खट्टी डकार, सीने में जलन को दूर कर देगे 77 आयुर्वेदिक इलाज Khatti Dakar

Khaati dakar hona karan food ka hajam na hona.Gharelu upay apki khatti dakar thik kar denge sath ye desi nuskhe khane ho hajam kar dege.Ap is article me padhege kaise gharelu nuskhe se khaati dakar thik kare. Sath hi Janege Desi ilaj khatti dakar dur karne ka.Khatti dakar ka matalb apach. Apach ap desi nuskhe se dur kar skte hai.

Khaati Dakar Rokne Ke Gharelu Nukhe

                                                  अपच (अजीर्ण)

रोग-जब किसी व्यक्ति को खाया पीया या भोजन ठीक तरह से नही पचता है तो वह अपच या अजीर्ण कहलाता है| इस रोग को सामान्य रोग नहीं समझना चहिये | इस रोग के होने पर रोगी कमजोर होता चला जाता है| रोगी के शरीर में खून बनना बंद हो जाता है | इसके अलावा और भी रोग उत्पन्न हो सकते है | अतः समय रहते इसका उपचार कर लेना  चहिये| अपच या खाना न पचने पर खद्य प्रणाली के अंगो में दर्द होता है , गैस बनती है जिससे भारीपन, बैचेनी,जी मिचलाना , वमन आदि होते है| अग्नि-मद्य , अपच,अजीर्ण,बदहजमी,सभी का अर्थ खाना न पचना है | 

Khaati Dakar Ane Ka Karan

रोग के कारण- यह रोग ज्यादा भोजन करने, बिना चबाये भोजन जल्दी-जल्दी करने, चाय या शराब का ज्यादा मात्रा में सेवन करने , शारीरिक व मानसिक परिश्रम ज्यादा व काम करने , खटाई, तेल, मिर्च-मसाला व अचार का ज्यादा सेवन करने, गंदे वातावरण में रहने, कसे कपडे पहनने तथा घी व तैलीय खाद्य  पदार्थो का ज्यादा सेवन करने आदि के कारण उत्पन्न होता है | इस अपच रोग को बदहजमी भी कहते है |

Khaati Dakar Aane Ke Laksan

रोग के लक्षण- इस रोग में भोजन हजम नही होता है , भूख नही लगती, पेट फूल जाता है , उलटी होती है , जी मिचलाता है, मुँह में पानी आता है, पेट भारी-भारी लगता है, कब्ज हो जाती है , गैस बनती है , सांस से दुर्गन्ध आती है, जीभ पर मेल जम जाती है, पेट में दर्द होता है| ये तमाम लक्षण पेट में अपच रोग के है |

Khatti dakar ka gharelu ilaj 

उपयोगी नुस्खे-
1- हींग को पानी में भिगोकर नाभि पर रखने से डकार आती है व पेट की गैस बाहर निकल जाती है |

2- प्याज के साथ नीम्बू निचोड़कर रोज भोजन के साथ खाने से अपच नही होती है | 

3- आधा चम्मच कच्चे पपीते का रस हल्की से चीनी के साथ सेवन करने से जल्दी ही पाचन क्रिया शुरू हो जाती है |

4- कच्ची मूली के टुकड़ो पर हल्का सा सेंधा नमक, पिसी हुई काली मिर्च व अजवाइन का चूर्ण बुरक ले और ऊपर से एक नीम्बू निचोड़कर मूली को भोजन करने के बाद खूब चबा-चबा कर खाने से अपच में फायदा होता है |

5- देसी कपूर १५ ग्राम, अजवाइन १५ ग्राम व पुदीना १५ ग्राम इन तीनो को पीसकर चटनी बना ले | इसमें से एक चम्मच चटनी दोनों समय भोजन के बाद सेवन करने से अपच की बीमारी ठीक हो जाती है |

6- टमाटर का रस आधा कप लेकर उसमे १-२ चुटकी सेंधा नमक व ५-६ काली मिर्च का चूर्ण मिला ले| इसके सेवन से अजीर्ण रोग ठीक हो जाता है |

7- धनिया व मिश्री का काढ़ा दिन में ४-५ बार पीने से अपच की समस्या दूर हो जाती है |

