामान्य हो जाती है ।
(8) मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का भोजन लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में बार-बार भूख महसूस होती है। इस स्थिति में खीरा खाकर भूख मिटाना चाहिए।
(9) गाजर-पालक को औषधि बनाइए|
और भी जाने –
  1. Khandsari Sugar Benefits, 20 Uses, and Impact on Blood Sugar: Complete Guide
  2. 10 Sugar Free Sweets For Diwali : How to Enjoy the Festival Tension-Free

Type 1 Diabetes कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवायें

टाइप 1 डायबिटीज पर आधारित भूमि आंवला चूर्ण:

  1. भूमि आंवला चूर्ण: क्या है? भूमि आंवला चूर्ण भूमि आंवला (Phyllanthus niruri) के सुखाए गए पत्तों और फलों को पीसकर प्राप्त किया जाता है। यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जिसे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जाता है।

  2. भूमि आंवला चूर्ण की टाइप 1 डायबिटीज में भूमिका: भूमि आंवला का चूर्ण ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें ऐंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो इंसुलिन की स्थिति को बेहतर बना सकती है। हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज का मुख्य कारण शरीर का अपने इंसुलिन उत्पादन बंद कर देना है, और भूमि आंवला चूर्ण इसमें सीधे रूप में सहायक नहीं हो सकता, परंतु इसका उपयोग डायबिटीज संबंधित अन्य समस्याओं को प्रबंधित करने में हो सकता है।

  3. लाभ:

    • एंटी-ऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज़: भूमि आंवला में प्राकृतिक रूप से एंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले क्षति से शरीर की सुरक्षा करते हैं।
    • यकृत की सहायता: यह यकृत की सहायता करता है और शरीर में जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
    • पाचन में सहायक: भूमि आंवला पाचन प्रक्रिया को सुधार सकता है।
    • इम्यूनिटी बूस्टर: यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत कर सकता है।
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दीव्य मधुनाशिनी वटी: क्या है?

दीव्य मधुनाशिनी वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे मुख्य रूप से डायबिटीज को प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विभिन्न जड़ी-बूटियों और औषधीय पदार्थों से तैयार किया जाता है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

  1. दीव्य मधुनाशिनी वटी की टाइप 1 डायबिटीज में भूमिका: दीव्य मधुनाशिनी वटी मुख्य रूप से टाइप 2 डायबिटीज के लिए प्रचारित होती है, लेकिन कुछ लोग इसे टाइप 1 डायबिटीज में भी उपयोग करते हैं। यह वटी रक्त शर्करा को नियंत्रित कर सकती है और शरीर की मेटाबॉलिजम को सुधार सकती है। हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को इस वटी का सेवन करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

  2. लाभ:

    • रक्त शर्करा नियंत्रण: यह औषधि रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे डायबिटीज के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
    • मेटाबॉलिजम सुधार: यह शरीर की मेटाबॉलिजम को सुधार सकती है, जिससे ऊर्जा का सही उपयोग होता है।
    • इम्यूनिटी बूस्ट: दीव्य मधुनाशिनी वटी में जड़ी-बूटियों की मौजूदगी से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ सकती है।
    • अन्य स्वास्थ्य लाभ: यह वटी ह्रदय संबंधित रोगों, उच्च रक्तचाप और अन्य समस्याओं के प्रभाव को भी कम कर सकती है।

जंबू बीज चूर्ण: क्या है?

जंबू बीज चूर्ण जामुन के पेड़ के बीजों से तैयार किया जाता है। जामुन भारत में एक लोकप्रिय फल है जिसे डायबिटीज की प्राकृतिक रूप में रोकथाम और उपचार में प्रयोग किया जाता है।

  1. जंबू बीज चूर्ण की टाइप 1 डायबिटीज में भूमिका: जंबू बीज चूर्ण मुख्य रूप से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि, यह टाइप 2 डायबिटीज में अधिक प्रयुक्त होता है, टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों के लिए भी इसके कुछ लाभ हो सकते हैं।

  2. लाभ:

    • रक्त शर्करा का नियंत्रण: जंबू बीज चूर्ण शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे डायबिटीज के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
    • एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज: यह चूर्ण में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के अंदर फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, जो कि सेलों को क्षति पहुंचा सकते हैं।
    • पाचन में सुधार: जंबू बीज चूर्ण पाचन प्रक्रिया को सुधार सकता है और पेट संबंधित समस्याओं को दूर कर सकता है।

नीम पत्तियों का चूर्ण: क्या है?

