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Sprain hindi meaning – मोच। यह आमतौर पर शरीर के विभिन्न जोड़ों में, जैसे कि पैर या पैरों के अंगुलियों में, उत्पन्न होता है। इसे अंग्रेजी में विभिन्न शब्दों से भी व्यक्त किया जाता है, जैसे – rick, turn, twist, wrench, और wrick।मोच में जोड़ के अस्थि-बंधन या आस-पास के ऊतकों में टूटना, फटना या चोट ह ओ जाना. यह बहुधा जोड़ के स्थान पर अचानक झटका लगने, मुड़ जाने या फिसल जाने के फलस्वरूप होता है. समानयतया कलाई, टखने और कोहनी के जोड़ में अक्सर मोच आ जाती है.
मोच (Sprain) के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
मोच आये हुए स्थान पर मामूली चोट का निशान, दर्द, सूजन हो सकता है. रोगी अपने प्रभावित अंग को हिलाने डुलने व चलने में असमर्थ रहता है. प्रभावित अंग को ज्यादा डुलाने व चलने में असमर्थ रहता है. प्रभावित अंग को ज्यादा हिलाये डुलाये नहीं और उसे सहारा दे, पट्टी दवरा भी सहरा दे सकते है.
सूजन: मोच लगने पर सूजन आ सकती है उस क्षेत्र में।
तेज दर्द: जोड़ों या मांसपेशियों में अचानक तेज दर्द होना।
कमजोरी: मोच आने पर उस भाग में कमजोरी महसूस होती है।
लालिमा या नीलापन: मोच के क्षेत्र में त्वचा का रंग भी बदल सकता है।
मूवमेंट में रुकावट: मोच लगने पर उस भाग को हिलाने में परेशानी हो सकती है।
ठंडा या गरम अहसास: कभी-कभी मोच के क्षेत्र में ठंडा या गरम अहसास हो सकता है।
आवाज़: जोड़ में मोच आने पर कभी-कभी आवाज़ भी आ सकती है।
पैर की मोच का घरेलू उपचार
- मोच की सूजन का इलाज या अंदरुनी चोट आ जाने पर तारपीन के तेल की धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए.
- मोच के जगह पर सरसो का तेल लगाकर उस पर हल्दी-पाउडर छिड़के और छोटे तौलिये से धक दे. एक कपडे में नमक की पोटली बांध ले. इसे गैस पर तवे के ऊपर गरम करे.
- हाथ-पैर की मोच की दवा बनाने के लिए आप आक के पत्ते को चिकना कर नमक लगाकर उस स्थान पर बांध दीजिये. आक का पत्ता न उपलब्ध हो तो पान या आम के पत्ते का उपयोग कर कर सकते है. पान पर तेल चुपड़कर गरम करके सूजन व दर्द वाली जगह पे बांधे।
- मोच के स्थान पर चने रख कर कड़ा बांधे और पानी से तर रखे. इससे चने फूलते जाते है और नस बैठती जाती है.
- मोच के कारण उत्पन सूजन पर तेजपत्ता पीसकर लेप लगने से सूजन मिटने के साथ साथ आराम भी आता है.
- चना पट्टी की लुगदी भी मोच का निवारण करती है.
- पैर में मोच आने के कारण सूजन हो तो मेथी के पत्तो को तेल में भुने और दर्दवाले हिस्से पर फैलाकर पट्टी बांध दे. मोच में आराम मिल जायेगा
- पैर में मोच की दवा – तुलसी के पत्तों का रस मोच पर लगने से बहुत ज्यादा लाभ होगा.
- मोच आ जाने बर्फ रगड़ देने से सूजन नही आती है.
- पैर की मोच का घरेलू उपचार – गेहूँ का आटा या बेसन १० ग्राम में पीसी हुई हल्दी ५ ग्राम मिलाये, अब इसे थोड़े से तिल या अलसी या सरसो के तेल में भून ले. इस मोच वाली जगह पर हलकी ग्राम ही पोटली में बांधकर रखे. मोच में यह जल्दी लाभ पहुँचती है. मोच की सूजन दूर करके रक्त संचार खोल देती है
- तिल की खेल पीसकर पानी डालकर ग्राम करे और ग्राम ग्राम ही मोच पर बढे. इससे दर्द में लाभ होगा
- मोच में भेड़ के दूध की मालिश सुबह शाम करे. इससे मोच में बहुत अधिक फायदा होगा.