Khaati Dakar desi Ilaj
Khaati Dakar Treatment in hindi


8- काली मिर्च, सोंठ, हींग व काला जीरा को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना ले | इसमें से एक एक चम्मच चूर्ण गरम पानी से सुबह शाम ले|

9- तुलसी के ५-६ पत्ते, ४-५ दाने कालीमिर्च, एक चम्मच सोंठ, एक चम्मच अजवाइन व थोड़ा सा सेंधा नमक इन सबको मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से अपच की समस्या ख़त्म होती है |

10- २-३ कालिया लहसुन , १-२ टुकड़ा अदरक, हल्का सा हरा धनिया, काली मिर्च ३-४ ग्राम, जीरा ५-६ ग्राम व नमक ३-४ ग्राम इन सबको पीसकर चटनी बना ले और चटनी का सेवन भोजन के साथ करने से अपच से छुटकारा मिलता है|

11- १५ ग्राम जीरा, ७ ग्राम कालीमिर्च, ७ ग्राम सोंठ का चूर्ण व ४ ग्राम सेंधा नमक इन सबको पीसकर चूर्ण बनाकर शीशी में भरकर रख ले | भोजन के बाद एक चम्मच चूर्ण कुछ दिनों तक पानी व मट्ठे के साथ नियमित रूप से लेने से अपच की शिकायत दूर होती है |

12- ४ लौंग, २ हरड़ का चूर्ण व दो चुटकी सेंधा नमक इन सबका काढ़ा बनाकर पीने से अपच की समस्या ख़त्म होती है |

13- छोटी हरड़ , लौंग व नमक का काढ़ा बनाकर पीने से अपच रोग ठीक हो जाता है |

14- दही या मट्ठे में आधा चम्मच बना हुआ जीरा, आधा चम्मच नमक व 
१० -१२ कालीमिर्च का चूर्ण पीसकर मिला ले और यह मट्ठा भोजन के बाद पीने से अपच की शिकायत नही होती है |

15- एक चम्मच राई में आधा चम्मच मेथी के दाने मिलाकर साबुत ही मट्ठे अथवा गरम पानी से निगल जाये इससे अपच रोग ठीक हो जाता है |

16- प्याज के रस में हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से अपच की समस्या दूर हो जाती है |

17-  केले की सब्जी अथवा पके केले से अपच ठीक होती है | पके केले कम से कम ३-४ जरूर कहना चहिये |

18- मूली के रस में शक्कर मिलाकर पीने से अफारा व अपच दोनों ठीक हो जाती है |

19- जामुन की छालको सुखाकर उसका चूर्ण बना ले | एक चम्मच चूर्ण रोज खाने से खट्टी डकारे व अपच की समस्या दूर हो जाती है |

Khatti dakar home remedy – Khatti Dakar Treatment Hindi


20- यदि खाया – पीया ठीक से न पचता हो तो २ ग्राम चाय की पत्ती, १० ग्राम गुड़, आधा कप नीम्बू का रस , १० बुँदे, लहसुन का रस, इन सबको मिलाकर लहसुनिया चाय बनाकर पीये | लहसुन व नीम्बू का रस चाय उबलने के बाद धीरे-धीरे पिए| इससे त्रिदोष दूर होकर पाचन शक्ति बढ़ेगी |

21- पेट दर्द हो तो तुलसी व अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर पिए |
22-  पेट में कीड़े हो तो तुलसी के अर्क में शहद मिलाकर दिन में ३-४ बार ले |

23- गेहू का क्षार सुबह गाय के दूध से बानी छाछ के साथ व सायंकाल ताजा जल से लेने पर पेट के सभी प्रकार के कीड़े नष्ट हो जाते है |

24- पेट रोग का कारण बादी हो तो पीपल व सेंधा नमक पीसकर मट्ठे में  मिलाकर पीये | आराम मिलेगा |

25- पेट रोग का कारण कफ हो तो सफ़ेद जीरा, पीपल , सोंठ, काली मिर्च , अजवाइन व सेंधा नमक मिलाकर पिए आराम मिलेगा |