नीम पत्तियों का चूर्ण नीम के पेड़ की पत्तियों को सुखाकर पीसने से तैयार होता है। नीम भारतीय चिकित्सा प्रणाली में अपने उपचारात्मक गुणों के लिए प्रसिद्ध है।

  1. नीम पत्तियों का चूर्ण की टाइप 1 डायबिटीज में भूमिका: नीम पत्तियों में उपस्थित कुछ यौगिक रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज में इसकी प्रत्यक्ष प्रभावकारिता के विषय में और अधिक अध्ययन और शोध की जरूरत है।

  2. लाभ:

    • अभिनिवृत्ति रोधक गुण: नीम के पत्तियों में अभिनिवृत्ति रोधक गुण होते हैं, जो संक्रामक रोगों से बचाव में मदद करते हैं।
    • रक्त शुद्धिकरण: नीम पत्तियों का चूर्ण रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करता है।
    • त्वचा संबंधित समस्याओं में लाभ: नीम पत्तियों का चूर्ण त्वचा की विभिन्न समस्याओं, जैसे मुँहासे, दाद और अन्य त्वचा संक्रमण, में भी लाभदायक होता है।

 

Tpe 2 Diabetes कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवायें

मधुनाशिनी वटी: क्या है?

मधुनाशिनी वटी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जिसे मधुमेह (टाइप 2 डायबीटीज) के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह विभिन्न औषधीय जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है जिससे शरीर में शुगर के स्तर को संतुलित किया जाता है।

Type 2 Diabetes में मधुनाशिनी वटी में रोल

मधुनाशिनी वटी रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करती है और इंसुलिन की सही प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। यह शरीर के सेल्स को ग्लूकोज को सही तरीके से उपयोग में लाने में मदद करती है, जिससे शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।

Benefits

  1. शुगर के स्तर को नियंत्रित करना: मधुनाशिनी वटी रक्त में शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करती है।

  2. इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: यह औषधि शरीर के उत्तराधिकारिकता को इंसुलिन के प्रति सुधारती है, जिससे शरीर इंसुलिन को अधिक कुशलता से उपयोग में लेता है।

  3. प्राकृतिक संघटक: मधुनाशिनी वटी प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से तैयार होती है, इसलिए इसमें कम साइड इफेक्ट्स होते हैं।

  4. शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि: शुगर के संतुलित स्तर से शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है और थकान कम होती है।

चंद्रप्रभा वटी: क्या है?

चंद्रप्रभा वटी एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे विभिन्न स्वास्थ्य संक्रमण और रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 37 प्रकार के प्राकृतिक जड़ी-बूटीयों और औषधीय पदार्थों का मिश्रण होता है।

Type 2 Diabetes में चंद्रप्रभा वटी में रोल

जबकि चंद्रप्रभा वटी का प्रमुख इस्तेमाल यूरिनरी डिसॉर्डर्स, वात रोग और अन्य गुप्त रोगों के लिए होता है, इसे टाइप 2 डायबीटीज में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके औषधीय गुण शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं।

Benefits

  1. शुगर के स्तर को नियंत्रित करना: चंद्रप्रभा वटी रक्त में शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करती है।

  2. प्राकृतिक संघटक: इस औषधि में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है, जिससे इसके साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है।

  3. सामान्य सेहत में सुधार: चंद्रप्रभा वटी शारीरिक और मानसिक सेहत को बेहतर बनाने में मदद करती है।

मधुमेहारि चूर्ण: क्या है?

मधुमेहारि चूर्ण भारत में प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उत्पाद है जिसे मधुमेह (टाइप 2 डायबिटीज) के उपचार के लिए तैयार किया जाता है। यह चूर्ण विभिन्न जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों से तैयार किया जाता है जिसमें कई तत्व होते हैं जो शरीर के रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

मधुमेहारि चूर्ण का Role type 2 diabetes में:

मधुमेहारि चूर्ण के घटक शरीर में इंसुलिन की प्रतिक्रियाशीलता को बेहतर बना सकते हैं। इससे शरीर में शर्करा का स्तर संतुलित रहता है और डायबिटीज के लक्षण भी कम होते हैं। यह चूर्ण पाचन प्रक्रिया को भी सुधार सकता है, जिससे शरीर को उचित पोषण मिलता है और शर्करा का स्तर संतुलित रहता है।