- नमक को तवे पर खूब ग्राम करे और गर्म-गर्म हे मोटे कपडे में बांध कर मोच वाली जगह को सेकने से आराम मिल जाता है.
- चोट-मोच के करम सूजन बनी हो तो रोज २ बार नहाने के बाद सूजन पर मिट्टी का तेल लगये. सूजन व दर्द में बहुत आराम मिलेगा.
- जहा मोच आई हो वह सरसो का तेल लगाकर पीसी हुई हल्दी छिड़क दे और उस जगह को किसी कपडे से ढक दे. अब एक कपडे में नमक की पोटली बंदकर तवे पर गर्म करके उस कपडे के ऊपर से ही मोच वाली जगह पर सके. यह क्रिया आधा घंटा करे. सूघ तक मोच उतर जाएगी.
- मोच आ गई तो नारियल की गिरी को महीन पीसकर उसमे चौथाई भाग हल्दी का चूर्ण मिलकर, पोटली बांधकर आग पर ग्राम कारक मोच पर सेकिये, रात को सोते समय कुनकुना बांध दीजिये मोच ठीक हो जाएगी.z
पतंजलि मेडिसिन – पैरों में मोच आने का इलाज
आपके पैरों में मोच आने पर दर्द और असहजता का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए पतंजलि दवाइयों में कुछ उपाय हो सकते हैं जो आपको आराम पहुंचा सकते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ पतंजलि दवाइयों के नाम जो पैरों में मोच के इलाज में सहायक हो सकते हैं:
पतंजलि दिव्य महायोगराज गुग्गुल: यह आयुर्वेदिक दवा जोड़ों और पैरों के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
पतंजलि दिव्य पीराशूलादि वटी: यह दवा पैरों के दर्द को कम करने के साथ-साथ मोच के इलाज में भी सहायक हो सकती है।
पतंजलि दिव्य पंचसकार चूर्ण: यह दवा पैरों की मोच को ठीक करने में मदद कर सकती है और दर्द को कम कर सकती है।
पतंजलि दिव्य सिंहनाद गुग्गुल: यह आयुर्वेदिक दवा पैरों के दर्द और मोच के इलाज में मदद कर सकती है।
पतंजलि दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुल: यह दवा पैरों में मोच के इलाज में सहायक हो सकती है और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
यदि आपकी स्थिति गंभीर है या दर्द बढ़ जाता है, तो कृपया डॉक्टर से सलाह लें और उनकी सिफारिश के अनुसार ही कोई दवाई लें।
ध्यान दें कि यह सुझाए गए दवाइयाँ केवल प्राकृतिक उपाय हो सकती हैं और डॉक्टर की सलाह के बिना उपयोग नहीं की जानी चाहिए।
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मोच की होम्योपैथिक दवा
होम्योपैथिक चिकित्सा में कुछ दवाएं होती हैं जिनका उपयोग मोच और उसके संबंधित सिम्पटम्स के लिए किया जाता है।
Arnica Montana: यह एक आम दवा है जिसे मोच, चोट और अन्य शारीरिक चोट के लिए उपयोग किया जाता है।
Rhus Tox: यह दवा मोच और जोड़ों के दर्द के लिए उपयोगी हो सकती है।
Bryonia: यह दवा तब उपयोगी हो सकती है जब मोवमेंट से दर्द बढ़े।
Ledum Pal: यह दवा तब उपयोगी होती है जब मोच के क्षेत्र में ठंडा अहसास हो।
Bellis Perennis: यह दवा भी चोट और मोच के लिए उपयोग की जाती है, खासकर जब चोट ताजा हो।
कृपया ध्यान दें कि आपको चिकित्सक से पूरी जानकारी लेकर ही किसी भी दवा का उपयोग करना चाहिए। होम्योपैथिक दवाएं भी व्यक्ति की व्यक्तिगत जरूरतों और सिम्पटम्स के आधार पर दी जाती हैं, इसलिए चिकित्सक की सलाह बिना इनका उपयोग न करें।