26- बायबिडंग, कमीला सममात्रा में पीसकर बच्चो को एक ग्राम व बड़ो को तीन ग्राम रात्रि समय ३ दिनों तक दूध में सेवन कराने से पेट के कीड़े पाखाना मार्ग से बाहर निकल आते है |

27-  आधा किलो घीग्वार, त्रिफला अजवाइन , कालानमक (५०-५० ग्राम),  कालीमिर्च-पीपल (१२-१२ ग्राम ) को कूट छान कर मिटटी के बर्तन में 15 दिनों तक धुप में रखे| पेट में बाय दर्द, कब्ज , भूख न लगना, जैसे रोगों में घीग्वार के दो टुकड़े दिन में दो बार भोजन उपरांत ले | पेट के रोग ठीक होंगे | यदि खट्टी डकार आये, पेट फूल जाये, जी मिचलाए तो ५० ग्राम सेंधा नमक और मिला ले | इससे गैस बनना भी बंद होता है |

28-  एक भाग काला नमक, ६ भाग अजवाइन चूर्ण लेकर मिला ले| फिर आधा चम्मच चूर्ण गर्म पानी से ले पेट दर्द तुरंत गायब हो जायेगा |

29- अमृत धारा की २-३ बूंदे शक्कर या बताशे अथवा पानी में मिलाकर लेने से भी पेट दर्द मिट जाता है |

30-  सुबह-शाम भोजनउपरांत एक-एक लौंग चूसने से अम्लपित्त रोग दूर होता है |


31-  भोजन के बाद गुड़ की डली चूसने से अम्लपित्त नही बनता | वायु बनना व खट्टा पानी आना बंद हो जाता है |

32-  खाना खाने के बाद खट्टी डकारे आती हो तो तुलसी की कुछ पत्तिया चबा ले| भोजन करने के पूर्व ही तुलसी की कुछ पत्तिया पीने के पानी में डाल लेने और वह पानी पीने से पाचन दोष नही रहते है |

33-  नीम की छाल, सोंठ, कालीमिर्च को एक साथ पीसे और नित्य प्रातः ताजे पानी के साथ ८-१० ग्राम चूर्ण फांक ले , इससे पेट में घुड़घुड़ होना, खट्टी कसैली डकारे आना बंद हो जाती है |

34-  खाना न पचा हो ,पेट भारीभारी लगता हो तो प्याज लहसुन अदरक का रस एक-एक चम्मच में ३ चम्मच शहद मिलाकर चाटे|

35-  अजीर्ण के साथ-साथ पेट दर्द भी हो तो तुलसी व अदरक के रस का मिश्रण एक एक चम्मच २-२ घंटे के अंतर पर ३ बार ले |

36-  यदि पेट में गैस बन रही हो तो आधा पाव दही में २ ग्राम अजवाइन व आधा ग्राम काला नमक मिलाकर सेवन करे |

37- निर्बीज मुनक्का में एक दो लहसुन की कली छीलकर भोजनोपरांत चबाकर निगलने से गैस नही बनती यदि बने तो तुरंत ख़ारिज हो जाती है |

38-  भूख नही लगती, गैस बनती है, हाजमा सही नही है तो १-३ ग्राम अदरक छीलकर बारीक कतरे और सेंधा या साधारण नमक मिलाकर खाना खाने के आधे घंटे पूर्व एक सप्ताह तक नित्य सेवन करे , भूख खुलकर लगेगी व गैस बनने की समस्या समाप्त हो जाएगी |

39-  तुलसी की ४-५ पत्तिया नित्य चबाकर पानी पीने से उदर रोगों का नाश होता है |

40-  सप्ताह में एक दिन करेले की सब्जी खाने से उदर रोग नही होते है |

41-  भोजन करने से आधा या एक घण्टे बाद नित्य लहसुन की कच्ची कली छीलकर खा लेने से पेट का कैंसर नही होता यदि हो गया हो तो ठीक हो जाता है |

42-  भोजन में दही का नित्य सेवन करने से पेट का कैंसर नही होता है |

 43- लहसुन के साथ अदरक का सेवन करने से पेट में वायु नही बनती है |
 भोजन के पश्चात्  सौंफ खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है|