3. Benefits (लाभ):

  • शर्करा के संतुलन: मधुमेहारि चूर्ण शरीर के रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है।
  • इंसुलिन प्रतिक्रियाशीलता: इसके घटक इंसुलिन की प्रतिक्रियाशीलता को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।
  • पाचन में सुधार: मधुमेहारि चूर्ण पाचन प्रक्रिया को बेहतर बना सकता है, जिससे शरीर को अधिक पोषण मिलता है।
  • प्राकृतिक घटक: इसमें प्राकृतिक औषधीय घटक होते हैं जो साइड इफेक्ट्स की संभावना को कम करते हैं।

दियाबेटस चूर्ण: क्या है?

दियाबेटस चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधीय उत्पाद है जिसे विशेष रूप से मधुमेह (टाइप 2 डायबिटीज) के उपचार के लिए तैयार किया जाता है। यह विभिन्न जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों से तैयार किया जाता है जो शरीर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

दियाबेटस चूर्ण का Role type 2 diabetes में:

दियाबेटस चूर्ण के घटक शरीर में इंसुलिन की प्रतिक्रियाशीलता को बेहतर बना सकते हैं। इसका सेवन शरीर में शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है और टाइप 2 डायबिटीज से संबंधित जोखिम को कम कर सकता है।

Benefits (लाभ):

  • शर्करा का संतुलन: दियाबेटस चूर्ण शरीर के रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में सहायक है।

  • बेहतर इंसुलिन प्रतिक्रिया: चूर्ण के घटक शरीर की इंसुलिन प्रतिक्रियाशीलता को बढ़ावा देते हैं, जिससे शरीर इंसुलिन का बेहतर उपयोग कर पाता है।

  • प्राकृतिक घटक: दियाबेटस चूर्ण में प्राकृतिक औषधीय घटक होते हैं, जिससे साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है।

निम्बोली चूर्ण: क्या है?

निम्बोली चूर्ण नीम के बीज (निम्बोली) से तैयार किया जाता है। नीम के बीजों में विशेष औषधीय गुण होते हैं जो कई रोगों, खासकर मधुमेह, के उपचार में प्रयोग होते हैं।

2. निम्बोली चूर्ण का Role type 2 diabetes में:

निम्बोली चूर्ण में उपस्थित घटक मधुमेह के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह शरीर में शर्करा के स्तर को संतुलित रख सकता है और इंसुलिन की प्रतिक्रियाशीलता को बेहतर बना सकता है।

3. Benefits (लाभ):

  • शर्करा की संतुलन: निम्बोली चूर्ण शरीर के रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में सहायक होता है।

  • इंसुलिन प्रतिक्रियाशीलता: निम्बोली चूर्ण में उपस्थित घटक इंसुलिन की प्रतिक्रियाशीलता को बढ़ा सकते हैं।

  • प्राकृतिक घटक: निम्बोली चूर्ण प्राकृतिक औषधीय घटकों से बना होता है, जिससे साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है।

मधुकल्प वटी: क्या है?

मधुकल्प वटी एक आयुर्वेदिक औषधीय प्रेपरेशन है जिसे विशेष रूप से मधुमेह (टाइप 2 डायबिटीज) के उपचार के लिए तैयार किया जाता है। इसमें विभिन्न जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों के घटक होते हैं जो मधुमेह के प्रबंधन में सहायक होते हैं।

2. मधुकल्प वटी का Role type 2 diabetes में:

मधुकल्प वटी के औषधीय घटक मधुमेह के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसे सेवन करने से शरीर में शर्करा के स्तर की वृद्धि को रोका जा सकता है और इंसुलिन की प्रतिक्रियाशीलता में सुधार हो सकता है।

3. Benefits (लाभ):

  • शर्करा की संतुलन: मधुकल्प वटी रक्त में शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करती है।

  • इंसुलिन प्रतिक्रियाशीलता: मधुकल्प वटी के घटक इंसुलिन की प्रतिक्रियाशीलता को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।

  • प्राकृतिक घटक: मधुकल्प वटी प्राकृतिक औषधीय घटकों से बनी होती है, जिससे साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है।

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