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Ayurvedic Treatments: Asthma Dama
Natural Cure HomeRemedy: ASTHAMA
अस्थमा यानी की दमा एक आम समस्या बनती जा रही है,यह एक गंभीर बीमारी है,जो श्वास नलिकाओं को प्रभावित करती है।यह न केवल बडे़ बूढो को बल्कि शिशुओं और छोटे बच्चों को भी होता है।
दमा के दौरे के दौरान सूजन के कारण वायु-मार्ग संकरा तथा मांस- पेशियों में जकडन आ जाती है,यह सूजन नलिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देता है ।दमा कई कारणों से हो सकता है लोगों में यह एलर्जी मौसम,
खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ इत्र, परफ्यूम जैसी खुशबू और कुछ अन्य प्रकार के पदार्थों से हो सकता हैं; कुछ लोग रुई के बारीक रेशे, आटे की धूल, कागज की धूल, कुछ फूलों के पराग, पशुओं के बाल, फफूँद एलर्जित होते हैं।
इससे खांसी, नाक बजना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण पैदा होते हैं।अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है,
ताकि दमे से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।अस्थमा यूनानी शब्द है, जिसका अर्थ है – ‘जल्दी-जल्दी साँस लेना’ या ‘साँस लेने के लिए जोर लगाना’। जब किसी व्यक्ति को अस्थमा का दौरा
पड़ता है तो वह सामान्य साँस के लिए भी गहरी-गहरी या लंबी-लंबी साँस लेता है; नाक से ली गई साँस कम पड़ती है तो मुँह खोलकर साँस लेता है। वास्तव में रोगी को साँस लेने की बजाय साँस बाहर निकालने
में ज्यादा कठिनाई होती है,अस्थमा के रोगी को सांस फूलने या साँस न आने के दौरे बार-बार पड़ते हैं ।अस्थमा के सभी रोगियों को रात के समय, खासकर सोते हुए ज्यादा कठिनाई महसूस होती है।
अस्थमा के कारण : Asthma Causes
- जानवरों से (जानवरों की त्वचा, बाल, पंख या रोयें से)
- पेड़ और घास के पराग कण
- धूलकण
- सिगरेट का धुआं
- वायु प्रदूषण
- ठंडी हवा या मौसमी बदलाव
- पेंट या रसोई की तीखी गंध
- सुगंधित उत्पाद
- मजबूत भावनात्मक
- मनोभाव (जैसे रोना या लगातार हंसना) और तनाव
- एस्पिरीन और अन्य दवाएं
- विशेष रसायन या धूल जैसे अवयव
- पारिवारिक इतिहास
- तंबाकू के धुएं से भरे माहौल में रहनेवाले शिशुओं को अस्थमा होने का खतरा होता है।
अस्थमा घरेलू उपचार
मूली, शहद और नींबू का मिश्रण: एक कप कद्दूकस की हुई मूली में एक चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर उसे 20 मिनट तक पकाएं। इस मिश्रण को दिन में एक बार पीने से आराम मिल सकता है।
सूखी अंजीर और गरम पानी: रात को एक ग्लास गरम पानी में सूखी अंजीर भिगोकर रखें। सुबह उसे खाली पेट खाने से भी लाभ हो सकता है।
शहद और पानी: दिन में तीन बार, एक ग्लास पानी में शहद मिलाकर पीने से भी आराम मिल सकता है।
मेथी दाने और पानी: एक ग्लास पानी में तीन चम्मच मेथी के दाने डालकर उसे उबालें, जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इसे दिन में एक बार पीने से भी राहत मिल सकती है।
तुलसी और अदरक का काढ़ा: तुलसी और अदरक के टुकड़ों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं। इसे पीने से श्वासनाली में आराम मिल सकता है।
हल्दी वाला दूध: हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसे दूध में मिलाकर पीने से अस्थमा के लक्षणों में राहत मिल सकती है।
शहद और दालचीनी: शहद में एंटीऑक्सीडेंट और दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। दोनों को मिलाकर सेवन करने से अस्थमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
अनार और गूसबेरी (आंवला) का जूस: इनमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्युन सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं।
वासा प्लांट: इसके पत्तियों का रस निकालकर पीने से श्वासनाली में आराम मिल सकता है।
पिप्पली और हनी: पिप्पली पाउडर को शहद में मिलाकर लेने से भी अस्थमा के लक्षणों में राहत मिल सकती है।
नस्य थेरेपी: इसमें नाक में आयुर्वेदिक तेल या घी डाला जाता है। यह उपचार श्वासनाली को साफ करने में मदद कर सकता है।