44- पेट दर्द तेज हो तो नमक व हींग एक भाग तथा खाने का सोडा २ भाग उबलते  पानी में मिलाये| ठंडा होने पर पी ले आराम मिलेगा|

Khatti dakar medicine – Khatti Dakar Gharelu Nuskhe

45- नीम्बू-(१) अपच होने पर नीम्बू  की फांक पर नमक डाल कर गर्म करके चूसने से खाना सरलता से पच जाता है , यकृत के समस्त रोगों में नीम्बू लाभदायक है |

46- (२) भूख नही लगे , अजीर्ण हो, खट्टी डकारे आती हो तो नीम्बू एक गिलास पानी में शक्कर मिलाकर नित्य पिए |

47- (३) एक नीम्बू, नमक अदरक का रस एक चम्मच एक गिलास पानी में मिलाकर नित्य पिए |

48- अमरुद-अपच और अफरा के लिए अमरुद उत्तम औषधि है | इस रोग वालो को २५० ग्राम अमरुद खाना खाने के बाद खाना चहिये | अन्य लोगो को खाना खाने के पहले खाना चहिये |

49- फूलगोभी- गाजर का रस और गोभी का रस समान मात्रा में मिलाकर पीते रहने से जोड़ो और हड्डियों का दर्द, अपच, आँखों की कमजोरी में लाभ होता है |

50- बथुआ-बथुए का रस पीये, सब्जी खाये | इससे पेट के हर प्रकार के रोग यकृत, तिल्ली,अजीर्ण,गैस,कृमि,अर्श,पथरी आदि ठीकहो जाते है |

51- दही-दही में सेका हुआ जीरा , नमक और कालीमिर्च डालकर नित्य खाने से अपच दूर हो जाता है भोजन शीघ्र पच जाता है |

52- लौंग- दो लौंग पीसकर उबलते हुए आधा कप पानी में डाले फिर कुछ ठंडा होने पर पी जाये इस प्रकार ३ बार नित्य करे , भोजन शीघ्र पच जाता है |

53- हींग-हींग, छोटी हरड़,सेंधा नमक , अजवाइन – सब सामान मात्रा में मिलाकर पीस ले | एक चम्मच नित्य ३ बार गर्म पानी से फन्की लेने से अपच ठीक होता है |

54- जीरा- (१) जीरा , सौंठ,कालानमक , पीपल,कालीमिर्च – सब समान मात्रा में मिलाकर पीसकर एक चम्मच भोजन के बाद पानी से लेने से भोजन शीघ्र पचता है |

55- (२) २ चम्मच जीरा एक गिलास पानी में उबाले, ठंडा होने पर आधा आधा कप ३ बार पीये |

56- धनिया-जिसे भोजन नही पचता हो, खाने के बाद जल्दी ही पाखाना जाना पड़ता हो उसे ६० ग्राम सूखा धनिया , २५ ग्राम कालीमिर्च , २५ ग्राम नमक – तीनो मिलाकर पीसकर खाना खाने के बाद आधा चम्मच नित्य फंकी लेनी चहिये |

57- अजवाइन-(१) अजवाइन व  छोटी हरड़ सामान मात्रा में पीसकर हींग व सेंधा नमक स्वादानुसार मिला ले | भोजन के बाद एक चम्मच गर्म पानी से ले |

58- (२) एक चम्मच पीसी हुई अजवाइन और स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर प्रातः भूखे पेट पानी से फंकी लेने से लाभ होता है | 

59- नीम-२५ नीम की पत्ती , ३ लौंग,३ कालीमिर्च पीसकर थोड़ा पानी व 
शक्कर मिलाकर सुबह-शाम नित्य ३ दिन तक पिए |

60- पानी-खाना न पचे , बदहजमी हो जाये तो एक दिन केवल पानी पीकर ही रहे अन्य कुछ न खाये | कब्ज रहे तो भोजन के साथ घूटघूट कर पानी पीते रहना चहिये |

61- मूली- अपच होने पर भोजन के साथ मूली पर नमक , कालीमिर्च डालकर दो माह तक नित्य खाये |

62- अनानास- अनानास की फांक पर नमक व काली मिर्च डालकर खाने से अजीर्ण नष्ट होता है |

63- पपीता-खाना न पचने पर पपीता खाना अच्छा है | यदि आपको 
अपच,अजीर्ण,शूल,खट्टी डकारे आने की शिकायत रहती है तो लगातार  २० दिन तक पापीती का सेवन प्रातः काल नाश्ते के रूप में करे |

64- गाजर-घी,तेल,चिकनी चीजे न पचने पर गाजर का रस ३१० ग्राम , पालक का रस १८५ ग्राम मिलाकर पीये |

65-  प्याज-प्याज काटकर उसपर नीम्बू निचोड़कर भोजन के साथ खाने से अजीर्ण नष्ट होता है | बच्चो के अजीर्ण में प्याज का रस ५ बूँद पिलाने से लाभ होता है |

66- छाछ- घी, तेल, मूंगफली का अजीर्ण होने पर छाछ पीने से लाभ होता है |

67- राई-अजीर्ण होने पर ३ ग्राम राई पीसकर पानी में घोलकर पीये |

68- नमक-(१) पाचन शक्ति ख़राब हो हलके भोजन से दस्त लग जाये | कभी पेचिश,कभी कब्ज,शरीर दुर्बल होता जाये तो ५ ग्राम कालानमक गर्म पानी में घोलकर पिलाने से लाभ होता है | बच्चो को प्रातः एक -दो माह में देना चहिये | सेंधा नमक १ भाग , देसी चीनी ४ भाग मिलाकर पीस ले | इसकी आधी चम्मच फंकी पानी से खाना खाने के १० मिनट बाद लेने से अपच भूख की कमी दूर हो जाती है |

69- (२) कुछ लोगो को खाना खाने के बाद खट्टी डकारे आती है | गले तक खट्टा पानी आ जाता है | ऐसे में नमक छोड़ने या नमक बहुत कम मात्रा में लेने से से अपच ठीक हो जाती है | 

70- अदरक-(१) अदरक का रस १ चम्मच , एक नीम्बू का रस और सेंधा नमक स्वादनुसार मिलाकर २ बार,खाने से पहले और खाने के बाद पीने से अपच दूर हो जाती है |

71- (२) सौंठ का चूर्ण आधा चम्मच , थोड़े से गुड़ में मिलाकर भोजन करने के बाद कुछ दिन खाने से पाचन अग्नि तीव्र होती है और उदार रोग नष्ट हो जाते है |

72- (३) अमरुद के रस में सौंठ डालकर पीने से भोजन पचता है,भूख लगती है | यह कम से कम १० दिन नित्य पीये |

73- तुलसी-तुलसी,कालीमिर्च खाना खाने के बाद चबाने से अजीर्ण,मंदाग्नि ठीक होती है |

74- कॉफ़ी-भोजन के बाद कॉफ़ी से चित्त प्रसन्न और हल्कापन  महसूस होता है मानो कि पेट में कुछ खाया ही नहीं | खाना खाने के बाद होने वाला पेटदर्द , अफीम खाने से हुई अपच, भोजन न पचने आदि में तेज कॉफ़ी से स्फूर्ति आती है |

75- हींग-हींग से बनी होम्योपैथिक मदर टिंचर कि १० बूंदे एक चम्मच पानी में मिलाकर पीने से बदहजमी ठीक होती है |

76- लाल मिर्च से बनी होम्योपैथिक मदर टिंचर कैप्सिकम एनम कि ५ बूँद एक चम्मच पानी में मिलाकर भोजन से पहले पीने से बदहजमी ठीक होती है |

77- दालचीनी-अजीर्ण होने पर दालचीनी , सौंठ, इलाइची,जरा-जरा सी खाते रहने से लाभ होता है |

Khaati Dakar hone par Sujhav Aur Parhej

परहेज व सुझाव-
१- तेज मिर्च मसाले युक्त खाद्य पदार्थ, गरिष्ठ भोजन, अंडा,मांस , मछली व शराब का सेवन न करे |

२- हरी सब्जी में मूली , पालक, लौकी, बाथू, तरोई व परवल आदि ही खाये |

३- भोजन के बाद थोड़ा टहलने का नियम बनाये |

४- रेशेयुक्त भोजन अधिक खाये |

५- रोटी में चोकर युक्त रोटी खाये |

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